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Wednesday, August 19, 2020

कॉमन एलिजबिलिटी टेस्ट (सीईटी) से लाखों परीक्षार्थियों समेत एसएससी को भी मिलेगी राहत

सीईटी से लाखों परीक्षार्थियों समेत एसएससी को भी मिलेगी राहत।

प्रयागराज : केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में एक भर्ती परीक्षा कॉमन एलिजबिलिटी टेस्ट (सीईटी) आयोजित किए जाने से कर्मचारी चयन आयोग  (एसएससी) का बोझ कम हुआ है। एसएससी को तीन बड़ी परीक्षाओं कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल), कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल (सीएचएसएल) एवं मल्टी टॉस्किंग स्टॉफ  (एमटीएस) के पहले चरण की परीक्षा टियर-1 से मुक्ति मिलेगी।





इसके साथ लाखों परीक्षार्थियों को भी बार-बार एक स्तर की परीक्षा के लिए देश के एक कोने से दूसरे कोने तक यात्रा करने और फालतू खर्च से राहत मिलेगी। सीईटी पास कर लेने के बाद उन्हें पहले चरण के लिए तीन वर्ष तक अगले चरण की परीक्षा में शामिल होने के योग्य माना जाएगा।

सीईटी की पहले चरण की परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थी दूसरे चरण की परीक्षा के लिए एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड एवं बैंकिंग सेवा की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे। एसएससी की ओर से दूसरे, तीसरे एवं स्किल टेस्ट पूर्व की भांति होंगे। वहीं एसएससी की टियर-1 परीक्षा के आयोजन से मुक्ति के बाद परीक्षार्थियों को बार-बार परीक्षा में बैठने से मुक्ति मिलेगी।



केंद्र सरकार की ओर से 2019 के बजट के समय एक भर्ती परीक्षा कराने की योजना के बारे में चर्चा की गई थी, इसके बाद दूसरी बार 2020 के बजट में भी इस बाबत वित्तमंत्री ने प्रस्ताव रखा था। एक भर्ती परीक्षा के आयोजन से परीक्षार्थियों को होने वाले लाभ को लेकर अमर उजाला ने प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित की थी।

एसएससी मध्य क्षेत्र के निदेशक राहुल सचान का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से तैयार ड्राफ्ट के अनुसार एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड एवं बैंकिंग सेवा भर्ती के लिए ग्रेजुएट, हायर सेकेंडरी, मैट्रिक स्तर पर तीन अलग परीक्षाएं होंगी।

इसमें सफल होने वाले परीक्षार्थी एसएससी, रेलवे, बैंकिंग में से किसी भर्ती के दूसरे चरण की परीक्षा में शामिल होने के लिए अर्ह हो जाएंगे। निदेशक के मुताबिक एक परीक्षा होने से लाखों परीक्षार्थियों को एसएससी की सीजीएल, सीएचएसएल, एमटीएस भर्ती परीक्षा टियर-1 की परीक्षा से मुक्ति मिलेगी। पहले चरण की परीक्षा से मुक्ति के बाद एसएससी की परीक्षाओं के सत्र नियमित होंगे।


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