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Wednesday, June 24, 2020

जूनियर इंजीनियर में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द करने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

जूनियर इंजीनियर में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द करने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब।


प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश जल निगम में जूनियर इंजीनियरों के 853 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने सुधीर कुमार गुप्ता व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन रद्द करने से पूर्व उन्हें सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना है कि याची एक जुलाई 2017 को जारी जूनियर इंजीनियर भर्ती के चयन परिणाम में सफल हुए और उन्हें नियुक्ति मिल गई। वर्तमान में वे विभिन्न जिलों में तैनात हैं।






इस बीच अंतिम उत्तर कुंजी के कुछ प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने विभाग को याचियों की शिकायतों पर विचार कर निर्णय लेने को कहा। इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में विभाग ने पूरा चयन परिणाम निरस्त करते हुए याचियों की नियुक्तियां रद्द कर दी लेकिन ऐसा करने से पूर्व याचियों को न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही उनको अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया। यह भी नहीं बताया गया कि चयन परिणाम दूषित होने में याची किस प्रकार उत्तरदायी हैं। अधिवक्ता का कहना है कि परीक्षा कराने का जिम्मा अपडेट के पास था। शिकायत पर मामले की जांच आईआईटी प्रयागराज से कराई गई। जिसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि अपडेट ने डाटा सुरक्षित नहीं रखा और नही उसने क्लाउड सर्वर क्रिएट किया। जबकि अपडेट का कहना है कि डाटा वसीडी पेन ड्राइव में सुरक्षित है। करार में क्लाउड सर्वर क्रिएट करने की कोई शर्त नहीं थी। कोर्ट ने इस मामले में जानकारी मांगी है।


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