UPPSC : दूसरे पदों पर चयनित अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र लेने की मांग, RO भर्ती प्रकरण।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरओ यानी समीक्षा अधिकारी की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया है। हाईकोर्ट ने आरओं की 132 पदों की भर्ती निकाली है। प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का कंप्यूटर टाइपिंग टेस्ट लिया जाएगा।
टाइपिंग टेस्ट में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बीच अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट प्रशासन से उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की तर्ज पर अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र लेने की मांग की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने हाईकोर्ट के साथ लोकसेवा आयोग द्वारा निकाली गई आरओ-एआरओ 2017 की भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया है। आयोग तीन मार्च को उक्त परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर चुका है। रिजल्ट घोषित करने से पहले आयोग ने उन अभ्यर्थियों से अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र मांगा था. जिनका चयन दूसरे पदें पर हो चुका है और वह आरओ-एआरओ में चयन नहीं चाहते थे। आयोग की अपील पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने अपना अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र भेजा था। इधर, कई अभ्यर्थियों का चयन लोकसेवा आयोग, सचिवालय में हो चुका है। ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट में उनका चयन होने पर वह कार्यभार ग्रहण करने से बचेंगे। ऐसे में सीट खाली रह जाएगी। अगर वह अपना अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट प्रशासन को दे देते हैं तो उनके स्थान पर नीचे की मेरिट वाले अभ्यर्थियों का चयन हो जाएगा।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरओ यानी समीक्षा अधिकारी की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया है। हाईकोर्ट ने आरओं की 132 पदों की भर्ती निकाली है। प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का कंप्यूटर टाइपिंग टेस्ट लिया जाएगा।
टाइपिंग टेस्ट में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बीच अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट प्रशासन से उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की तर्ज पर अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र लेने की मांग की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने हाईकोर्ट के साथ लोकसेवा आयोग द्वारा निकाली गई आरओ-एआरओ 2017 की भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया है। आयोग तीन मार्च को उक्त परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर चुका है। रिजल्ट घोषित करने से पहले आयोग ने उन अभ्यर्थियों से अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र मांगा था. जिनका चयन दूसरे पदें पर हो चुका है और वह आरओ-एआरओ में चयन नहीं चाहते थे। आयोग की अपील पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने अपना अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र भेजा था। इधर, कई अभ्यर्थियों का चयन लोकसेवा आयोग, सचिवालय में हो चुका है। ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट में उनका चयन होने पर वह कार्यभार ग्रहण करने से बचेंगे। ऐसे में सीट खाली रह जाएगी। अगर वह अपना अभ्यर्थन निरस्त करने का प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट प्रशासन को दे देते हैं तो उनके स्थान पर नीचे की मेरिट वाले अभ्यर्थियों का चयन हो जाएगा।

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