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Saturday, March 27, 2021

TGT-PGT 2021 : तदर्थ शिक्षकों के पद घोषित नहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास आंकड़े उपलब्ध फिर भी पदों पर पर्दा

TGT-PGT 2021 : तदर्थ शिक्षकों के पद घोषित नहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास आंकड़े उपलब्ध फिर भी पदों पर पर्दा

▪️ पद घोषित होने से प्रत्याशियों को मिलता बड़ा लाभ, असमंजस बरकरार


प्रदेश के साढ़े चार हजार से अधिक एडेड माध्यमिक कालेजों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों की तादाद पर पर्दा पड़ा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास इसके आंकड़े उपलब्ध होने के बाद भी घोषित नहीं हुए हैं। इस कदम से तदर्थ शिक्षक अब भर्ती में शामिल होने या न होने का निर्णय कर सकते हैं, वहीं प्रतियोगियों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद नहीं है। तदर्थ शिक्षकों के पद घोषित होने पर उनके आवेदन न करने से सेवा खत्म होने औरलिखित परीक्षा पास न करने पर उनके स्थान पर अन्य प्रतियोगी चयनित हो सकते थे।

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने 15 मार्च को एडेड माध्यमिक कालेजों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक व प्रवक्ता (टीजीटी-पीजीटी) भर्ती 2021 का विज्ञापन जारी किया। इसमें 15,198 पदों के लिए आनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। चयन बोर्ड ने शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर कालेजों में अस्थायी रूप से कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को भी लिखित परीक्षा में शामिल करने का पहली बार अवसर दिया है। यह शिक्षक यदि लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं तो उसी पद पर वे नियमित हो जाएंगे और अनुत्तीर्ण होने पर उनके स्थान पर दूसरे प्रतियोगी का चयन हो सकेगा। चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी के पदों का विषयवार ब्योरा वेबसाइट पर दिया है, लेकिन प्रदेश में तदर्थ शिक्षक कितने हैं, यह आंकड़ा घोषित नहीं है, बल्कि निर्देश है कि जो तदर्थ शिक्षक ऑनलाइन आवेदन करेंगे, उनका सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक से कराकर भर्ती में शामिल किया जाएगा। यानी 15 अप्रैल को आवेदन पूरा होने के बाद ही तदर्थ शिक्षकों की संख्या सामने आएगी।

तदर्थ शिक्षकों को लाभ : तदर्थ शिक्षकों के पद घोषित न होने से शिक्षकों को ही लाभ है। यदि उन्होंने आवेदन नहीं किया तो भी वे पद पर बने रह सकते हैं। ऐसे में वे ही शिक्षक आवेदन करेंगे जो परीक्षा उत्तीर्ण कर सकते हैं। हालांकि शीर्ष कोर्ट का निर्देश है कि सभी शिक्षकों को भर्ती में शामिल कराकर इस प्रक्रिया को खत्म कर दिया जाए।

प्रतियोगियों का नुकसान : पद घोषित होने से कार्यरत शिक्षकों का आवेदन करना जरूरी होता वे लिखित परीक्षा में अनुत्तीर्ण होते तो उनकी जगह पर प्रतियोगी का चयन होता। ऐसा न होने से नुकसान होगा।

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