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Thursday, January 14, 2021

पुनर्गठन के बाद से नहीं जारी हुई नई भर्ती, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की लचर व्यवस्था से खाली हैं शिक्षकों, प्रधानाचार्य के पद

पुनर्गठन के बाद से नहीं जारी हुई नई भर्ती, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की लचर व्यवस्था से खाली हैं शिक्षकों, प्रधानाचार्य के पद

प्रयागराज : प्रदेश में 2017 में नई सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का पुनर्गठन किया गया। पुनर्गठन के बाद से चयन बोर्ड पुरानी भर्ती पूरी करने में लगा है, इसके बाद भी बोर्ड के अधिकारी 2013 में विज्ञापित प्रधानाचार्य के पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू नहीं कर सके हैं। 2016 में टीजीटी एवं प्रवक्ता की भर्ती के बाद से चार वर्ष से कोई नई शिक्षक भर्ती शुरू नहीं हो सकी है।


चयन बोर्ड में आज भी पुरानी शिक्षक भर्तियों 2011, 2013 एवं 2016 के इंटरव्यू पूरे करके नियुक्ति की कोशिश में लगी है। नई भर्ती नहीं होने से स्कूलों में शिक्षकों के हजारों एवं प्रधानाचार्य के बड़ी संख्या में पद खाली हैं।

भर्ती शुरू करने के बाद निरस्त किया

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 29 अक्तूबर को टीजीटी एवं प्रवक्ता के 15508 पदों पर भर्ती की घोषणा की गई थी। आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के बाद चयन बोर्ड ने चार वर्ष बाद घोषित पदों पर भी रोक लगा दी। चयन बोर्ड ने दिसंबर तक नई भर्ती घोषित करने का आश्वासन दिया था।

चयन बोर्ड ने कम कर दिए 25 हजार पद

प्रदेश के जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से मिले अधियाचन में चयन बोर्ड को 40 हजार पद मिले थे। इसके बाद भी अक्तूबर में चयन बोर्ड ने 25 हजार पद कम करके मात्र 15 हजार पदों पर भर्ती घोषित की। अब उस भर्ती को भी निरस्त कर चयन बोर्ड अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी कर रहा है।

प्रधानाचार्य के 599 पदों पर सात साल से इंटरव्यू नहीं

2013 में विज्ञापित प्रधानाचार्य के 599 पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी बिना इंटरव्यू के ही रिटायर हो रहे हैं चयन बोर्ड की ओर से 2013 में विज्ञापित पदों के लिए इंटरव्यू की कोई तैयारी नहीं है। माध्यमिक विद्यालयों में 2011 से लंबित चयन प्रक्रिया पूर्ण कराने, वर्ष 2013 के विज्ञापन का साक्षात्कार प्रारंभ कराने तथा प्रधानाचार्य पदों के लिए नया विज्ञापन निकालने की मांग की।

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