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Thursday, November 19, 2020

नई व्यवस्था : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग दो चरणों में कराएगा परीक्षा, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी, शासनादेश जारी।

नई व्यवस्था : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग दो चरणों में कराएगा परीक्षा, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी, शासनादेश जारी।


नई व्यवस्था : पहले प्रिलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट, फिर मुख्य परीक्षा, बाद में एनआरए के सीईटी स्कोर का इस्तेमाल करेगा आयोग।

योगी सरकार ने समूह-ग के पदों पर भर्ती के लिए लागू की नई व्यवस्था, जानिए क्या हुआ परिवर्तन।

लखनऊ : योगी सरकार ने समूह ग के पदों पर भर्ती में होने वाली किसी भी प्रकार की धांधली रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इसके लिए द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली में प्रारंभिक परीक्षा (पेट) कराएगा। इसके नतीजे परसेंटाइल स्कोर के आधार पर घोषित किए जाएंगे। यह एक साल के लिए मान्य होगा।

अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंहल ने इस संबंध में शासनादेश कर दिया है। प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन साल में एक बार होगा। नई व्यवस्था में कुल प्राप्तांकों के स्थान पर परसेंटाइल स्कोर ही घोषित किया जाएगा। इसके आधार पर ही मुख्य परीक्षा के आवेदनकर्ताओं की शॉर्टलिस्टिंग की जाएगी। विभिन्न विभागों की विशिष्ट जरूरतों व सेवा नियमावलियों के प्रावधानों के अनुसार प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा के स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्टिंग किए गए अभ्यर्थियों के लिए मुख्य परीक्षा, कौशल परीक्षा या शारीरिक परीक्षा कराई जाएगी।

प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंक अगले एक वर्ष या केंद्र सरकार द्वारा भविष्य में आयोजित की जाने वाली परीक्षा में प्राप्त अंक, जो भी पहले हो तक के लिए मान्य होंगे। राष्ट्रीय भर्ती संस्था (एनआरए) के गठन के बाद आयोग द्वारा मुख्य परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों की शार्टलिस्टिंग में एनआरए के सामान्य अर्हता परीक्षा (सीईटी) के स्कोर का ही उपयोग किया जाएगा। नई व्यवस्था से अभ्यर्थियों को अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं के लिए बार-बार आवेदन की जरूरत नहीं होगी। ‘अपने अभ्यर्थी को जाने’ प्रक्रिया को अपनाते हुए उनका एक बारगी पंजीकरण कराए जाने और द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के अंतर्गत समूह ग के विभिन्न विभागों के सभी प्रकार के पदों के लिए प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा आयोजित होगी।




लखनऊ : उप्र अधीनस्थ सेवा आयोग राज्य सरकार के अधीन सभी सरकारी विभागों व निगमों में ग्रुप-सी के पदों पर भर्ती के लिए अब द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली अपना सकेगा। आयोग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद कार्मिक विभाग ने शुक्रवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। इस व्यवस्था के लागू होने पर आयोग की ओर से की जाने वाली भर्तियों में तेजी आएगी।



किसी भी भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों की भारी संख्या को देखते हुए इम्तिहान कराने की दुश्वारियों से निपटने के लिए आयोग ने यह कदम उठाया है। नई व्यवस्था के तहत आयोग प्रारंभिक स्तर पर अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग के लिए सामूहिक परीक्षा आयोजित करेगा। पीईटी के आधार पर शार्टलिस्ट किए गए अभ्यर्थियों के लिए विभागीय जरूरतों और संबंधित सेवा नियमावलियों के अनुसार मुख्य परीक्षा, कौशल परीक्षा व शारीरिक परीक्षा का आयोजन करेगा। जब ग्रुप- बी और सी के गैर राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ओर से घोषित नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) अस्तित्व में आ जाएगी और उसके द्वारा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन किया जाने लगेगा, तब आयोग पीईटी आयोजित करने की बजाय सीईटी के स्कोर के आधार पर शार्टलिस्ट किये गए अभ्यर्थियों के लिए मुख्य परीक्षा आयोजित करेगा। अभ्यर्थियों को आयोग की प्रत्येक परीक्षा के लिए नये सिरे से रजिस्ट्रेशन और आवेदन की जरूरत नहीं पड़ेगी।



नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के जरिए प्रदेश में खुली भर्तियों की राह, UPSSSC के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी।

लखनऊ : उप्र अधीनस्थ सेवा आयोग राज्य सरकार के अधीन सभी सरकारी विभागों व निगमों में ग्रुप-सी के पदों पर भर्ती के लिए अब द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली अपनाएगा। परीक्षार्थियों की स्क्रीनिंग के लिए प्रथम स्तर पर केंद्र सरकार की ओर से घोषित नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) की ओर से आयोजित किये जाने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) के स्कोर के आधार पर शार्टलिस्ट किये गए अभ्यर्थियों के लिए आयोग की और से मुख्य परीक्षा आयोजित की जाएगी। जब तक नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन और उसकी ओर से सीईटी का आयोजन सुचारु तरीके से शुरू नहीं हो जाता, तब तक आयोग प्रारंभिक स्तर पर अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग के लिए प्रिलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (पीईटी) आयोजित करेगा और उसके आधार पर शार्टलिस्ट किये गए अभ्यर्थियों के लिए मुख्य परीक्षा, कौशल परीक्षा व शारीरिक परीक्षा का आयोजन विभागीय जरूरतों और संबंधित सेवा नियमावलियों के अनुसार करेगा।


आयोग ने इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है। इस सिलसिले में जल्द ही शासनादेश जारी किये जाने की संभावना है। गौरतलब है कि आयोग की ओर से ग्रुप-सी के पदों पर की जाने वाली विभिन्न भर्तियों में विभागीय पदों की सीमित संख्या के सापेक्ष लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या लाखों में होती है। अभ्यर्थियों की इतनी बड़ी संख्या के लिए अलग-अलग परीक्षाएं कराने में आयोग को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है।


बीते अगस्त में केंद्र सरकार ने ग्रुप-बी और सी के गैर राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठन और उसके माध्यम से सीईटी के आयोजन का फैसला किया था।

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