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Monday, September 28, 2020

UPPSC : बार-बार बदलावों से घट गए चयन के अवसर, और भी कठिन बनी आगे की राह, पीसीएस-19 में क्वालीफाई होने वालों की घटी संख्या

UPPSC : बार-बार बदलावों से घट गए चयन के अवसर, और भी कठिन बनी आगे की राह।

प्रयागराज :  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षाओं में बड़ी संख्या में बाहरी छात्रों के सफल होने और यूपी के अभ्यर्थियों के बाहर होने के पीछे लगातार हो रहे प्रयोग भी जिम्मेदार हैं। पीसीएस परीक्षा में 1998 से ही कोई न कोई बदलाव होता रहा है। आयोग के इन प्रयोगों ने सफलता के जूझ रहे अभ्यर्थियों के लिए आगे की राह और कठिन बना दी है। पीसीएस-2019 की मुख्य परीक्षा भी कई नए बदलावों के साथ हुई। बदलाव भी ऐसे हैं, जिन्होंने अभ्यर्थियों चयन के अवसर घटाए और मानविकी विषय के अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका दिया। 


पीसीएस-2018 में प्रमुख रूप से तीन बदलाव हुए। सामान्य अध्ययन के दो की जगह चार पेपर हो गए। पहले दोनों पर पेपर आब्जेक्टिव थे, अब चारों सब्जेक्टिव हो गए। दो वैकल्पिक विषयों की जगह एक विषय वैकल्पिक कर दिया गया और इंटरव्यू दो सौ अंकों की जगह 100 अंकों का करश दिया गया। पीसीएस की अंतिम मेरिट में प्रारंभिक परीक्षा के अंक नहीं जुड़ते हैं और इंटरव्यू के अंक भी घटा दिए गए। ऐसे में चयन पूरी तरह से मुख्य परीक्षा पर निर्भर हो गया। ये बदलाव उन अभ्यर्थियों के अनुकूल थे, जो पहले से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में पिछले कई वर्षों से यूपीपीसीएस की तैयारी में जुटे प्रदेश के अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा और अन्य राज्यों के छात्र बाजी मार ले गए।

यूपी के अभ्यर्थी इस बदलाव के अनुकूल खुद को ठीक से ढाल भी नहीं सके थे, इससे पहले पीसीएस-2019 में तीन बड़े बदलाव कर दिए गए। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने तय किया कि प्रारंभिक परीक्षा में पदों की संख्या के मुकाबले केवल 13 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई कराया जाएगा। जबकि, पहले 18 गुना अभ्यर्थी पास होते थे। वहीं, मुख्य परीक्षा में तीन की जगह दोगुने अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई कराने का निर्णय लिया गया। ऐसे में पीसीएस-2018 में अचानक बदले गए पैटर्न से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों के लिए पीसीएस-2019 से चयन के अवसर भी घट गए। सिर्फ यही नहीं, मुख्य परीक्षा से पांच विषय रक्षा अध्ययन, समाजकार्य, अरबी, फारसी, कृषि अभियांत्रिकी बाहर कर दिए गए।

माइनस मार्किंग भी हुई लागू

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2019 से अपनी सभी परीक्षाओं में माइनस मार्किंग भी परीक्षा भी माइनस मार्किंग के साथ लागू कर दी है। इसी के तहत पीसीएस-2019 की प्रारंभिक कराई गई थी। इस बदलाव ने भी अभ्यर्थियों के लिए चुनौती बढ़ाई।

पीसीएस-2020 प्री के बाद बड़े आंदोलन की तैयारी

पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षाच 11 अक्तूबर को प्रस्तावित है। इसके बाद बड़े आंदोलन की तैयारी है। प्रतियोगी छात्रों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे कौशल सिंह का कहना है कि इस मसले पर प्रदेश भर से युवाओं को इकट्ठा कर नया संगठन बनाया जाएगा और सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ी जाएगी।

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