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Thursday, August 13, 2020

माध्यमिक : एडेड कॉलेजों में वर्षों से फंसी प्रिंसिपल भर्ती, शिक्षा सेवा चयन बोर्ड 2021 से पहले नहीं दे पाएगा रिजल्ट

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नहीं हैं प्रधानाचार्य, 599 पदों के लिए अभी तक नहीं हो सका साक्षात्कार।

प्रयागराज। प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2013 में घोषित प्रधानाचार्यों के 599 पदों के लिए अगस्त 2020 तक साक्षात्कार नहीं हो सका है। 2013 के बाद लगातार माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद खाली हैं। सात वर्ष बीत जाने के बाद चयन बोर्ड प्रधानाचार्य के लगभग छह सौ पदों पर भर्ती क्यों नहीं कर सका, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

चयन बोर्ड की ओर से 31 दिसंबर 2013 को शुरू हुई 599 पदों की प्रधानाचार्य भर्ती के लिए प्रदेश के 25031 शिक्षकों ने आवेदन किए हैं। इसमें से बड़ी संख्या में शिक्षक प्रधानाचार्य बनने की आस लिए इन सात वर्षों में रिटायर हो चुके हैं। यही हाल 2011 के प्रधानाचार्य भर्ती में सामने आया, हाल में ही घोषित परिणाम में कई शिक्षकों का चयन रिटायरमेंट के बाद भी हो गया। माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि 2013 से अब तक लगभग एक हजार प्रधानाचार्य के पद खाली हो गए हैं।



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माध्यमिक : प्रधानाचार्य भर्ती की राह में कार्यवाहक भी हैं रोड़ा, तीन हजार से अधिक पद हैं खाली।

प्रयागराज : प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य भर्ती की राह में कार्यवाहक प्रधानाचार्य भी रोड़ा हैं । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रधानाचार्यों के 900 से अधिक पदों पर नवंबर 2011 में चयन प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन आज तक मेरठ, मुरादाबाद, चित्रकूट, बस्ती, गोरखपुर, फ़ैज़ाबाद और कानपुर मंडलों का अंतिम परिणाम घोषित नहीं हो सका है।

यही हाल 599 पदों पर 31 दिसंबर 2013 को शुरू हुई भर्ती का हुआ। इस भर्ती का तो अब तक साक्षात्कार शुरू नहीं हो सका है और चयन बोर्ड अपनी पूरे प्रयास कर ले तो भी जुलाई 2021 से पहले पूरी होने के आसार नहीं है।



भर्ती में देरी का कारण चयन बोर्ड के स्तर से लापरवाही तो है ही कार्यवाहक प्रधानाचार्य को गुट नियमित प्रधानाचार्य को की भर्ती नहीं होने देना चाहता क्योंकि ऐसा होने पर उनके आर्थिक लाभ प्रभावित हो जाएंगे। 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती में कार्यवाहक प्रधानाचार्यों ने भी हाईकोर्ट में याचिकाएं कर इसे विलंबितरखने में अहम भूमिका निभाई है। दरअसल नियमित प्रधानाचार्य नहीं होने पर स्कूल प्रबंधन वरिष्ठतम शिक्षक को कार्यवाहक प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी सौंप देता है। खास बात यह है कि कार्यवाहक प्रधानाचार्य को नियमित प्रधानाचार्य के समान वेतन मिलता है और उसी पद से सेवानिवृत्त होने पर पेंशन भी नियमित प्रधानाचार्य के बराबर मिलती है।

तीन हजार से अधिक पद हैं खाली :: प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों तकरीबन 3136 पद खाली हैं। इनमें इंटर तक के 2655 व हाईस्कूल तक के 1857 स्कूल हैं। पिछले दो-तीन सालों में कई नये स्कूलों को भी ग्रांट इन-एड पर लिया गया है।

▪️कार्यवाहक प्रधानाचार्यों को नियमित के समान मिलता है वेतन

▪️कार्यवाहक रहते हुए रिटायर होने पर प्रधानाचार्य की मिलती है पेंशन

▪️प्रधानाचार्य भर्ती 2011 नौ साल व 2013 सात साल में पूरी नहीं हो सकी

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एडेड कॉलेजों में वर्षों से फंसी प्रिंसिपल भर्ती, शिक्षा सेवा चयन बोर्ड 2021 से पहले नहीं दे पाएगा रिजल्ट


प्रदेशभर के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचायों के 599 पदों पर 31 दिसंबर 2013 को शुरू हुई भर्ती जुलाई 2021 तक भी पूरी होने के आसार नहीं है। मजे की बात है कि इस भर्ती में कोई विवाद नहीं होने के बावजूद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड साढ़े छह सालों में साक्षात्कार तक नहीं ले सका है।


एक मामले में चयन बोर्ड की ओर से 25 फरवरी 2020 को हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामा में कहा गया था कि यदि अगस्त 2020 में इंटरव्यू शुरू होता है तो मई 2021 तक अंतिम चयन परिणाम जारी हो सकेगा। हालांकि फरवरी के बाद कोरोना के कारण सबकुछ अस्तव्यस्त हो गया है। चयन बोर्ड को प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) 2016 के विज्ञान व अंग्रेजी विषय का 23 मार्च से 5 अप्रैल तक साक्षात्कार स्थगित करना पड़ा था। जो 5 अगस्त से दोबारा शुरू हुए हैं और 11 सितंबर तक प्रस्तावित है। चयन बोर्ड सूत्रों की मानें तो पूरी कोशिश के बाद भी अक्टूबर में प्रधानाचार्य भर्ती 2013 का इंटरव्यू शुरू हो सकता है। क्योंकि साक्षात्कार से 21 दिन पहले अभ्यर्थियों को सूचना देने का नियम है। प्रत्येक संस्था के लिए 7 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। 599 स्कूलों के लिए 4193 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार लेने होंगे। एक दिन में 35 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हो सकता है। ऐसे में 120 कार्य दिवस चाहिए होंगे।

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एडेड कालेजों की प्रधानाचार्य भर्ती लटकी, तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने पर असमंजस


प्रयागराज : शैक्षिक कैलेंडर में सत्र बदलते जा रहे हैं। वहीं, एडेड माध्यमिक कालेजों की प्रधानाचार्य भर्ती 2013 में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। सात वर्ष से इस भर्ती के शुरू होने का मुहूर्त तय नहीं हो पा रहा है, जबकि बड़ी संख्या में कालेजों में कार्यवाहक जिम्मा संभाल रहे हैं। लगातार भर्ती शुरू करने की मांग भी हो रही है। कुछ माह पहले चयन बोर्ड ने दावा किया था कि आवेदनों की स्क्रीनिंग और छंटाई चल रही है, यह कार्य पूरा होने का नाम ही नहीं ले रहा है।


प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक (एडेड) कालेजों में संस्था प्रमुख यानी प्रधानाचार्य भर्ती का जिम्मा भी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र पर ही है। 2013 के प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों का चयन लगभग पूरा हो चुका है लेकिन प्रधानाचार्य चयन की प्रक्रिया शुरू होने की राह देखी जा रही है। उस समय 634 पदों के लिए आवेदन लिए गए थे। चयन बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष व बोर्ड ने अपनी बैठक में ऐलान किया था कि इस भर्ती को आगे बढ़ाएंगे, तब उम्मीद जगी थी कि शायद यह भर्ती जल्द शुरू हो जाएगी लेकिन, चयनित सदस्यों का कार्यकाल बढ़ गया फिर भी भर्ती एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। ज्ञात हो कि चयन बोर्ड में इन दिनों 2016 के लिए प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों का साक्षात्कार चल रहा है।




2013 के बाद नहीं हो सकी प्रधानाचार्य भर्ती

शासन के निर्देश पर 2013 में प्रधानाचार्य भर्ती के आवेदन लिए गए, उसके बाद से लेकर अब तक प्रधानाचार्य भर्ती का विज्ञापन नहीं हुआ है, जबकि कालेजों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं।

तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने पर असमंजस
शासन ने कुछ माह पहले एडेड कालेजों में कार्यरत वरिष्ठ शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देकर विनियमित करने पर भी चर्चा चली। शासन ने शिक्षा निदेशालय से पत्रचार किया। शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से लिखा गया कि 2013 प्रधानाचार्य भर्ती अब तक शुरू नहीं है इसलिए उसका विज्ञापन निरस्त किया जा सकता है। इस मुद्दे पर भी अब तक निर्णय नहीं हो सका है। शासन या फिर चयन बोर्ड ने 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती के संबंध में कोई आदेश नहीं दिया है।


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