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Saturday, November 7, 2020

टीजीटी, प्रवक्ता शिक्षक भर्ती के चयनितों का धरना जारी, समायोजन की मांग

टीजीटी-पीजीटी 2016 : समायोजन के लिए राततक धरने पर डटे रहे चयनित शिक्षक।

प्रयागराज : टीजीटी-पीजीटी 2016 में चयनित शिक्षक समायोजन की मांग लेकर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के बाहर मंगलवार रात तक डटे रहे। चयन बोर्ड की बैठक के मद्देनजर शिक्षिकाएं भी धरने से नहीं हटीं।

3 नवंबर से बेमियादी धरना शुरू करने वाले चयनित शिक्षिकाओं का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग की गलती के कारण वे नौकरी पाने के बावजूद ठोकरें खा रहे हैं। राजेश चौरसिया, अखिलेश, अनिल कुमार, अरविंद कुमार, विद्या भारती राय, विन्ध्यवासिनी, रविन्द्रनाथ यादव आदि ने कहा कि जब तक समायोजन नहीं होता वे धरने से नहीं उठेंगे।



TGT-PGT 2016 : तैनाती के लिए अवकाश के दिन चयन बोर्ड पर चयनितों ने किया धरना प्रदर्शन।

प्रयागराज : टीजीटी-पीजीटी 2016 में चयन के बावजूद तैनाती के लिए भटक रहे शिक्षकों ने रविवार को लगातार छठवें दिन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के बाहर धरना दिया। 


चयनित शिक्षकों का कहना है कि उन्हें विभाग की गलती की सजा मिल रही है । कई स्कूलों में पहले से तदर्थ शिक्षक पढ़ा रहे थे, उसके बावजूद उन्हें संस्थान आवंटित कर दिया गया। जब वेकार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो वापस लौटा दिया गया। प्रदीप कुमार मिश्रा को हंसराज इंटर कॉलेज गणेशपुर बस्ती, गौरव वर्मा को शंकर विद्यालय इंटर कॉलेज कटैया प्रतापगढ़, रजनीश कुमार सिंह व संजीव कुमार को जनता इंटर कॉलेज बेलहरी सुल्तानपुर, राहुल कुमार व विवेक कुमार को सर्वोदय विद्यापीठ इंटर कॉलेज सलोन रायबरेली, मनोज मित्तल को महात्मा गांधी गुरुदत्त इंटर कॉलेज अलीगढ़ आवंटित किया गया था। लेकिन इन सब स्कूलों में पहले से तदर्थ शिक्षक होने के कारण कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके। रविवार को धरना देने वालों में राजेश चौरसिया, सुनील कुमार यादव, हरि प्रकाशवर्मा, अरविन्द कुमार, नरेन्द्र कुमार, सत्यपाल सिंह और अनिल कुमार आदि रहे।



टीजीटी, प्रवक्ता शिक्षक भर्ती के चयनितों का समायोजन को लेकर धरना जारी।


प्रयागराज :  उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी, प्रवक्ता परीक्षा पास करने और साक्षात्कार के बाद अंतिम रूप से चयनित शिक्षक नियुक्ति के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से कई विधायक एवं सांसद पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग कर चुके हैं। 


फिलहाल यह शिक्षक अपनी मांग को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कार्यालय पर पिछले एक सप्ताह से लगातार धरना दे रहे हैं। चयन बोर्ड से चयनित शिक्षक संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षकों, विद्यालय प्रबंधन की मनमानी के शिकार है। चयनित शिक्षकों को पदभार ग्रहण कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक की होती है। नियुक्ति पत्र लेकर जब यह अभ्यर्थी जिला विद्यालय निरीक्षक के पास पहुंचे तो सीधे स्कूल प्रबंधन के पास नियुक्ति के लिए भेज दिया गया। प्रबंधन की ओर से स्कूल में पद नहीं होने की बात कहकर शिक्षकों को लौटा दिया गया। स्कूल से वापस किए जाने के बाद जब यह शिक्षक जिला विद्यालय निरीक्षक के पास पहुंचे तो वहां उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि स्कूल प्रबंधन एवं जिला विद्यालय निरीक्षक की मिली भगत से चयनित शिक्षकों का उत्पीडन किया जा रहा है।

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