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Saturday, November 7, 2020

कांस्टेबल भर्ती 2018 : अभ्यर्थियों की लंबाई नापने पर सवालिया निशान।

कांस्टेबल भर्ती 2018 : अभ्यर्थियों की लंबाई नापने पर सवालिया निशान।

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 में अभ्यर्थियों की लंबाई गलत नापने के मामले में कहा है कि लंबाई गलत नापने के खिलाफ इतनी बड़ी संख्या में दाखिल हो रही याचिकाओं से मेडिकल परीक्षण की विश्वसनीयता और पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे उपकरण की गुणवत्ता पर सवाल उठता है।


यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिनेश सैनी व 35 अन्य सहित इस मामले में दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर दिया है। कोर्ट इस मामले में पुलिस भर्ती बोर्ड से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। याची सतीश यादव के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि अभ्यर्थियों की लंबाई कम नापी गई है। कोर्ट ने पुलिस भर्ती से पूछा है कि लंबाई नापने के लिए इस्तेमाल में लाए जा रहा उपकरण गुणवत्ता मानक के अनुरूप हैं या नहीं। उपकरण आईएसआई मानक के हैं या किसी अन्य मान्यता देने वाली संस्था से प्रमाणित हैं। ऐसा कोई प्रमाणपत्र हो तो उसके प्रस्तुत किया जाए। साथ ही उपकरण से गलती करने की कितनी संभावना है और कितनी गलती अनुमन्य है।

कोर्ट ने पूछा है कि ऐसी गलतियां होने का क्या कारण है और उसे दूर करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इस्तेमाल की जा रही मशीन को लेकर निदेशक भार माप द्वारा कोई प्रमाणपत्र दिया गया है या नहीं।





याचियों का यह भी कहना था कि मेडिकल बोर्ड के निष्कर्ष के खिलाफ अपील का कोई फायदा नहीं है क्योंकि अपील करने पर पुनः उसी समय उसी मशीन से लंबाई नापी जाती है। उनका कहना है कि उनकी लंबाई इलेक्ट्रानिक उपकरण से नापी जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। इस पर कोर्ट ने भर्ती बोर्ड को ऐसे केंद्रों की पहचान करने को कहा है जहां लंबाई नापने के लिए इलेक्ट्रानिक उपकरण हो।

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