VDO भर्ती : मंत्री ने लगाया था धांधली का आरोप, 1953 पदों पर हुई थी भर्तियां, अब एसआईटी को सौंपी गई जांच।
VDO भर्ती : मंत्री ने लगाया था धांधली का आरोप, 1953 पदों पर हुई थी भर्तियां, अब एसआईटी को सौंपी गई जांच।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के 1953 पदों पर हुई भर्तियों की जांच सरकार ने एसआईटी को सौंप दी है। सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने ही इन भर्तियों में धांधली का आरोप लगाते हुए इन्हें रद करने की मांग की थी। एसआईटी ने इस भर्ती से जुड़े दस्तावेज जुटाने शुरू कर दिए हैं।
अगस्त 2019 में आया था रिजल्ट : ग्राम विकास अधिकारी के 1,953 पदों पर हुई भर्ती का रिजल्ट 26 अगस्त 2019 में आया था। इसमें समाज कल्याण विभाग के 362, पंचायती राज अधिकारी के 1527 व समाज कल्याण पर्यवेक्षक के 64 पदों पर भर्ती होनी थी। रिजल्ट आने से दो दिन पहले परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े लोगों ने 136 मुन्नाभाइयों को चिह्नित किया था, जिन्होंने दूसरों के स्थान पर परीक्षा दी। इन्हें रिजल्ट से बाहर कर दिया गया था। 31 अगस्त को इस मामले में लखनऊ के विभूति खंड थाने में 136 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसके बाद ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह ने पूरी भर्ती प्रक्रिया और उत्तर प्रदेश राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर सवाल उठाते हुए परीक्षा परिणाम रद करने की मांग करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लखनऊ जिले के दो अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट और उसमें है गड़बड़ियां भी दिखाई थीं। उनका आरोप था कि आयोग ने सही से कापियों का परीक्षण नहीं करवाया है। उन्होंने अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद आयोग ने दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। रिजल्ट व कापियों की स्क्रीनिंग भी करवाई थी।
14 लाख लोगों ने किया था आवेदन ग्राम विकास अधिकारी के 1,953 पदों के लिए प्रदेश भर से 14 लाख लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से साढ़े नौ लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। वर्ष 2018 में 22 और 23 दिसंबर को 16 जिलों के 572 केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन हुआ था।
VDO भर्ती : मंत्री ने लगाया था धांधली का आरोप, 1953 पदों पर हुई थी भर्तियां, अब एसआईटी को सौंपी गई जांच।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के 1953 पदों पर हुई भर्तियों की जांच सरकार ने एसआईटी को सौंप दी है। सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने ही इन भर्तियों में धांधली का आरोप लगाते हुए इन्हें रद करने की मांग की थी। एसआईटी ने इस भर्ती से जुड़े दस्तावेज जुटाने शुरू कर दिए हैं।
अगस्त 2019 में आया था रिजल्ट : ग्राम विकास अधिकारी के 1,953 पदों पर हुई भर्ती का रिजल्ट 26 अगस्त 2019 में आया था। इसमें समाज कल्याण विभाग के 362, पंचायती राज अधिकारी के 1527 व समाज कल्याण पर्यवेक्षक के 64 पदों पर भर्ती होनी थी। रिजल्ट आने से दो दिन पहले परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े लोगों ने 136 मुन्नाभाइयों को चिह्नित किया था, जिन्होंने दूसरों के स्थान पर परीक्षा दी। इन्हें रिजल्ट से बाहर कर दिया गया था। 31 अगस्त को इस मामले में लखनऊ के विभूति खंड थाने में 136 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसके बाद ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह ने पूरी भर्ती प्रक्रिया और उत्तर प्रदेश राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर सवाल उठाते हुए परीक्षा परिणाम रद करने की मांग करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लखनऊ जिले के दो अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट और उसमें है गड़बड़ियां भी दिखाई थीं। उनका आरोप था कि आयोग ने सही से कापियों का परीक्षण नहीं करवाया है। उन्होंने अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद आयोग ने दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। रिजल्ट व कापियों की स्क्रीनिंग भी करवाई थी।
14 लाख लोगों ने किया था आवेदन ग्राम विकास अधिकारी के 1,953 पदों के लिए प्रदेश भर से 14 लाख लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से साढ़े नौ लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। वर्ष 2018 में 22 और 23 दिसंबर को 16 जिलों के 572 केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन हुआ था।

0 comments:
Post a Comment