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Friday, October 2, 2020

सिपाही भर्ती : आवेदन तिथि के बाद जाति प्रमाणपत्र जमा करने के मामले में जवाब तलब

आवेदन तिथि के बाद जाति प्रमाणपत्र जमा करने के मामले में जवाब तलब।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस एवं पीएसी कांस्टेबल भर्ती 2018 में आवेदन के बाद की तिथि का जाति प्रमाणपत्र पेश करने पर अभ्यर्थन निरस्त करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने प्रयागराज के अनस अनवर की विशेष अपील पर दिया है। अपील पर अधिवक्ता प्रशांत मिश्र ने बहस की। सरकारी वकील का कहना है कि याची दस्तावेज सत्यापन के समय ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने में विफल रहा इसलिए उसका चयन नहीं किया गया। कोर्ट ने इसी बात को हलफनामे में दाखिल करने का निर्देश दिया है।


अपीलार्थी ने कांस्टेबल भर्ती 2018 में सभी टेस्ट पास किए लेकिन चयन सूची में उसका नाम नहीं आया तो याचिका दाखिल की। एकल पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि 14 जनवरी 2018 को विज्ञापित भर्ती में आवेदन की अंतिम तारीख 22 जनवरी 2018 थी। शर्त थी कि ओबीसी प्रमाणपत्र एक अप्रैल 2017 के बाद जारी किया गया हो। याची ने आठ मार्च 2018 को जारी प्रमाणपत्र पेश किया है। जिसे वैध नहीं कह सकते। याची के अंक सामान्य श्रेणी के कट ऑफ मार्क्स से कम होने के कारण उसे चयनित नहीं किया गया है। इस आदेश के खिलाफ यह विशेष अपील दाखिल की गई। अपीलार्थी के अधिवक्ता का कहना है कि राम कुमार गिजरोधा केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत याची चयनित होने का हकदार है। सरकार की तरफ से कहा गया कि दस्तावेज सत्यापन के समय याची ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने में विफल रहा है इसलिए चयन नहीं हुआ।

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