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Saturday, July 25, 2020

UPPSC : दो साल से दो विषयों में फंसी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018

UPPSC : दो साल से दो विषयों में फंसी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018।

प्रयागराज : संस्थानों में सिर्फ सपा व बसपा शासन की ही भर्तियां नहीं फंसी हैं, बल्कि भाजपा सरकार बनने के बाद शुरू हुई भर्ती दो साल में पूरा नहीं हो पा रही है। राजकीय इंटर कॉलेज की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 में दो विषयों हिंदी व सामाजिक विज्ञान विषय का रिजल्ट अटका है। पेपर लीक के गंभीर आरोप होने से न तो रिजल्ट आ रहा है और न आयोग ने इन विषयों की परीक्षा निरस्त की है। प्रतियोगी आए दिन जांच एजेंसी और आयोग के बीच दौड़ रहे हैं।




राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती 2016 में सपा शासन में घोषित हुई थी, उस समय भर्ती मेरिट के अनुसार होनी थी। योगी सरकार ने इस भर्ती में पदों की संख्या बढ़ाकर लिखित परीक्षा से करने का ऐलान किया। 10768 पदों की भर्ती का जिम्मा उप्र लोकसेवा आयोग को सौंपा, इसमें साक्षात्कार नहीं होना है। 15 विषयों की परीक्षा 29 जुलाई 2015 को कराई गई, उसमें जमकर अनियमितता हुई। एक ही दिन एक ही पाली में परीक्षा होने से दो विषयों में आवेदन करने वाले एक ही विषय की परीक्षा दे सके। हालांकि आयोग ने लंबे समय बाद रह-रहकर परिणाम घोषित किया और 13 विषयों का रिजल्ट आ चुका है। दो विषय हिंदी व सामाजिक विज्ञान विषय का प्रकरण पेपर लीक से रुका है।


 एसटीएफ ने अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है। प्रतियोगियों को उम्मीद थी कि 13 विषयों में चयनितों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद हिंदी और सामाजिक विज्ञान के रिजल्ट जारी हो जाएगा। लेकिन आयोग की चुप्पी से सभी परेशान हैं। हालांकि आयोग आरओ/ एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले के कारण ही निरस्त कर चुका है, अब परीक्षा दोबारा होनी है। इनमें से हिंदी में 1433, सामाजिक विज्ञान में 1854 पद हैं। सभी को पेपर लीक मामले में एसटीएफ की चार्जशीट दाखिल होने का इंतजार है।

असमंजस : पेपर लीक से हिंदी, सामाजिक विज्ञान विषय का परिणाम का आयोग से 13 विषयों का अंतिम व परिणाम जारी नियुक्ति नहीं।

अभी चयनितों के शैक्षिक अभिलेखों का शिक्षा निदेशालय करा रहा सत्यापन : आयोग की ओर से 13 विधियों में चयनितों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन शिक्षा निदेशालय करा रहा है। इसमें भी लंबा वक्त लगने की उम्मीद है ऐसे में जो अभ्यर्थी विभिन्न पदों पर चयनित हैं वे भी नियुक्ति नहीं पा रहे हैं। अपर निदेशक राजकीय अंजना गोयल का कहना है कि जांच की प्रक्रिया चल रही है।


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