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Tuesday, August 18, 2020

होम्योपैथिक संविदा शिक्षकों की नियुक्ति नए सिरे से, पुराने शिक्षकों का नहीं किया जाएगा नवीनीकरण

होम्योपैथिक संविदा शिक्षकों की नियुक्ति नए सिरे से, पुराने शिक्षकों का नहीं किया जाएगा नवीनीकरण।

लखनऊ  :: प्रदेश भर के राजकीय होम्योपैथिक कॉलेजों और अस्पतालों में नए सिरे से संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने शिक्षकों के रिक्त पदों को संविदा के आधार पर भरने के 11 अप्रैल 2018 के शासनादेश को निरस्त कर दिया है। इससे पूर्व में हुई सभी संविदा शिक्षकों का नवीनीकरण नहीं हो सकेगा। चयन समिति भी कटघरे में है।




अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने 14 अगस्त को एक आदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य सचिव वी हेकाली झिमोमी ने संविदा शिक्षकों के आरोपों के मामले की तह तक जांच की। इसमें होम्योपैथिक विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. वीके विमल की संलिप्तता, भ्रष्टाचार आदि उजागर हुआ। प्रदेश भर में तैनात होम्योपैथिक के करीब 200 संविदा शिक्षकों का नवीनीकरण अब नहीं किया जाएगा। बल्कि नए सिरे से चयन करके नियुक्ति 11 माह के लिए की जाएगी।

आदेश : पुराने शिक्षकों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा, शासन स्तर से प्रदेश के सभी कॉलेजों के लिए होगी नियुक्ति।


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भ्रष्टाचार की शिकायत पर होम्योपैथिक संविदा शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त।

लखनऊ ::  शासन ने राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों में तैनात संविदा शिक्षकों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है। अपर मुख्य सचिव आयुष प्रशांत त्रिवेदी ने शिक्षकों के रिक्त पदों को संविदा के आधार पर भरने के 11 अप्रैल 2018 के शासनादेश को निरस्त कर दिया है। शुक्रवार को इसकी जानकारी होम्योपैथी निदेशालय को दे दी गई है। संविदा शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार की खबर अमर उजाला ने 24 जुलाई को प्रकाशित की थी प्रदेश में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में लगभग 200 संविदा शिक्षकों की भर्ती के मामले में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की शिकायत शासन स्तर पर की गई थी। इस मामले में लंबे समय से जांच चल रही थी और पूरा मामला शासन स्तर पर अटका हुआ था। शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव आयुष प्रशांत त्रिवेदी ने शिक्षकों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है।




कम वक्त में हो गए थे हजारों के साक्षात्कार : वर्ष 2018 में हुई संविदा शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली के आरोप लगे थे। खासतौर से कम समय से हजारों शिक्षकों के इंटरव्यू को लेकर उंगलियां उठी थीं। इसके बाद 2019 में बिना शासन की अनुमति में पूर्व निदेशक होम्योपैथी प्रो. वीके विमल ने सभी संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का नवीनीकरण कर दिया था। इस मामले की शिकायत जब शासन स्तर पर की गई तो निदेशक होम्योपैथी को हटा दिया गया और उनके खिलाफ जांच भी बैठा दी गई थी।

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