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Thursday, June 25, 2020

PCS- 18 मेंस के रिजल्ट पर बढ़ा प्रतियोगियों का असंतोष, सोशल मीडिया पर छेड़ा अभियान, आयोग से RTI के तहत मांगे जवाब

PCS- 18 मेंस के रिजल्ट पर बढ़ा प्रतियोगियों का असंतोष, सोशल मीडिया पर छेड़ा अभियान, आयोग से RTI के तहत मांगे जवाब।


प्रयागराज : लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2018 मुख्य परीक्षा के परिणाम का विरोध धीरे धीरे तेज होता जा रहा है। प्रतियोगी छात्रों ने इस परिणाम के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है। इनकास्पष्ट तौर पर कहना है कि आयोग ने स्केलिंग नहीं की है। इस वजह से मानविकी और हिन्दी माध्यम के छात्रों को झटका लगा और वे बाहर हो गए हैं। हालांकि आयोग के सचिव जगदीश ने यह कहते हुए प्रतियोगियों के आरोप को गलत बताया है कि स्केलिंग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की जाती है इसलिए उसे हटाया नहीं जा सकता। परिणाम उन्हीं नियम और शर्तों के तहत जारी किया गया है, जो विज्ञापन में दी गई थीं। बकौल सचिव भर्ती प्रक्रिया के बीच में नियम और शर्तों में बदलाव किए जाने का प्रतियोगियों का आरोप भी निराधार है।







असफल होने वाले इस तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं। वहीं प्रतियोगी छात्रों ने सचिव के बयान पर यह कहते हुए एतराज किया है जब पीसीएस 2019 का नोटिफिकेशन जारी होने से पूर्व मेंस के लिए एक पद के सापेक्ष 18 के बजाए 13 और इंटरव्यू के लिए तीन के बजाए दोगुना अभ्यर्थियों को सफल किए जाने की बात कही जा रही थी, तब भी सचिव ने इसका खंडन किया था, जो बाद में सच साबित हुआ था। 2017 में के परिणाम से पूर्व जब प्रतियोगियों ने सिर्फ स्केल्ड मार्क्स जारी होने बात कही थी तब भी सचिव ने इसका खंडन किया था पर मार्कशीट में सिर्फ स्केल्ड नंबर ही दर्शाया गया था। प्रतियोगियों के मुताबिक एलटी ग्रेड के हिन्दी और सामाजिक विज्ञान के परिणाम को लेकर सचिव और आयोग के अफसर कई बार झूठा आश्वासन दे चुके हैं, ऐसे में इनके बयान पर विश्वास आखिर कैसे किया जा सकता है।


प्रतियोगी छात्रों ने सोशल मीडिया पर छेड़ा अभियान, आयोग से आरटीआई के तहत मांगे जवाब।

 सचिव के मौखिक आश्वासन पर प्रतियोगियों को भरोसा नहीं लिखित स्पष्टीकरण की मांग।

लिखित स्पष्टीकरण दें,नहीं तो जाएंगे कोर्ट : इस मामले को लेकर आयोग के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह का कहना है कि सचिव के मौखिक बयान पर भरोसा नहीं है इसलिए आयोग स्केलिंग को लेकर लिखित स्पष्टीकरण जारी करे और इस बारे में आरटीआई के तहत मांगी गई स्पष्ट जानकारी दे। अगर आयोग ऐसा नहीं करता है तो प्रतियोगी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। बकौल कौशल प्रतियोगियों को आयोग के अपने सूत्रों से पता चला है कि जब स्केलिंग हटाई जा रही थी तो कई अनुभाग अधिकारियों ने अध्यक्ष और सचिव से मिलकर इसका विरोध किया था। आयोग के जिम्मेदार लोगों से यहां तक कहा गया था कि नए नियम लागू करना ठीक नहीं है मामला विवादित हो सकता है।

पैटर्न में बदलाव का भी पड़ा प्रभाव : वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्य परीक्षा का पैटर्न बदलकर सिविल सेवा परीक्षा यानी आईएएस की तरह किए जाने का असर भी 2018 के परिणाम पर दिख रहा है। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के पैटर्न पर तैयारी करने वाले छात्रों को इसमें सफलता मिली है जबकि जो प्रतियोगी पुराने पैटर्न से तैयारी कर रहे थे, उन्हें झटका लगा है। सफल होने वालों में ऐसे प्रतियोगियों की संख्या ज्यादा है जो सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा या फिर इंटरव्यू तक पहुंच चुके हैं या लोक सेवा आयोग की पूर्व की पीसीएस मुख्य परीक्षा में सफल हो चुके हैं।


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