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Wednesday, March 24, 2021

UPSSSC : ग्राम विकास अधिकारी पद के लिए 1953 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा रद्द

22 व 23 दिसम्बर 2018 को आयोजित सम्मिलित ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक प्रतियोगितात्मक परीक्षा निरस्त।

UPSSSC : ग्राम विकास अधिकारी पद के लिए 1953 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा रद्द

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के 1953 पदों पर भर्ती के लिए हुई परीक्षा को निरस्त कर दिया है। आयोग के परीक्षा नियंत्रक दिनेश ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। शासन के आदेश पर इसकी एसआईटी जांच कराई गई और जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद आयोग ने यह फैसला किया है।

दिसंबर 2018 में हुई थी परीक्षा
ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के 1953 पदों पर भर्ती के लिए 22 व 23 दिसंबर 2018 को परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा में नौ लाख से अधिक अभ्यर्थी बैठे। इसका परीक्षा परिणाम 28 अगस्त 2019 को जारी किया गया। परीक्षा परिणाम आने के बाद इसमें धांधली की पुष्टि हुई। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सीबी पालीवाल के निर्देश पर उस समय इसकी एफआईआर दर्ज कराई गई। इसके बाद पूरे मामले की जानकारी शासन को दी गई।

एसआईटी जांच कराई गई
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने का आदेश 20 मार्च 2020 को दिया। इसके आधार पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती संबंधी सभी कार्यवाही 20 जून 2020 से रोक दी। इसके बाद से ही इन पदों पर भर्ती के लिए दावेदारों ने हंगामा शुरू किया, लेकिन जांच रिपोर्ट के आधार पर इसे निरस्त किए जाने का फैसला किया गया।


किसके कितने पद

ग्राम पंचायत अधिकारी           1527
ग्राम विकास अधिकारी           362
पर्यवेक्षक (समाज कल्याण)     64

भर्ती में कब क्या

भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया जून 2018 में
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 30 मई 2018 से
आवेदन की अंतिम तारीख 29 जून 2018
परीक्षा 22 व 23 दिसंबर 2018 को हुई
शासन ने 20 मार्च 2020 को एसआईटी गठित की
आयोग से अभिलेख परीक्षण का काम 27 मार्च 2020 को रोका

तीन और परीक्षाएं अगले आदेशों तक स्थगित
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसके साथ ही वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक के 728 पदों पर भर्ती के लिए चार अप्रैल से होने वाली परीक्षा अगले आदेशों तक स्थगित कर दी है। इसी तरह सहायक बोरिंग टेक्नीशियन के 486 पद के लिए 25 अप्रैल को प्रस्तावित प्रतियोगितात्मक परीक्षा और सहायक सांख्यिकीय अधिकारी एवं सहायक शोध अधिकारी के 904 पदों पर भर्ती के लिए 8 मई को होने वाली प्रतियोगितात्मक परीक्षा अगले आदेशों तक स्थगित कर दी है। इस संबंध में आयोग के परीक्षा नियंत्रक दिनेश ने आदेश जारी कर दिया है।

परीक्षा कराने वाली एजेंसी शक के दायरे में
ग्राम विकास अधिकारी भर्ती की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को दिया गया था, वह शक के दायरे में है। उसी एजेंसी को वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक, सहायक बोरिंग टेक्नीशियन और सहायक सांख्यिकीय अधिकारी व सहायक शोध अधिकारी परीक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। इसीलिए ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा निरस्त किए जाने के साथ ही अन्य तीनों परीक्षाएं स्थगित की गई हैं। एजेंसी के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।


ग्राम विकास अधिकारी व समाज कल्याण पर्यवेक्षक की भर्ती परीक्षा निरस्त

सार
- एसआईटी जांच की रिपोर्ट पर उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जारी किया आदेश
- दोनों संवर्ग के 1952 पदों पर भर्ती के लिए 2018 में कराई गई थी परीक्षा

- सहायक बोरिंग टेक्नीशियन, शोध अधिकारी, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी, वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक के पदों पर भर्ती भी टली

अनियमितता की शिकायतों की पुष्टि होने के बाद उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने समाज कल्याण पर्यवेक्षक और ग्राम पंचायत अधिकारी पद केलिए वर्ष 2018 में कराई गई परीक्षा को निरस्त कर दिया है। दोनों संवर्ग के 1952 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई थी। भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत पर सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर आयोग ने परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है। यही नहीं सहायक बोरिंग टेक्नीशियन, शोध अधिकारी, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी, वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक केपदों पर भर्ती की प्रस्तावित परीक्षा भी टाल दी गई है। इस संबंध में आयोग के परीक्षा नियंत्रक दिनेश ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया है।


बता दें कि दोनों संवर्ग के रिक्त 1952 पदों पर भर्ती के लिए आयोग द्वारा वर्ष-2018 में 22 व 23 दिसंबर को परीक्षा कराई गई थी और 28 अगस्त 2019 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था। योगी सरकार में यह पहली बड़ी भर्ती परीक्षा थी। इस परीक्षा में करीब 9 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों में परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। दरअसल इस परीक्षा के लिए तीन ओएमआर शीट तैयार कराई थी। एक आयोग, दूसरी कोषागार व तीसरी अभ्यर्थी के पास रहनी थी। मूल्यांकन कराया गया तो तमाम अभ्यर्थियों की आयोग व कोषागार की ओएमआर शीट के अंकों में अंतर था।

ओएमआर शीट में अंतर मिलने पर मेरिट में आए 136 अभ्यर्थियों को बाहर करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई थी। इसमें और गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। प्रथम दृष्टया परीक्षा में गड़बड़ियों की पुष्टि होने के बाद आयोग ने इसे निरस्त करने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार यह वही भर्ती परीक्षा है जिसके पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने इस्तीफा दे दिया था।  

अन्य तीन पदों के लिए हुई परीक्षा भी निरस्त
ग्राम विकास अधिकारियों व समाज कल्याण पर्यवेक्षक केलिए हुई परीक्षा के साथ ही तीन अन्य पदों के लिए प्रस्तावित परीक्षा को भी आयोग ने अगले आदेश तक केलिए स्थगित करने का आदेश जारी किया है। इनमें वन रक्षक एव वन्य जीव रक्षक (728 पद), सहायक सांख्यिकीय अधिकारी एवं सहायक शोध अधिकारी (904) और सहायक बोरिंग टेक्नीशियन (486 पद) की परीक्षा शामिल है। वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक के लिए 4 अप्रैल और सहायक बोरिंग टेक्नीशियन पर भर्ती के लिए 25 अप्रैल से परीक्षा होनी थी। जबकि सहायक सांख्यिकीय अधिकारी एवं सहायक शोध अधिकारी पद पर भर्ती के लिए 8 मई को प्रतियोगात्मक परीक्षा होनी थी।

आयोग के परीक्षा नियंत्रक ने तीनों परीक्षाओं को स्थगित करने का भी आदेश जारी कर दिया है। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि दरअसल समाज कल्याण पर्यवेक्षक और ग्राम पंचायत अधिकारी पदों पर भर्ती के लिए जिस एजेंसी को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई थी उसी एजेंसी से अन्य तीन पदों पर भर्ती के लिए भी परीक्षा कराने की तैयारी थी। 2018 की भर्ती में इस एजेंसी पर सवाल उठने के बाद आयोग अब इसे परीक्षा का जिम्मा देने से बच रहा है। यही वजह है कि सहायक बोरिंग टेक्निशियन, शोध अधिकारी, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी, वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक केपदों पर भर्ती की प्रस्तावित परीक्षा भी निरस्त कर दी गई। अब दूसरी एजेंसी से परीक्षा कराई जाएगी।

यूपी : वीडीओ और समाज कल्याण पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा निरस्त, 2118 पदों के लिए प्रस्तावित भर्तियां भी स्थगित

सार
- 1952 पदों के लिए 2018 में हुई थी परीक्षा
- एसआईटी जांच में गड़बड़ी की पुष्टि पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जारी किया आदेश
- वन रक्षक, सहायक बोरिंग टेक्नीशियन समेत कई पदों पर भर्ती भी टली
- इनमें वन रक्षक, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी व सहायक बोरिंग टेक्नीशियन की परीक्षा शामिल

विस्तार
एसआईटी जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के 1952 पदों के लिए वर्ष 2018 में कराई गई भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी है। यही नहीं, सहायक बोरिंग टेक्नीशियन, शोध अधिकारी, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी, वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक के पदों पर भर्ती की प्रस्तावित परीक्षा भी टाल दी गई है। इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक दिनेश ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया।

गौरतलब है कि दोनों संवर्ग के लिए वर्ष 2018 में 22 व 23 दिसंबर को परीक्षा कराई गई थी। परिणाम 28 अगस्त 2019 को घोषित किया गया था। योगी सरकार में यह पहली बड़ी भर्ती परीक्षा थी। इसमें करीब 9 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। सूत्रों के अनुसार यह वही भर्ती परीक्षा है, जिसके पहले अधीनस्थ के तत्कालीन अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने इस्तीफा दे दिया था।

ओएमआर शीट के मिलान से सामने आई थी गड़बड़ी
इस परीक्षा के लिए तीन ओएमआर शीट तैयार कराई गई थी। एक आयोग, दूसरी कोषागार व तीसरी अभ्यर्थी के पास रहनी थी। मूल्यांकन कराया गया तो तमाम अभ्यर्थियों की आयोग व कोषागार की ओएमआर शीट के अंकों में अंतर था। इस पर मेरिट में आए 136 अभ्यर्थियों को बाहर करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई थी। इसमें और गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। प्रथम दृष्टया गड़बड़ियों की पुष्टि होने के बाद आयोग ने इसे निरस्त करने का फैसला किया है।  

2118 पदों के लिए प्रस्तावित भर्तियां भी स्थगित
ग्राम विकास अधिकारियों और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के लिए हुई परीक्षा के साथ ही तीन अन्य पदों के लिए प्रस्तावित परीक्षा को भी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अगले आदेश तक स्थगित करने का आदेश जारी किया है। इनमें वन रक्षक एव वन्य जीव रक्षक (728 पद), सहायक सांख्यिकीय अधिकारी एवं सहायक शोध अधिकारी (904) और सहायक बोरिंग टेक्नीशियन (486 पद) की परीक्षा शामिल है।

वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक के लिए 4 अप्रैल और सहायक बोरिंग टेक्नीशियन भर्ती के लिए 25 अप्रैल से परीक्षा होनी थी। वहीं, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी एवं सहायक शोध अधिकारी पद पर भर्ती के लिए 8 मई को परीक्षा होनी थी। आयोग के परीक्षा नियंत्रक ने तीनों परीक्षाओं को स्थगित करने का भी आदेश जारी कर दिया है।

वीडीओ परीक्षा कराने वाली एजेंसी को ही दी गई थी जिम्मेदारी, इसलिए परीक्षा स्थगित
भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि दरअसल समाज कल्याण पर्यवेक्षक और ग्राम विकास अधिकारी के पदों पर भर्ती के लिए जिस एजेंसी को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, उसी एजेंसी से अन्य तीन पदों पर भर्ती के लिए भी परीक्षा कराने की तैयारी थी। 2018 की भर्ती में इस एजेंसी पर सवाल उठने के बाद आयोग अब इसे परीक्षा का जिम्मा देने से बच रहा है। यही वजह है कि परीक्षा स्थगित करने का फैसला किया गया। अब दूसरी एजेंसी से परीक्षा कराई जाएगी।

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