IAS-PCS से 20 गुना महंगी शिक्षक भर्ती की फीस, नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग महाविद्यालयों में प्रोफेसर भर्ती की ले रहा दो हजार रुपये फीस
यूपीएससी, यूपीपीएससी एसएससी लेता है सौ रुपये आवेदन शुल्क
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की भी यही फीस
प्रयागराज । उत्तर प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन फीस आईएएस-पीसीएस बनने की भर्ती परीक्षा से भी 20 गुना महंगी है। नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने विज्ञापन संख्या 51 के तहत बीएड के 107 पदों पर भर्ती के लिए 13 जून तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। इसके लिए अनारक्षित, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग की फीस 2000 रुपये जबकि एससी/एसटी के लिए फीस 1000 रुपये रखी गई है।
दूसरे भर्ती आयोगों से तुलना की जाए तो नवगठित आयोग की फीस 20 गुना अधिक है। उदाहरण के तौर पर संघलोक सेवा आयोग देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा के लिए अनारक्षित, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से महज 100 रुपये आवेदन शुल्क लेता है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भी प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) परीक्षा के लिए अनारक्षित, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से 100 रुपये आवेदन शुल्क और 25 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क लेता है। एससी/एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों से 40 रुपये आवेदन फीस और 25 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क लिया जाता है। यही नहीं केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और कार्यालयों में भर्ती करने वाला कर्मचारी चयन आयोग भी 100 रुपये आवेदन शुल्क लेता है।
छात्रों में नाराजगी, सोशल मीडिया पर उठी मांगः इस भारी फीस को लेकर छात्रों में नाराजगी है। कई अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया है और सरकार से फीस कम करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब देश की सबसे बड़ी सेवाओं में आवेदन के लिए नाममात्र की राशि ली जाती है, तो शिक्षक भर्ती में इतना शुल्क लेना अनुचित है। इतनी अधिक फीस गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को शिक्षक बनने के सपने से दूर कर सकती है। उनका कहना है कि शिक्षा सेवा को प्रोत्साहित करने के लिए यह जरूरी है कि इसमें शामिल होने की प्रक्रिया सुलभऔर समान रूप से न्यायसंगत हो।
0 comments:
Post a Comment