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Sunday, January 17, 2021

UPPSC : सीबीआई जांच में तेजी लाने को सोशल मीडिया पर अभियान, देखें सार, कब क्या हुआ

UPPSC : सीबीआई जांच में तेजी लाने को सोशल मीडिया पर अभियान, देखें सार, कब क्या हुआ

सार

कब क्या हुआ

20 जुलाई 2017 को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सीबीआई जांच कराने की घोषणा की

31 जुलाई 2017को केंद्र सरकार को सिफारिश की गई 
21 नवंबर 2017 को केंद्र सरकार के कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय ने सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी की  

जांच की जिम्मेदारी राजीव रंजन एसपी सीबीआई भष्ट्राचार निरोधक प्रकोष्ठ शाखा प्रथम को सौंपी गई 

राजीव रंजन ने 25 जनवरी 2018 को लखनऊ में इस संबंध में पीई दर्ज की और आधिकारिक रूप से जांच शुरू हुई

31 जनवरी 2018 को राजीव रंजन और उनकी टीम ने आयोग कर्मियों के भारी विरोध के बीच यूपीपीएससी परिसर में प्रवेश किया और दस्तावेज खंगाले

इसी बीच लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अनुरुद्ध सिंह यादव ने उच्च न्यायालय में जांच रोकने की अपील दाखिल की जिसमें छात्र भी अनुरुद्ध यादव के विरुद्ध पक्षकार बने क्योंकि जांच के कारण ही प्रतियोगी छात्रों की याचिका औचित्यहीन हुई थी 

बहस के बाद अनुरुद्ध यादव की याचिका 28 फरवरी 2018 को खारिज हुई 

इसी बीच पांच मई 2018 को सीबीआई टीम ने लोक सेवा आयोग के पहली एफआईआर दर्ज की और आयोग में कई दस्तावेज सील कर दिए 

सीबीआई को रेड के दौरान अपर निजी सचिव भर्ती- 2010 में भारी गड़बड़ी मिली और सीबीआई ने उत्तर प्रदेश शासन को 19 जून 2018 को पत्र लिखकर जांच की अनुमति मांगी

चार अक्टूबर 2018 को उत्तर प्रदेश शासन ने अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा के संपूर्ण परिणाम की जांच का अनुमोदन गृह मंत्रालय को भेज दिया 

अचानक गृह मंत्रालय ने 17 नवंबर 2018 को जांच के आईओ राजीव रंजन को सीबीआई से हटाकर उनके गृह प्रदेश सिक्किम भेजने का निर्देश दिया 

फरवरी 2019 को एपीएस भर्ती-2010 की जांच हेतु के लिए पीई दर्ज हुई

जुलाई 2020 में समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी 2013, सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2013, उत्तर प्रदेश प्रांतीय न्यायिक सेवा 2013, मेडिकल अफसर परीक्षा 2014 की पीई दर्ज की गई।



विस्तार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षाओं की सीबीआई जांच में तेजी लाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्र सोशल मीडिया पर अभियान चलाने जा रहे हैं। इसके तहत प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति भाजपा के उन वरिष्ठ नेताओं के वीडियो को हर एक दिन के अंतराल पर जारी करेगी, जिन्होंने यूपीपीएससी की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई जांच के संबंध में सकारात्मक बयान दिए थे।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय के अनुसार वीडियो के माध्यम से सरकार और भाजपा को याद दिलाने की कोशिश की जाएगी कि जब वे सत्ता में नहीं थे तो छात्रों का समर्थन जुटाने के लिए किस प्रकार आयोग में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते रहे और सरकार बनने के बाद सीबीआई जांच का आदेश तो कर दिया लेकिन जांच के 1085 दिनों के बाद भी निष्कर्ष लगभग शून्य है।

जांच के दौरान अब तक गलत तरीके से चयनित या चयन कराने वाले अथवा किसी दलाल की गिरफ्तारी नहीं हुई। गिरफ्तारी तो दूर, सिकी को नामजद भी नहीं किया गया। सिर्फ एक मुकदमा दर्ज किया गया और वह भी आयोग के अज्ञात अफसरों एवं बाहरी अज्ञात लोगों के खिलाफ है। समिति के मीडिया प्रभारी ने सवाल उठाए हैं कि आखिर सीबीआई किसके दबाव हैं और किसे बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जांच के नाम पर लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। नेताओं ने छात्राओं से क्या वादा किया था, उन्हें यह याद दिलाने के लिए समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय की ओर से हर एक दिन के अंतराल पर नेताओं के बयान के वीडियो जारी किए जाएंगे।

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