UPPSC : एपीएस-2010 के चयनितों को स्थायी करने का विरोध
प्रयागराज : विवादों में रही उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की एपीएस यानी अपर निजी सचिव-2010 के चयनितों को स्थायी करने की जानकारी होने पर बखेड़ा खड़ा हो गया है। सीबीआइ से परीक्षा में धांधली होने की शिकायत करने वाले अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कार्रवाई रोकने की मांग की है। इधर, भाजपा के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई रोकने की मांग की है। कहा कि सीबीआइ जांच व सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद चयनितों को स्थायी करना अनुचित है। वहीं, एक अभ्यर्थी ने भी सीबीआइ के निदेशक को पत्र लिखकर चयनितों का दस्तावेज मंगाने की मांग की है।
यूपीपीएससी ने एपीएस-2010 के तहत करीब 247 पदों की भर्ती निकाली थी। इसकी लिखित परीक्षा व टाइप टेस्ट में नंबर बढ़ाने, फर्जी अंकपत्र व प्रमाणपत्र लगाने की जांच सीबीआइ कर रही है। वहीं, परीक्षा का अंतिम रिजल्ट तीन अक्टूबर, 2017 को जारी हुआ, जबकि करीब 221 चयनितों को मार्च, 2018 में शपथपत्र लेकर सशर्त नियुक्ति दी गई थी। शिकायतकर्ता अभ्यर्थियों का कहना है कि सीबीआइ को जांच में बड़ी खामियां मिली हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से मामले पर कोई निर्णय नहीं आया है।
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