लैब तकनीशियन भर्ती मामला : भर्ती प्रक्रिया में हस्तक्षेप से इंकार, याचिकाएं खारिज।
हाईकोर्ट ने लैब तकनीशियन भर्ती मामले में राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लैब तकनीशियन भर्ती 2016 की वैधानिकता के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया में कोई अवैधानिकता नहीं है। कोर्ट के आदेशानुसार नियमों का पालन करते हुए चयन किया गया है। कोर्ट ने इस मामले में दाखिल दर्जनों याचिकाएं खारिज कर दी हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने नमित पांडेय व दर्जनों अन्य की याचिकाओं पर दिया है।
कोर्ट ने अंतरिम आदेश से पहले ही चयनित अभ्यर्थियों की कोविड 19 के प्रकोप के कारण नियुक्ति पर लगी रोक को खत्म करते हुए सरकार को अस्पतालों में तैनाती की छूट दे दी थी।
कोर्ट ने कहा कि लैब तकनीशियन भर्ती के लिए 20 दिसंबर 2003 के शासनादेश व नियमानुसार इंटरमीडिएट पास राज्य मेडिकल फैकल्टी में पंजीकृत लैब तकनीशियन डिप्लोमाधारकों को ही योग्य करार दिया गया है।
कोर्ट ने कहा, विज्ञापन शर्तों में पंजीकृत होने की शर्त नहीं थी। ऐसे में चयनित अभ्यर्थियों को पंजीकृत होने का मौका दिया और साक्षात्कार में एक पद पर तीन को बुलाने के लिए कटआफ मार्क में ढील दी, इसलिए यह कहना सही नहीं है कि गेम के बीच में नियम बदले गए।
कोर्ट ने कहा कि याचियों ने चयन में दुर्भावना व पक्षपात का आरोप नहीं लगाया है और चयन में अवैधानिकता का साक्ष्य नहीं दे सके। कोर्ट ने कहा कि केवल सामान्य और निराधार आरोपों पर चयन प्रक्रिया रद्द नहीं की जा सकती।
हाईकोर्ट ने लैब तकनीशियन भर्ती मामले में राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लैब तकनीशियन भर्ती 2016 की वैधानिकता के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया में कोई अवैधानिकता नहीं है। कोर्ट के आदेशानुसार नियमों का पालन करते हुए चयन किया गया है। कोर्ट ने इस मामले में दाखिल दर्जनों याचिकाएं खारिज कर दी हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने नमित पांडेय व दर्जनों अन्य की याचिकाओं पर दिया है।
कोर्ट ने अंतरिम आदेश से पहले ही चयनित अभ्यर्थियों की कोविड 19 के प्रकोप के कारण नियुक्ति पर लगी रोक को खत्म करते हुए सरकार को अस्पतालों में तैनाती की छूट दे दी थी।
कोर्ट ने कहा कि लैब तकनीशियन भर्ती के लिए 20 दिसंबर 2003 के शासनादेश व नियमानुसार इंटरमीडिएट पास राज्य मेडिकल फैकल्टी में पंजीकृत लैब तकनीशियन डिप्लोमाधारकों को ही योग्य करार दिया गया है।
कोर्ट ने कहा, विज्ञापन शर्तों में पंजीकृत होने की शर्त नहीं थी। ऐसे में चयनित अभ्यर्थियों को पंजीकृत होने का मौका दिया और साक्षात्कार में एक पद पर तीन को बुलाने के लिए कटआफ मार्क में ढील दी, इसलिए यह कहना सही नहीं है कि गेम के बीच में नियम बदले गए।
कोर्ट ने कहा कि याचियों ने चयन में दुर्भावना व पक्षपात का आरोप नहीं लगाया है और चयन में अवैधानिकता का साक्ष्य नहीं दे सके। कोर्ट ने कहा कि केवल सामान्य और निराधार आरोपों पर चयन प्रक्रिया रद्द नहीं की जा सकती।
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