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Thursday, March 4, 2021

नर्सों के चार हजार पद खाली, दिसंबर 2019 में भेजे गए प्रस्ताव पर अब तक नहीं हुई कार्यवाही

नर्सों के चार हजार पद खाली, दिसंबर 2019 में भेजे गए प्रस्ताव पर अब तक नहीं हुई कार्यवाही 

मरीजों की देखभाल प्रभावित

अस्पतालों में सृजित पदों के अनुपात में बसों की संख्या है आधी

लखनऊ : प्रदेश के अस्पतालों में स्टाफ नर्स के चार हजार पद खाली हैं। इनमें से 2987 पद वर्ष 2016 से रिक्त हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव बनाकर दिसंबर 2019 में उप्र लोक सेवा आयोग को भेजा गया था। पर, अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसके अलावा 696 पद वर्ष 2020 और फिर हाल ही प्रोन्नति होने से 429 स्टाफ नर्स के पद रिक्त हो गए हैं।


प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में नसों के 7866 पर स्वीकृत हैं। 100 बेड के अस्पताल पर 30 स्टाफ नर्स की तैनाती का मानक हैं। जबकि एक सामुदायिक केंद्र पर तीन नसों के पद का मानक है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी नर्स का पद सृजित नहीं है। इस तरह प्रदेश में बेड के अनुपात में कहीं भी नसों की तैनाती नहीं है। इसके चलते मरीजों की देखरेख प्रभावित हो रही है। स्थिति यह है कि अस्पतालों में सृजित पदों के अनुपात में आधी ही नसें ही उपलब्ध हैं। इसके चलते ड्यूटी पर तैनात नसों पर दोगुना से अधिक काम करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 06 नवंबर 2019 को स्टाफ नस्सों के 696 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आयोग को पत्र लिखा था इसके बाद दिसंबर 2019 को 2987 पदों पर भर्ती के लिए आयोग को पत्र लिखा गया जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो 04 दिसंबर 2020 को एक बार फिर से निदेशक स्वास्थ्य को रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजने की जानकारी मांगी गई। फिर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी बीच 429 स्टाफ नर्स की असिस्टेंट और डिप्टी नर्सिंग ऑफिसर पद पर प्रोन्नति हो गई। इससे स्टाफ नर्स के खाली पदों की संख्या और बढ़ गई है।

स्टाफ नर्स के खाली पदों को भरने के लिए यूपीपीएससी को फिर से पत्र भेजा जाएगा। -डॉ. डीएस नेगी, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य

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