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Saturday, September 5, 2020

चयन बोर्ड अब नहीं कर सकेगा भर्ती शून्य, माध्यमिक कॉलेजों में शिक्षकों के चयन के लिए नियमित भर्ती परीक्षाएं कराने का आदेश

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से शिक्षक भर्ती का नया विज्ञापन अक्टूबर में आने के आसार।

प्रयागराज : शीर्ष कोर्ट की सख्ती के बाद भी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से शिक्षक भर्ती का नया विज्ञापन जारी होने का मुहूर्त तय नहीं हो पा रहा है। अब अक्टूबर में विज्ञापन जारी होने के आसार हैं, हालांकि बोर्ड की बैठक इसी हफ्ते होनी है। इसमें कई फैसले हो सकते हैं। चयन बोर्ड कार्यालय के सामने सोमवार को प्रतियोगियों ने घंटों प्रदर्शन किया और परीक्षा और परिणाम पटरी पर लाने की मांग की।

प्रतियोगी मोर्चा के बैनर तले विक्की खान, शेर सिंह की अगुवाई में विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन शुरू हुआ जिसमें कई जिलों से प्रतियोगी शामिल हुए। सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चयन बोर्ड के उप सचिव से मिला। उप सचिव जी ने बताया कि इसी सप्ताह बोर्ड की बैठक संभावित है बैठक में जीव विज्ञान परीक्षा की तारीख घोषित हो सकती है। नए विज्ञापन में जीव विज्ञान को शामिल करने पर बैठक में चर्चा हो सकती है। संकेत हैं कि विज्ञान भाग एक, विज्ञान भाग दो के रूप में विज्ञापन आएगा। वहीं भौतिक विज्ञान व रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान व वनस्पति विज्ञान में पदों को बांटा जा सकता है।

जीव विज्ञान 2011 का रिजल्ट जल्द घोषित हो सकता है। उप सचिव ने कहा कि कला के जिन अभ्यर्थियों को समस्या आ रही हैं वे लोग स्नातक व प्राविधिक कला की मार्कशीट की पीडीएफ बनाकर स्नातक के जगह पीडीएफ को समिट कर दे मान्य होंगी। शारीरिक शिक्षा का रिवाइज रिजल्ट बन कर तैयार है 11 सितंबर तक आ सकता है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर रिजल्ट नहीं आता तो 11 तारीख के बाद क्रमिक अनशन शुरू होगा। मोर्चा प्रदेश संयोजक ने कहा है कि अगर हमारे बिंदुओं पर चयन बोर्ड अमल नहीं करता है तो आंदोलन होगा। मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह ने कहा कि चयन बोर्ड की कार्यशैली की वजह से न समय से विज्ञापन और न ही समय से परीक्षा और न ही समय से रिजल्ट घोषित कर पा रहा है।


शिक्षक भर्ती : चयन बोर्ड की इसी हफ्ते बैठक, कई फैसलों पर लग सकती मुहर,
 प्रतियोगियों ने कार्यालय के सामने किया घंटो प्रदर्शन, जमकर नारेबाजी।

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चयन बोर्ड अब नहीं कर सकेगा भर्ती शून्य, माध्यमिक कॉलेजों में शिक्षकों के चयन के लिए नियमित भर्ती परीक्षाएं कराने का आदेश।


प्रदेश में बेरोजगारों के लिए बड़ी खुशखबरी है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र अब भर्ती शून्य नहीं कर सकेगा, बल्कि उसे प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों का नियमित चयन करना ही होगा। शीर्ष कोर्ट के आदेश से एडेड माध्यमिक कालेजों में तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति की नौबत नहीं आएगी और पठन-पाठन भी प्रभावित नहीं होगा। इस आदेश से चयन बोर्ड को जल्द भर्ती निकालनी होगी। ज्ञात हो कि एक शिक्षक भर्ती इसी माह घोषित करने की तैयारी है।

सूबे के 4500 से अधिक अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कालेजों के लिए प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों के चयन का जिम्मा चयन बोर्ड पर है। इधर, चार वर्ष से चयन बोर्ड ने कोई नई भर्ती घोषित नहीं की है, जबकि कालेजों में लगातार शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं और बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं। इसी का लाभ उठाकर कालेज प्रबंधक तदर्थ शिक्षकों की तैनाती करते आ रहे हैं। शीर्ष कोर्ट ने 26 अगस्त को तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण मामले की सुनवाई करते हुए अहम फैसला दिया है। फैसले में कई निर्देश में सबसे अहम नियमित शिक्षकों का चयन होना है।





बोर्ड भर्तियां घोषित करने में आनाकानी करता आ रहा । है। इससे प्रतियोगियों में नाराजगी भी है। प्रधानाचार्य भती की लटी : चयन बोर्ड अब तक वर्ष 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती पूरी नहीं कर सका है। वहीं, 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती के साक्षात्कार शुरू तक नहीं हो सके हैं। उसकी अभिलेखों की छंटनी चल रही है। इधर कोई भर्ती घोषित नहीं हुई है। एडी मार्मिक ने मांगा मार्गदर्शन : अपर शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने कोर्ट के अहम बिंदु शासन को भेजकर मार्गदर्शन मांगा है।



10 वर्षों में केवल तीन भर्तियां : चयन बोर्ड ने झार के वर्षों में 2011, 2013 व 2016 में प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों की भर्तियां निकालें। यानी दस वर्ष में केवल तीन भर्तियां हो सकी हैं, जबकि भर्ती निकालने के लिए चयन बोर्ड ने कालेजों से शिक्षक नियमित अंतराल पर रिटायर हो रहे हैं। 2019 में कोर्ट में हलफनामा भी दिया लेकिन, उसकी राह देखी जा रही है।


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