प्रवक्ता गणित के लिये MSC एप्लाइड मैथमेटिक्स के अभ्यर्थियों को मिले मौका, टीजीटी प्रवक्ता के चयन के मानकों को विसंगति दूर करने की अभ्यर्थियों ने की मांग।
गणित प्रवक्ता के लिए यह शैक्षिक योग्यता तब रखी गई थी, जब इंटर कॉलेजों में गणित पढ़ाने के लिए अभ्यर्थी नहीं मिलते थे।
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी प्रवक्ता की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अमर उजाला ने पहले ही दिन टीजीटी सामाजिक विज्ञान की तरह टीजीटी विज्ञान में जीव विज्ञान से बीएसएसी करने वाले अभ्यर्थियों को मौका देने की बात उठाई थी। अब प्रवक्ता गणित की अर्हता को लेकर अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया है। एमएससी एप्लाइड मैथमेटिक्स से करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें भी प्रवक्ता गणित के आवेदन का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने चयन बोर्ड से अर्हता में बदलाव की मांग की है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रवक्ता गणित के लिए शैक्षिक अर्हता एमए, एमएससी गणित के साथ त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम सहित बीए (ऑनर्स) अथवा बीएससी (ऑनर्स) रखी गई है। माध्यमिक विद्यालयों में गणित प्रवक्ता के लिए यह शैक्षिक योग्यता तब रखी गई थी, जब इंटर कॉलेजों में गणित पढ़ाने के लिए अभ्यर्थी नहीं मिलते थे। तब गिनती के ही लोग एमएससी गणित करके निकलते थे।
अभ्यर्थियों का कहना है कि बदलते दौर में जब एमएससी पीएचडी करने वाले अभ्यर्थी तथा उच्च शिक्षा वाले उपलब्ध हैं तो यूपी बोर्ड शिक्षकों की अर्हता में बदलाव क्यों नहीं कर रहा है। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि राजकीय इंटर कॉलेज में शैक्षिक योग्यता संबंधित विषय में स्नातकोत्तर उपाधि या समकक्ष उपाधि की अर्हता निर्धारित की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रवक्ता का चयन करने वाले केंद्रीय विद्यालय संगठन एवं नवोदय विद्यालय समिति में शैक्षिक योग्यता संबंधित विषय में स्नातकोत्तर उपाधि या समकक्ष उपाधि की अर्हता निर्धारित है, वहीं चयन बोर्ड 1921 में तैयार इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम को मानता है।
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