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Sunday, July 12, 2020

मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत एक लाख युवाओं को अप्रेंटिसशिप कराएगी उत्तर प्रदेश सरकार

मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत एक लाख युवाओं को अप्रेंटिसशिप कराएगी उत्तर प्रदेश सरकार।

प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत एक लाख आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार व सेवायोजन के पोर्टल में रजिस्टर 17 हजार निजी प्रतिष्ठानों में अप्रेंटिस के आधार पर प्रशिक्षण दिलाएगी । इसके बाद इन्हीं उद्योगों में प्रशिक्षार्थियों को स्थाई नौकरी दिलाने की कोशिश करेगी।

राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना की कमियों से सबक  ::  प्रदेश सरकार 2016 में शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना की कमियों से सबक लेकर मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना को और प्रभावी ढंग से संचालित करने की तैयारी कर रही है। अप्रेंटिस के एवज में उद्योग इन युवाओं को न्यूनतम 6000 रुपया महीना देंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने इस साल अपने बजट में 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।

केंद्र की योजना ::  राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के तहत 2019 - 2020 तक पूरे देश में 50 लाख युवाओं को उद्योगों में अप्रेंटिसशिप करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन पिछले चार सालों में साढ़े तीन लाख युवा ही अप्रेंटिसशिप पर रखे जा पाए। यूपी में केवल 30 हजार आईटीआई प्रशिक्षित उद्योगों में अप्रेंटिस पर हैं। अब सरकार का प्रयास है कि हर उद्योग कम से कम पांच प्रशिक्षार्थियों को अप्रेंटिसशिप पर रखें।





इस तरह सफल होगी योजना :: प्रदेश के रोजगार व सेवायोजन विभाग ने युवाओं को रोजगार देने के लिए अलग से इन्ट्रग्रेटेड इम्पलायमेंट पोर्टल तैयार किया है। sewayojan.up.nic.in पोर्टल में 17 हजार निजी उद्योगों को पंजीकृत किया गया है। केंद्र सरकार की व्यवस्था है कि उद्योग अपने यहां कुल कार्मियों का ढाई से 15 फीसदी तक आईटीआई प्रशिक्षत युवाओं को अप्रेंटिसशिप पर रखेंगे। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना के तहत इस नियम को मानने के लिए उद्योगों पर जोर डालेगी।

केन्द्रीय योजना में ये हो रहीं कमियां :  केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना का पूरी तरह से प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया । योजना में विभिन्न व्यवसायों में अप्रेंटिसशिप पर जोर, सेवा क्षेत्र में प्रशिक्षित युवा अप्रेंटिसशिप नहीं पा सके। योजना की जानकारी न होने के कारण कई निजी अधिष्ठान शिक्षुता प्रशिक्षण के संचालन के लिए केंद्र सरकार के बनाए पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं करा सके । आईटीआई प्रशिक्षितों को नौकरी दिलाने के लिए कैंपस प्लेसमेंट या रोजगार मेलों में अप्रेंटिसशिप योजना को प्राथमिकता नहीं।


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