टीजीटी-पीजीटी 2020 : समान मूल्यांकन से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा, नया विज्ञापन इस माह के अंत तक घोषित होने की सम्भावना।
▪️चयन बोर्ड की ओर से विज्ञापन निरस्त करने से प्रतियोगियों में भी हलवल
▪️ तदर्थ शिक्षकों के वेटेज अंकों की काट अधिक सवालों का जवाब देकर ही संभव
एडेड माध्यमिक कालेजों की शिक्षक भर्ती में प्रतिस्पर्धा अब और बढ़ गई है तदर्थ शिक्षकों को लिखित परीक्ष में अवसर देने से आम प्रतियोगी अभी तक निश्चित थे, क्योंकि दोन के प्रति प्रश्न मूल्यांकन में बड़ अंतर रहा है। लेकिन, अब समान मूल्यांकन के लिए विज्ञापन निरस्त होने से प्रतियोगियों में हलचल तेज है। उन्हें अब चयन पाने के लिए परीक्षा में अधिक सवालों के जवाब देना होगा, तभी चयनित हो पाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने 29 अक्टूबर को जारी प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी-पीजीटी) 2020 के विज्ञापन निरस्त कर दिया है, क्योंकि इसमें तदर्थ शिक्षक व आम प्रतियोग के बीच मूल्यांकन में अंतर था अब दोनों को समान अंक देने की तैयारी है। इसलिए नया विज्ञापन जारी होगा। इस कदम से तदर्थ शिक्षकों की बल्ले-बल्ले हो गई है।
लेकिन, आम प्रतियोगी असहज हैं। असल में, तदर्थ शिक्षकों को सेवा के आधार पर अधिकतम 35 अंक का वेटेज भी मिलना है। इसलिए समान मूल्यांकन में यदि आम प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षक के बराबर सवाल सही होते हैं तो तदर्थ शिक्षकों का पलड़ा भारी रहेगा। इसकी काट तभी संभव है जब प्रतियोगी अधिक सवालों के न जवाब दें।
यही नहीं टीजीटी के चयन में इस बार साक्षात्कार भी नहीं है इसलिए सभी को पूरी मेधा लिखित परीक्षा में ही दिखानी होगी और उसकी मेरिट । पर ही चयन हो सकेगा। प्रतियोगी - इसका आंकलन करने में जुटे हैं, उनका मानना है कि अब आम प्रतियोगी को तदर्थ शिक्षक से कम से कम 10 सवाल अधिक सही करने होंगे, तभी वे मुकाबले में टिक पाएंगे।
अभी तदर्थ के पद भी स्पष्ट नहीं
संशोधित विज्ञापन में भी तदर्थ शिक्षकों के पद घोषित होने के आसार नहीं है, बल्कि आवेदन पूरे होने के बाद तदर्थ शिक्षकों का सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक करेंगे, यदि संबंधित पद पहले ही अधियाचन नहीं आया है तो उसे घोषित किए जाने की तैयारी है, लेकिन यदि घोषित है तो पद नहीं बदलेंगे।
नया विज्ञापन इस माह के अंत तक
संशोधित विज्ञापन अब इस माह के अंत या फिर दिसंबर के पहले सप्ताह तक ही घोषित हो पाने के आसार हैं, क्योंकि विज्ञापन के साथ ही वेबसाइट आदि में कई बदलाव हो सकते हैं।
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