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Saturday, March 27, 2021

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में स्नातक में न्यूनतम अंकों की अर्हता को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई चुनौती

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में स्नातक में न्यूनतम अंकों की अर्हता को चुनौती

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए स्नातक में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की पीठ के समक्ष याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के दौरान उच्चतर शिक्षा आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता का आदेश वापस लिया जा चुका है। आयोग के वकील ने कोर्ट से यह जानकारी प्राप्त करने के लिए समय मांगा कि जिन अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त किए जा चुके हैं, उन्हें दोबारा अवसर दिया जाएगा या नहीं।


प्रदीप कुमार सोनकर व सात अन्य की याचिकाओं पर बहस करते हुए अधिवक्ता जियाउद्दीन का कहना था कि 18 जुलाई 2018 की केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार सहायक प्रोफेसर नियुक्ति के लिए परास्तानक में 55 प्रतिशत और नेट या पीएचडी की अनिवार्यता कर दी गई है। स्नातक में न्यूनतम अंकों की अर्हता का कोई जिक्र नहीं है इसलिए नए भर्ती विज्ञापन के ‌तहत स्नातक में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता समाप्त की जाए। कोर्ट ने इस मामले में आयोग से जवाब मांगा था। आयोग के अधिवक्ता ने बताया कि स्नातक में द्वितीय श्रेणी उत्तीर्ण की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब सिर्फ उत्तीर्ण होना जरूरी है।

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