UPPSC : जल्द ही FIR भी करा सकती है CBI, चार भर्तियों में गड़बड़ी पकड़े जाने का मामला
UPPSC : जल्द ही FIR भी करा सकती है सीबीआई, चार भर्तियों में गड़बड़ी पकड़े जाने का मामला।
लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कर रही सीबीआई ने जिन चार भर्तियों में गड़बड़ी पकड़ने के बाद पीई दर्ज कराई है, उनमें बहुत जल्द एफआईआर भी हो सकती है। इसके लिए सीबीआई संबंधित भर्ती की गड़बड़ी से जुड़े दस्तावेजों का एक बार फिर से परीक्षण करने के बाद केस तैयार करेगी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार एफआईआर कब तक होगी, इस बारे में अभी कुछ साफ तौर पर कहा नहीं जा सकता है। जल्दी भी हो सकती है और इसमें समय भी लग सकता है।
क्योंकि सीबीआई टीम के पास इसके अलावा भी कई और जांच हैं। सीबीआई इस जांच को लेकर एक बार फिर जिस तरह से सक्रिय हुई है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि पी दर्ज होने के बाद अभ्यर्थियों के ओएमआर बदलने जैसे गंभीर गड़बड़ी के मामलों में जल्द एफआईआर हो सकती है। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह की छात्र हतोसाहित हैं। प्रतियोगियों का कहना है कि सीबीआई कभी बहुत सक्रिय हो जाती है तो काफी एकदम सुस्त हो जाती है इसलिए जब तक गड़बड़ी करने वालों पर कोई ठोस कार्रवाई न हो तब तक सीबीआई के बारे में कोई धारणा नहीं बनाई जा सकती है। मई 2018 में जब सीबीआई ने पीसीएस 2015 में गड़बड़ी को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी तो ऐसा लगा था इसमें लिप्त लोग जल्द बेनकाब होंगे लेकिन आज तक एफआईआर अज्ञात में ही रह गई। यह पता नहीं चल सका की मुख्य परीक्षा के अनिवार्य विषय हिन्दी और निबंध के मॉडरेशन में नंबर आखिर किसने और किसके लिए घटाए और बढ़ाए थे।
UPPSC : जल्द ही FIR भी करा सकती है सीबीआई, चार भर्तियों में गड़बड़ी पकड़े जाने का मामला।
लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कर रही सीबीआई ने जिन चार भर्तियों में गड़बड़ी पकड़ने के बाद पीई दर्ज कराई है, उनमें बहुत जल्द एफआईआर भी हो सकती है। इसके लिए सीबीआई संबंधित भर्ती की गड़बड़ी से जुड़े दस्तावेजों का एक बार फिर से परीक्षण करने के बाद केस तैयार करेगी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार एफआईआर कब तक होगी, इस बारे में अभी कुछ साफ तौर पर कहा नहीं जा सकता है। जल्दी भी हो सकती है और इसमें समय भी लग सकता है।
क्योंकि सीबीआई टीम के पास इसके अलावा भी कई और जांच हैं। सीबीआई इस जांच को लेकर एक बार फिर जिस तरह से सक्रिय हुई है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि पी दर्ज होने के बाद अभ्यर्थियों के ओएमआर बदलने जैसे गंभीर गड़बड़ी के मामलों में जल्द एफआईआर हो सकती है। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह की छात्र हतोसाहित हैं। प्रतियोगियों का कहना है कि सीबीआई कभी बहुत सक्रिय हो जाती है तो काफी एकदम सुस्त हो जाती है इसलिए जब तक गड़बड़ी करने वालों पर कोई ठोस कार्रवाई न हो तब तक सीबीआई के बारे में कोई धारणा नहीं बनाई जा सकती है। मई 2018 में जब सीबीआई ने पीसीएस 2015 में गड़बड़ी को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी तो ऐसा लगा था इसमें लिप्त लोग जल्द बेनकाब होंगे लेकिन आज तक एफआईआर अज्ञात में ही रह गई। यह पता नहीं चल सका की मुख्य परीक्षा के अनिवार्य विषय हिन्दी और निबंध के मॉडरेशन में नंबर आखिर किसने और किसके लिए घटाए और बढ़ाए थे।

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