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Thursday, August 20, 2020

सीईटी के बाद भर्ती पूरी कराएंगे विभाग, यह एक तरह की छंटनी(स्क्रीनिंग) परीक्षा : क्षेत्रीय निदेशक एसएससी

सीईटी के बाद भर्ती पूरी कराएंगे विभाग, यह एक तरह की छंटनी(स्क्रीनिंग) परीक्षा : क्षेत्रीय निदेशक एसएससी।

प्रयागराज :  केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय सेवाओं में ग्रेड सी और डी की भर्ती में पहले चरण लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का ऐलान किया गया है। सरकार की ओर से इसके लिए एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन की घोषणा की गई है। एनआरसी में रेलवे, बैंकिंग एवं कर्मचारी चयन आयोग से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे। इस घोषणा के बाद परीक्षार्थियों में असमंजस की स्थिति है कि आखिर सीईटी के बाद क्या होगा?



इस संबंध में एसएससी मध्य क्षेत्र के निदेशक राहुल सचान का कहना है कि सीईटी पूरी तरह से छंटनी (स्क्रीनिंग) परीक्षा है। पहले चरण की परीक्षा के बाद दूसरे चरण की परीक्षा के लिए संबंधित भर्ती एजेंसियों एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड और आईबीपीएस की ओर से आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पदों की घोषणा के समय एसएससी, रेलवे, आईबीपीएस विभाग परसेंटाइल घोषित करेंगे। इसी के आधार पर सीईटी में अंक पाने वाले अभ्यर्थी सीजीएल, बैंकिंग अथवा रेलवे की अमुक परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे।

स्नातक, हायर सेकेंडरी, मैट्रिक स्तर के लिए अलग-अलग सीईटी : दूसरे चरण और आगे की परीक्षा एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती बोर्ड को करानी होगी। इसमें स्नातक, हायर सेकेंडरी एवं मैट्रिक स्तर के लिए साल भर में दो बार परीक्षा कराई जाएगी। एनआरए की ओर से सीईटी ऑनलाइन होगी। केंद्रीय सेवाओं के लिए एक भर्ती परीक्षा आयोजित किए जाने से देश भर की अलग अलग एजेंसियों की ओर से होने वाली पहले चरण की परीक्षा से छात्रों को छूट मिलेगी, वह एक परीक्षा देकर सभी भर्ती बोर्ड की परीक्षा देने से बच जाएंगे। फिलहाल, अभी एसएससी, रेलवे और बैंकिंग को ही सीईटी में शामिल किया है, आगे केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से होने वाली 20 परीक्षाओं को इसके नीचे लाने की तैयारी है।

महिलाओं को दूर जाने से मिलेगी मुक्ति : सीईटी कराए जाने से अपने जिले अथवा पाली जिले में परीक्षा केंद्र मिल जाएगा। ऐसे में जो महिलाएं परीक्षा केंद्र दूर होने के चलते परीक्षा में शामिल नहीं होती थीं, वह भी परीक्षा में शामिल हो सकेंगी। सीईटी से महिलाओं, दिव्यांगों को घर से सैकड़ों किमी दूर नहीं जाना होगा। पहले चरण में देश भर में 117 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे।

बार-बार परीक्षा फीस से मुक्ति : पहले चरण के लिए एक भर्ती परीक्षा कराए जाने से राहत मिलेगी। सीईटी में सब कुछ ऑनलाइन होगा, ऐसे में फिजिकल परीक्षार्थियों को बार-बार आवेदन के लिए शुल्क नहीं जमा करना होगा। बड़ी संख्या में छात्र फीस की कमी के चलते आवेदन नहीं कर पाते हैं, उन्हें सुविधा मिलेगी। परीक्षा कराने वाली एजेंसियों को भी बार-बार परीक्षा कराने से वेरीफिकेशन की जरूरत नहीं होगी, इससे धांधली रोकने में मदद मिलेगी।


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