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Wednesday, August 19, 2020

Common Eligibility Test : संयुक्त योग्यता परीक्षा को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों पर होगी भर्ती

सरकारी नौकरियों के लिए देश मे अब एक एजेंसी- एक परीक्षा, राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी को कैबिनेट की मंजूरी।


Common Eligibility Test :  संयुक्त योग्यता परीक्षा को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों पर होगी भर्ती।

नई दिल्ली : Common Eligibility Test (CET): केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों एवं संगठनों में सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी। मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों पर भर्ती के लिए एक ही संयुक्त योग्यता परीक्षा (Common Eligibility Test - CET) को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार के सचिव सी चंद्रमौली से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान की लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं और इन सभी की परीक्षाओं को हम धीरे-धीरे समय के साथ भविष्य में सामान्य पात्रता परीक्षा (Common Eligibility Test) कराएंगे। हालांकि, आरम्भ में केवल तीन एजेंसियों के परीक्षाओं को सामान्य बनाया जा रहा है।

मंजूरी मिलने के बाद संयुक्त योग्यता परीक्षा का आयोजन अगले वर्ष यानि 2021 से किया जाना है, इसके तहत सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को केंद्रीय विभागों एवं संगठनों में भर्ती के लिए अलग-अलग आवेदन नहीं करने होंगे।

क्या है संयुक्त योग्यता परीक्षा?

सरकार ने संयुक्त योग्यता परीक्षा का प्रस्ताव सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा बेरोजगारों को सहुलियत देने के उद्देश्य किया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री जितेंद्र सिंह ने 13 मार्च 2020 को जानकारी दी थी कि सरकारी एजेंसियों और हर वर्ष आवेदन करने वाले 2.5 करोड़ उम्मीदवारों हेतु भर्ती प्रक्रिया को दुरूस्त करने के लिए केंद्र सरकार एक ऑटोनॉमस बॉडी ‘नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (National Recruitment Agency - NRA)’ का गठन करेगी जो कि कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का ऑनलाइन आयोजन करेगी।





National Recruitment Agency (NRA) 2020 : केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों में सीईटी के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी स्थापित करने की दी अनुमति।

NRA 2020 अब सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए कोई अलग से परीक्षा नहीं होगी बल्कि एक ऑनलाइन सीईटी होगी।

NRA 2020 : केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सभी अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए प्रस्तावित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) आयोजित करने के लिए एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एनआरए की मंजूरी के साथ, भारत में नौकरी तलाशने वाले उम्मीदवार, जो विभिन्न सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों के लिए कई परीक्षाओं के लिए आवेदन करते हैं, उन्हें अब एक ही ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा, सीईटी के लिए उपस्थित होना होगा। इसके स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे।





सरकार के सचिव, सी चंद्रमौली ने कहा कि केंद्र सरकार में लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं। हालांकि, हम अब तक केवल तीन एजेंसियों की परीक्षाएं ही सामान्य कर रहे हैं, लेकिन हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कर सकेंगे। बता दें कि सीईटी आयोजित करने के लिए एनआरए स्थापित करने का प्रस्ताव इस वर्ष 1 फरवरी को अपने केंद्रीय बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं का हिस्सा था।




नई राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के तहत ये बड़े बदलाव होंगे : अब सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए कोई अलग से परीक्षा नहीं होगी, बल्कि एक ऑनलाइन सीईटी होगी। परिणाम की घोषणा की तारीख से CET के स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे। प्रत्येक उम्मीदवार को अपने स्कोर में सुधार करने के लिए दो अतिरिक्त मौके मिलेंगे। तीनों स्कोर में से सबसे अच्छा माना जाएगा। NRA द्वारा CET मेरिट लिस्ट राज्य सरकार की नौकरियों में भर्ती के लिए लागत-साझाकरण के आधार पर भी लागू होगी। एनआरए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के समान होगा, जो पूरे भारत में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है।


राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी:- वक्त की मांग भी थी और जरूरत भी


यह वक्त की मांग भी थी और जरूरत भी कि केंद्र सरकार की विभिन्न नौकरियों की भर्ती के लिए अलग-अलग परीक्षाओं के सिलसिले को खत्म किया जाए। केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी देकर केवल करोड़ों छात्रों को बड़ी राहत ही नहीं दी है, बल्कि संसाधनों की बर्बादी को रोकने का भी काम किया है। इसका कोई मतलब नहीं था कि बैंकों, रेलवे और अन्य सरकारी विभागों के लिए छात्र अलग-अलग परीक्षाएं दें, लेकिन ऐसा ही हो रहा था। इस क्रम में करीब 20 भर्ती एजेंसियां अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करती थीं। इसके चलते छात्रों को हर परीक्षा के लिए अलग से तैयारी ही नहीं करनी पड़ती थी, बल्कि उन सबके लिए बार-बार फीस भी भरनी पड़ती थी। यही नहीं उन्हें अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल होने के लिए इस या उस शहर की दौड़ भी लगानी पड़ती थी। इसी के साथ उन्हें इसकी भी चिंता करनी पड़ती थी कि कब कौन सी परीक्षा के लिए आवेदन मांगे गए हैं? इस सबसे मुक्ति सरकारी नौकरियों की तलाश करने वाले करोड़ों युवाओं के लिए एक बड़ी राहत है। इस राहत को इससे समझा जा सकता है कि केंद्रीय सेवाओं की केवल तीन भर्ती परीक्षाओं में ही करीब ढाई करोड़ अभ्यर्थी बैठते हैं।





महत्वपूर्ण केवल यह नहीं है कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी अलग-अलग नौकरियों के लिए साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी, बल्कि यह भी है कि इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट तीन साल के लिए मान्य होगी। फिलहाल राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी रेलवे और बैंकों के साथ कर्मचारी चयन आयोग के तहत होने वाली भर्तियों के लिए साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी। इसका कारण संभवत: उचित व्यवस्था के निर्माण के साथ हर जिले में एक परीक्षा केंद्र बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जाना है। जो भी हो, यह व्यवस्था इस तरह बनाई जानी चाहिए जिससे वह पारदर्शी होने के साथ भरोसेमंद भी बने। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के जरिये होने वाली साझा पात्रता परीक्षा इस तरह होनी चाहिए जिससे उसकी विश्वसनीयता को लेकर कहीं कोई सवाल न उठने पाएं, क्योंकि हाल के समय में कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगे हैं। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के जरिये साझा पात्रता परीक्षा की तैयारी के साथ यह भी उचित होगा कि केंद्रीय सेवाओं में रिक्त पड़े पदों को समय रहते भरने में तत्परता का परिचय दिया जाए। जो पद समाप्त किए जाने हैं वे समाप्त किए जाएं, लेकिन शेष रिक्त पदों की भर्ती प्राथमिकता के आधार पर की जानी चाहिए। अच्छा होगा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के फैसले को राज्य सरकारें अपने लिए अनुकरणीय उदाहरण समङों। कुछ ऐसा ही फैसला उन्हें भी लेना चाहिए।


National Recruitment Agency : सरकारी नौकरी के लिए एक भर्ती परीक्षा, जानें NRA से जुड़े हर सवाल का जवाब।


देश में अब सरकारी नौकरी के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने या ढेर सारी परीक्षाएं देने की जरूरत नहीं होगी। केंद्र सरकार ने बुधवार को बड़ा ऐलान करते हुए एक देश एक भर्ती परीक्षा को मंजूरी दे दी है। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) के गठन के साथ ही अलग-अलग विभागों के लिए आपको अलग-अलग परीक्षा नहीं देनी होगी। एक ही परीक्षा के अंकों के आधार पर आप आवेदन कर सकेंगे।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआरए को करोड़ों युवाओं के लिए वरदान बताया है। माना जा रहा है कि इससे भर्ती प्रक्रिया में तेजी आएगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी। आखिर यह एनआरए क्या है? यह किस तरह से परीक्षा आयोजित करेगा? उससे युवाओं को कैसे फायदा होगा? ऐसे ढेर सारे सवाल आपके मन में भी उठ रहे होंगे। आइए जानते हैं उनके जवाब...।

आखिर एनआरए क्या है? इसका फायदा क्या है?

केंद्र सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) का गठन किया है, जिसमें RRB, IBPS और SSC का विलय कर दिया जाएगा। NRA सामान्य योग्यता परीक्षा (CET या सीईटी) का आयोजन कराएगा। सीईटी परीक्षा केंद्र सरकार की नौकरियों के सभी ग्रुप बी और सी पदों के लिए इकलौती प्रवेश परीक्षा होगी।


एनआरए के तहत कौन-कौन सी परीक्षाएं कराई जाएंगी?

स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (IBPS) द्वारा गैर तकनीकी पदों के लिए कराई जाने वाली सभी परीक्षाएं अब एनआरए कराएगी। आगे चलकर केंद्र की सभी परीक्षाएं इससे जुड़ जाएंगी।


क्या राज्यों की एजेंसियों के अंतर्गत होने वाली परीक्षाएं भी इसमें शामिल होंगी?

वर्तमान में सीईटी का स्कोर सिर्फ तीन एजेंसियों तक ही सीमित होगा। मगर सीईटी का स्कोर न सिर्फ राज्यों बल्कि केंद्र व निजी क्षेत्र की भर्ती एजेंसियों के साथ भी इस स्कोर को साझा किया जाएगा।


क्या इस एजेंसी द्वारा कराए जाने वाली सीईटी परीक्षा पास करते ही नौकरी पक्की हो जाएगी?

अभी तो नहीं लेकिन भविष्य में ऐसा संभव है। सीईटी अभी सिर्फ टीयर-1 यानी स्क्रीनिंग या शॉर्टलिस्ट की परीक्षा है। इसमें पास होने वाले छात्र वेकैंसी के लिए होने वाली उच्च स्तरीय परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे। हालांकि कुछ एजेंसियों ने सिर्फ सीईटी परीक्षा के आधार पर सीधे नौकरी देने के भी संकेत दिए हैं।


एनआरए की सीईटी परीक्षा के लिए क्या योग्यता चाहिए? इसका सिलेबस क्या होगा?

अलग-अलग शैक्षिक योग्यता के लिए अलग सीईटी परीक्षा आयोजित होगी। अभी तीन स्तर पर परीक्षा आयोजित होगी। 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएट स्तर के लिए। हालांकि पाठ्यक्रम एक ही होगा। परीक्षा का सिलेबस 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन स्तर के आधार पर ही होगा।


सीईटी का स्कोर कितने साल तक मान्य रहेगा? इस परीक्षा को कितनी बार दे सकते हैं?

सीईटी का स्कोर परिणाम घोषित होने की तारीख से तीन साल तक मान्य रहेगा। अगर कोई अपना स्कोर बढ़ाना चाहता है तो वह बार-बार यह परीक्षा दे सकता है।

सीईटी परीक्षा के लिए आवेदन कैसे करना होगा? परीक्षा केंद्र कैसे तय किए जाएंगे?

एक बार एनआरए का गठन हो जाए। इसके बाद सरकार सीईटी के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाएगी। इस परीक्षा के आवेदन से जुड़ी सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदन के समय अपनी पसंद का परीक्षा केंद्र भी चुनना होगा। उपलब्धता के आधार पर परीक्षा केंद्र दिए जाएंगे। अभी देशभर में एक हजार परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे और हर जिले में परीक्षा केंद्र होगा।


सीईटी परीक्षा कितनी भाषाओं में होगी और यह परीक्षा साल में कितनी बार होगी? इसमें आवेदन के लिए क्या आयुसीमा चाहिए?

सीईटी की परीक्षा कई भाषाओं में होगी। केंद्र सरकार के मुताबिक यह परीक्षा 12 भाषाओं में होगी। इस परीक्षा का आयोजन साल में दो बार किया जाएगा। इसके लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। सीईटी में अधिकतम आयु सीमा मौजूदा नियमों के तहत होगी। हालांकि एससी, एसटी, ओबीसी व अन्य श्रेणी के उम्मीदवारों को आयुसीमा में छूट मिलेगी।


सरकारी नौकरी के लिए चयन की प्रक्रिया क्या रहेगी?

सीईटी टियर-1 परीक्षा है। इसके तहत उम्मीदवार की स्क्रीनिंग या शॉर्टलिस्टिंग मतलब छंटनी की जाएगी। इसके बाद अगले स्तर की उच्च परीक्षा होगी, जिसमें मेडिकल टेस्ट, इंटरव्यू, फिजिकल टेस्ट भी शामिल होंगे। इनका आयोजन वही संबंधित भर्ती एजेंसियों द्वारा ही किया जाएगा।


क्या इससे जल्द नौकरी मिलने में मदद मिलेगी? केंद्र सरकार ने इसके लिए क्या बजट रखा है?

केंद्र सरकार का कहना है कि इससे भर्ती प्रक्रिया में लगने वाले समय में काफी कमी आएगी। कई विभागों ने तो संकेत दिए हैं कि वे भर्ती के लिए दूसरे दौर की परीक्षा भी नहीं कराएंगे। मतलब आपके सीईटी स्कोर के आधार पर नौकरी मिल जाएगी। शुरुआती तीन साल के लिए केंद्र सरकार ने इसके लिए 1517.57 करोड़ रुपये का बजट रखा है।


National Recruitment Agency CET 2020 FAQs : केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया में सुधार की बड़ी पहल करते हुए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) के गठन को मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत अब ग्रुप 'बी' और ग्रुप  'सी' के नॉन टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों को एक ही ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) में शामिल होना होगा। इस टेस्ट के माध्यम से उम्मीदवार अलग-अलग विभागों में भर्ती के लिए मुख्य परीक्षाओं में शामिल होने के पात्र होंगे। सीईटी में सफल उम्मीदवार 3 साल की अवधि तक सीधे मुख्य परीक्षा हिस्सा ले सकेंगे। इस आर्टिकल में हमने एनआरए और सीईटी सी जुड़ी विस्तृत जानकारियां साझा की है। आईये, जानते हैं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के प्रमुख विषयों पर सवालों के जवाब।


नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी भर्ती प्रक्रिया को कैसे सुव्यवस्थित करेगी? (How National Recruitment Agency will streamline recruitment process?)

बता दें कि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) विभिन्न भर्ती बोर्ड के लिए ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का आयोजन करेगी। अभी तक सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवारों को एक समान पात्रता की शर्तें होने के बावजूद, अलग-अलग भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता है। इससे उम्मीदवारों पर परीक्षा शुल्क से लेकर अन्य कई खर्चो का बोझ पड़ता है। कई बार परीक्षा केंद्रों तक आना-जाना भी बड़ी समस्या होती है। लेकिन, सीईटी से उम्मीदवारों और विभिन्न सरकारी विभागों के खर्च का दबाव कम होगा और व्यवस्था आसान होगी। सीईटी में सफलता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार संबंधित बोर्ड की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इतना ही नहीं, मुख्य परीक्षा में असफल होने के बाद भी उन्हें 3 वर्ष तक सीधे मुख्य परीक्षा देने की अनुमति होगी। बता दें कि एनआरए एक स्वतंत्र, पेशेवर, विशेषज्ञ संगठन होगा। जिसकी स्थापना NTA के तर्ज पर की जाएगी। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी भर्ती प्रक्रिया की व्यवस्था में अहम् भूमिका निभाएगी।


राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षा की पात्रता मानदंड और पैटर्न क्या होगा? (What will be the eligibility criteria and pattern of the exam conducted by national recruitment agency?)

नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी द्वारा सीईटी परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार किया जायेगा। 10 वीं, 12 वीं और स्नातक पास अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग सीईटी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। अभ्यर्थियों के रजिस्ट्रेशन, रोल नंबर, प्रवेश पत्र, मार्कशीट, मेरिट लिस्ट आदि सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से संचालित होंगी। बता दें कि सीईटी कई भाषाओं में उपलब्ध होगी। यह देश के विभिन्न हिस्सों से उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल होने और चयनित होने के समान अवसर प्राप्त करने को सुविधाजनक बनाएगी। सीईटी बहु विकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगी और इसके स्कोरकार्ड 3 साल तक मान्य होंगे। इसके लिए देश के हर जिले में एक परीक्षा केंद्र स्थापित होगा, जिसमें 117 आकांक्षी जिले शामिल होंगे। प्रारंभिक योजना के अनुसार, देशभर में 1,000 परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। बता दें कि भविष्य में सीईटी के स्कोर का उपयोग राज्य और निजी कंपनियां भी कर सकेंगी। एनआरए वर्ष में दो बार ऑनलाइन मोड में सीईटी आयोजित करेगा।


नौकरी खोजने के लिए भर्ती एजेंसी का उपयोग कैसे करें? (How to use a recruitment agency to find a job?)

कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे और उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे। एनआरए के तहत एक परीक्षा में शामिल होने से उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। सीईटी में हिस्सा लेने के लिए अवसरों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। मौजूदा नीति के अनुसार, एससी/एसटी/ओबीसी और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा में छूट दी जाएगी। भविष्य में इस परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के सीईटी स्कोर को केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। एनआरए द्वारा गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं) और मैट्रिक (10वीं) उत्तीर्ण उम्मीदवारों के लिए अलग से सीईटी का संचालन किया जाएगा। इसके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है।




केंद्रों के विकल्प दे सकेंगे उम्मीदवार

उम्मीदवारों को जल्द ही एक सामान्य पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और परीक्षा केंद्रों का विकल्प देने की सुविधा उपलब्ध होगी। बता दें कि उपलब्धता के आधार पर केंद्र आवंटित होंगे। हालांकि, पहले भी ऐसी व्यवस्था थी, लेकिन अब एक परीक्षा होने से आसानी होगी। सबसे अधिक लाभ यह होगा कि अब एक साथ लाखों उम्मीदवारों की परीक्षा ली जा सकेगी। इससे खर्च में भी काफी कमी आएगी और पारदर्शिता भी बनी रहेगी।


महिला अभ्यर्थियों को सहूलियत

कई बार ऐसा देखा गया है कि महिला और दिव्यांग अभ्यर्थी सिर्फ इस कारण से आवेदन नहीं करते थे कि उन्हें दूसरे शहर, या बहुत दूर जाकर परीक्षा देनी पड़ेगी। इसके मद्देनजर सुरक्षा भी एक बड़ी वजह होती थी। नए निर्णय से उन्हें सहूलियत मिलेगी, क्योंकि महज कुछ घंटों में महिला और दिव्यांग उम्मीदवार परीक्षा देकर वापस लौट सकेंगे।



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