Searching...
Friday, March 19, 2021

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की प्राचार्य पद की भर्ती विवादों में, साक्षात्कार आज से

UPHESC : महाविद्यालयों में प्राचार्य भर्ती का साक्षात्कार 20 मार्च से 

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की प्राचार्य पद की भर्ती विवादों में,  साक्षात्कार आज से


प्रयागराज : अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में प्राचार्यो की भर्ती के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया शनिवार को शुरू हो रही है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में सुबह 9:30 बजे से साक्षात्कार शुरू होगा। प्रथम चरण का साक्षात्कार 20 से 25 मार्च तक चलेगा। प्रतिदिन 12 अभ्यर्थी बुलाए गए हैं। लिखित परीक्षा में 290 पदों के सापेक्ष 610 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए सफल हुए हैं।


होली के बाद द्वितीय चरण का साक्षात्कार अप्रैल माह में पांच, छह, सात, आठ, नौ, 12, 13, 15, 16, 17, 19, 20, 22 व 23 तारीखों को लिया जाएगा। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या-49 के तहत एडेड डिग्री कालेजों में प्राचार्य पद की भर्ती निकाली है।



प्रयागराज : उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की प्राचार्य पद की भर्ती विवादों में घिर गई है। विज्ञापन संख्या-49 के तहत निकली इस भर्ती में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियम व निर्देशों की अनदेखी का आरोप लगा है। यही नहीं, आयोग के एक सदस्य की पत्नी के प्राचार्य पद में अभ्यर्थी होने की बात भी कही जा रही है।

आगरा खंड शिक्षक क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य डॉ.आकाश अग्रवाल ने यह आरोप लगाते हुए उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री व डिप्टी सीएम डा.दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर मामले की जांच और उचित कार्रवाई कराने की मांग की है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने प्राचार्य की 290 पद की भर्ती निकाली है। साक्षात्कार के लिए 610 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। एमएलसी आकाश का आरोप है कि प्राचार्य पद के अभ्यर्थियों को मनमाने तरीके से अनर्ह घोषित किया गया है।


 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्राचार्य पद के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में 15 वर्ष का अनुभव आवश्यक किया गया है, लेकिन आयोग ने ऐसे अनुभव वाले अभ्यर्थियों को अनर्ह कर दिया है। लिखित परीक्षा में कोई कटऑफ घोषित नहीं किया। बिना कटऑफ निर्धारित किए प्रमाण पत्रों का सत्यापन व साक्षात्कार करना कानून के विरुद्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग के एक सदस्य की प}ी ने प्राचार्य पद के लिए आवेदन किया है। उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन 15 मार्च को किया गया है। उस दौरान सदस्य भी मौजूद थे, जबकि नियमानुसार उन्हें ऐसी प्रक्रिया में भाग नहीं लेना चाहिए। 


वहीं, आयोग की सचिव डॉ.वंदना त्रिपाठी ने सारे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि सारी प्रक्रिया नियमानुसार पूरी की गई है। आयोग इस मामले में उचित समय पर जवाब देगा।

अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार शनिवार से शुरू होगा। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 24 फरवरी को साक्षात्कार कराने का निर्णय लिया था। लिखित परीक्षा का परिणाम 15 फरवरी को घोषित हुआ था जिसमें 610 अभ्यर्थी सफल थे। 29 अक्तूबर 2020 को आयोजित लिखित परीक्षा के लिए पंजीकृत 917 अभ्यर्थियों में से 743 सम्मिलित हुए थे।


इस बीच आयोग ने 31 मार्च व एक अप्रैल को सत्यापन के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों का सत्यापन टाल दिया है। पूर्व में 31 मार्च को बुलाए गए अभ्यर्थियों का सत्यापन अब 5, 6 व 7 अप्रैल और एक अप्रैल को बुलाए गए अभ्यर्थियों का सत्यापन 8, 9 व 12 अप्रैल को होगा।

एमएलसी ने प्राचार्य भर्ती में लगाए अनियमितता के आरोप
आगरा खंड शिक्षक क्षेत्र से एमएलसी आकाश अग्रवाल ने प्राचार्य भर्ती में अनियमितता के आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र लिखा है। उनका दावा है कि आयोग ने मनमाने तरीके से अभ्यर्थियों को अनर्ह घोषित कर दिया है। लिखित परीक्षा की कटऑफ निर्धारित किए बगैर अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों के सत्यापन एवं साक्षात्कार के लिए विधि विरुद्ध तरीके से बुलाया गया है। एक सदस्य की पत्नी के प्राचार्य भर्ती में आवेदक होने के कारण उन्हें प्रक्रिया से अलग रखे जाने की भी बात कही है। प्राचार्य पद के लिए अभ्यर्थी का शोध निर्देशक होना आवश्यक माना गया है लेकिन आयोग ने शोध पत्र लेखकों को भी शोध निर्देशक के रूप में मान्य किया है जो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानकों के विपरीत है।

0 comments:

Post a Comment