Searching...
Sunday, January 31, 2021

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक हिन्दी पुरुष वर्ग की फाइलें भेजी निदेशालय, कला में अर्हता के विवाद पर यूजीसी-एनसीटीई ने स्पष्ट की स्थित, अब आयोग लेगा निर्णय

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक हिन्दी पुरुष वर्ग की फाइलें भेजी निदेशालय, कला में अर्हता के विवाद पर यूजीसी-एनसीटीई ने स्पष्ट की स्थित, अब आयोग लेगा निर्णय

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में हिन्दी व सामाजिक विज्ञान के सहायक अध्यापकों के चयन में हो रही देरी से आक्रोशित प्रतियोगी छात्रों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन किया। प्रतियोगी मोर्चा के छात्र अध्यक्ष से मिलने की मांग पर अड़े थे लेकिन मीडिया प्रभारी पुष्कर श्रीवास्तव ने अध्यक्ष के पीसीएस साक्षात्कार में व्यस्त होने के कारण मिलने में असमर्थता जताई।


कहा कि उनके आश्वासन के बावजूद 30 जनवरी तक फाइल नहीं भेजी जा सकी। हालांकि सोमवार को हिंदी पुरुष की लगभग 400 फाइल शिक्षा निदेशालय भेज दी गई। मंगलवार को हिंदी महिला की फाइल भी भेज दी जाएगी तथा एक सप्ताह के अंदर सामाजिक विज्ञान की फाइलें भी भेज देंगे। हिंदी विषय में संस्कृत की अनिवार्यता को लेकर उनका कहना था कि इस विषय पर हाईकोर्ट का जो भी आदेश आएगा, उसका अनुपालन करेंगे।

कला विषय में बीएफए नॉन बीएड मसले पर कहा कि इस संबंध में एनसीटीई का जवाब आ गया है जिस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। औपबंधिक रूप से रोकी गई फाइलें भी जल्द भेज दी जाएंगी। इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा। मोर्चा अध्यक्ष विक्की खान का कहना था कि अगर एक सप्ताह के भीतर चारों फाइलें निदेशालय नहीं पहुंची तो वे आयोग पर आमरण अनशन करेंगे।



प्रशिक्षित स्नातक भर्ती 2018 : हिन्दी व सामाजिक विज्ञान के चयन में देरी से आक्रोश

प्रयागराज : राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (सहायक अध्यापक) भर्ती 2018 के सामाजिक विज्ञान और हिन्दी विषय के चयन में देरी से प्रतियोगी छात्र आक्रोशित हैं। लोक सेवा आयोग के उपसचिव ने 21 जनवरी को वार्ता में आश्वासन दिया था कि 30 जनवरी तक फाइलें माध्यमिक शिक्षा विभाग को भेज दी जाएगी। लेकिन समयसीमा बीतने के बावजूद फाइलें नहीं भेजी जा सकी हैं।


आयोग की वादाखिलाफी से नाराज प्रतियोगी मोर्चा ने सोमवार को दिन में 11 बजे से आयोग पर धरना देने का निर्णय लिया है। हिन्दी व सामाजिक विज्ञान के अलावा तमाम अभ्यर्थियों की फाइलें औपबंधिक रूप से रोकी गई हैं । हिंदी विषय में संस्कृत की अनिवार्यता के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। कला विषय में चयनित बीएफए नॉन बीएड अभ्यर्थियों के बारे में यूजीसी और एनसीटीई को तीन बार रिमाइंडर भेजा गया है लेकिन अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं मिला है।

0 comments:

Post a Comment