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Monday, January 18, 2021

प्राचार्य भर्ती में आरक्षण लागू नहीं, मांगा जवाब, अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में भर्ती का है मामला

प्राचार्य भर्ती में आरक्षण लागू नहीं, मांगा जवाब, अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में भर्ती का है मामला

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग

▪️ 29 अक्तूबर को हुई थी लिखित परीक्षा, एपीआई का हो रहा परीक्षण

▪️सचिव वंदना त्रिपाठी ने लखनऊ में चयन संस्था का पक्ष रखा

प्रयागराज : प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में 290 प्राचार्यों की चयन प्रक्रिया में आरक्षण लागू न होने की शिकायत हुई है। अभ्यर्थियों की शिकायत पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से जवाब तलब किया है । आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी ने सोमवार को लखनऊ में चयन संस्था का पक्ष रखा।


अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने आरक्षित वर्ग को आवेदनशुल्क में तो छूट दी थी लेकिन आरक्षण लागू नहीं किया। आयोग का कहना है कि महाविद्यालयों को एक यूनिट मानकर पदों का निर्धारण किया गया था प्राचार्य का पद एकल होने के कारण आरक्षण लागू नहीं कर सकते, इसलिए इस भर्ती में आरक्षण नहीं है।

पूर्व में चयन आयोग ने पिछड़ा वर्ग आयोग को अपना लिखित पक्ष भेजा था । लेकिन पिछड़ा वर्ग आयोग जवाब से संतुष्ट नहीं था। प्राचार्य के 290 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन 15 मार्च से 17 अप्रैल 2019 तक लिए गए थे। इसके लिए लगभग 1200 आवेदन आए हैं। जिनमें से पात्र 950 अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा 29 अक्तूबर 2020 को कराई गई थी। वर्तमान में अभ्यर्थियों के एपीआई का परीक्षण हो रहा है। उसके बाद परिणाम घोषित होगा और फिर साक्षात्कार कराया जाएगा।

प्राचार्य का पद एकल होने के कारण आरक्षण लागू नहीं हो सकता। हमने पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है।
-डॉ. ईश्वर शरण विश्वकर्मा, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग


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