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Friday, November 6, 2020

टीजीटी जीव विज्ञान के लिए खोलनी पड़ेगी भर्ती, बायो के पहले से पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षक आवेदन से होंगे वंचित।

टीजीटी जीव विज्ञान के लिए खोलनी पड़ेगी भर्ती, बायो के पहले से पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षक आवेदन से होंगे वंचित।

माध्यमिक शिक्षा

▪️सुप्रीम कोर्ट ने सभी तदर्थ शिक्षकों से आवेदन लेने का निर्देश दिया है

▪️टीजीटी बायो के पहले से पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षक आवेदन से होंगे वंचित 

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) 2020 भर्ती में टीजीटी जीव विज्ञानको बाहर कर दिया है । लेकिन भर्ती समय से पूरी कराने के लिए चयन बोर्ड को टीजीटी बायो को शामिल करना होगा। संजय सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में ही बोर्ड को नई भर्ती में सभी तदर्थ शिक्षकों से आवेदन लेने का आदेश दिया था। 


चयन बोर्ड को खुद इस बात की जानकारी नहीं है कि प्रदेशभर के 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कितने तदर्थ शिक्षक कार्यरत हैं और किस-किस विषय को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में जो तदर्थ शिक्षक टीजीटी जीव विज्ञान पढ़ा रहे हैं, वे भी आवेदन से वंचित हो जाएंगे। यह सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी और टीजीटी बायो विषयके तदर्थ शिक्षकों के कार्ट जाने पर कानूनी अड़चनें बढ़ सकती हैं।

सूत्रों की मानें तो चयन बोर्ड की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में टीजीटी बायो के लिए ऑनलाइन आवेदन खोलने पर निर्णय हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2021 से पहले भर्ती पूरी करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी भर्तियां समय से करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में चयन बोर्ड भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की अड़चन नहीं चाहता।

टीजीटी बायो की भर्ती शुरू होने के दो साल बाद किया था निरस्त :  चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2016 टीजीटी बायो को शामिल किया था। जून-जुलाई 2016 में अन्य विषयों के साथ टीजीटी बायो के 304 पदों पर भर्ती निकाली थी। जीव विज्ञान के लिए 67 हजार से अधिक ने आवेदन किया था। इसके दो साल बाद 12 जुलाई 2018 को टीजीटी बायो समेत आठ विषयों की भर्ती यह कहते हुए निरस्त कर दी थी की ये विषयपढ़ाए ही नहीं जाते। टीजीटी बायो के अभ्यर्थियों ने याचिका की जिस पर हाईकोर्ट ने 13 फरवरी 2020 को चयन बोर्ड के निर्णय को निरस्त करते हुए लिखित परीक्षा कराने का आदेश दिया था। लेकिन उसके तकरीबन नौ महीने बीतने के बावजूद परीक्षा की तारीख घोषित नहीं हो सकी है।

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