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Saturday, November 14, 2020

एक ही भर्ती में अपने ही साथियों से जूनियर हो गए एलटी ग्रेड शिक्षक, विवादों के चलते देरी से हो पाई नियुक्ति।

एक ही भर्ती में अपने ही साथियों से जूनियर हो गए एलटी ग्रेड शिक्षक, विवादों के चलते देरी से हो पाई नियुक्ति।


एक साथ परीक्षा देने के बावजूद हिंदी एवं सामाजिक विज्ञान विषय में चयनित अभ्यर्थी अन्य विषयों के चयनित अभ्यर्थियों से जूनियर हो गए। इसके बाद भी विवाद थमा नहीं है। अब हिंदी में चयनित अभ्यर्थियों की अर्हता को लेकर विवाद शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार को एलटी समर्थक मोर्चा के बैनर तले अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में प्रदर्शन किया और आयोग के मीडिया प्रभारी को ज्ञापन सौंपा।



एलटी ग्रेड शिक्षक के 10768 पदों पर भर्ती के लिए 29 जुलाई 2018 को लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। यह भर्ती 15 विषयों में होनी थी। इनमें से 13 विषयों के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति भी मिल चुकी है, लेकिन हिंदी एवं सामाजिक विज्ञापन विषय के 3287 पदों का परिणाम पेपर लीक मामले में अटका हुआ था। विवाद दूर होने के बाद आयोग ने इन दोनों विषयों का रिजल्ट जारी किया।


हिंदी के चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि सामाजिक विज्ञान के अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन का कार्यक्रम 23 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। हिंदी एवं सामाजिक विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को अन्य विषयों के चयनित अभ्यर्थियों के मुकाबले देर से नियुक्ति मिलेगी। इसका असर उनके वेतन, इंक्रीमेंट और प्रमोशन पर भी पड़ेगा। यहां तक कि भविष्य में उनकी पेंशन भी इससे प्रभावित होगी।

हिंदी के चयनित अभ्यर्थी एक और विवाद में फंसे हुए हैं। आयोग ने अपने विज्ञापन में हिंदी के अभ्यर्थियों के लिए अर्हता निर्धारित की थी कि इंटर और बीए दोनों में संस्कृत विषय अनिवार्य होना चाहिए। वहीं, अभ्यर्थियों का कहना है कि अर्हता माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड निर्धारित करता है। चार मई 2016 को अर्हता में संशोधन किया गया था, जिसके तहत इंटर में संस्कृत और बीए में हिंदी विषय होना चाहिए या बीए में हिंदी और संस्कृत दोनों होना चाहिए।

तकरीबन 250 चयनित अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके पास इंटर में संस्कृत विषय नहीं था, लेकिन बीए में संस्कृत और हिंदी दोनों विषय था। इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति फंसने की आशंका है। बृहस्पतिवार को एलटी समर्थक मोर्चा के संयोजक विक्की खान के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने इस मसले पर आयोग के मीडिया प्रभारी पुष्कर श्रीवास्तव को ज्ञापन देकर अपनी बात रखी। मीडिया प्रभारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि यह मसला आयोग के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने अभ्यर्थियों को वार्ता के लिए 23 नवंबर को आयोग में बुलाया है.

कला के मुद्दे पर यूजीसी से मांगे निर्देश
एलटी समर्थक मोर्चा के संयोजक विक्की खान का कहना है कि कला के अभ्यर्थियों की अर्हता के मसले पर मीडिया प्रभारी ने बताया कि यूजीसी एवं एनसीटीई को पत्र भेजकर दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। वहां से डिग्री की मान्यता को लेकर जो भी दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। वहीं, चयनित अभ्यर्थियों की आयु संबंधी मामले में कहा कि यह मामला न्यायालय के अधीन है। उन्होंने यह भी बताया कि जाति प्रमाणपत्र के सत्यापन के नाम पर एवं अन्य कारणों से रुकी हुई फाइलों को तैयार किया जा रहा है। कुछ तैयार की गईं फाइलें गोपल विभाग में हैं। वहां से हरी झंडी मिलते ही फाइलों को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय भेज दिया जाएगा। अनुसूचित जनजाति प्रकरण में डीएम के यहां जांच हो रही है। प्रतीक्षा सूची सबका चयन होने के बाद रिक्त पदों के सापेक्ष दी जाएगी।

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