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Saturday, October 17, 2020

UPPSC : पीसीएस 2018 में स्केलिंग को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रतियोगी छात्रों का प्रदर्शन

UPPSC : पीसीएस 2018 में स्केलिंग को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रतियोगी छात्रों का प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के गेट के बाहर मंगलवार को पीसीएस 2018 में स्केलिंग के मुद्दे पर प्रतियोगी छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया।


अभ्यार्थियों की बडी संख्या को देखते हुए पुलिस ने आयोग की तरफ आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया। प्रदर्शन के दौरान सैकडों प्रतियोगी छात्रों ने “सभी परीक्षाओं में अन्य राज्यों का कोटा निधार्धारित हो, यूपीएससी का अंधुनकरण बन्द करो, यूपीएससी-2018 स्केलिंग का जवाब दो और हिन्दी भाषियों के साथ अन्याय नहीं चलेगा लिखी हुई हाथों में तख्ती लेकर नारेबाजी कर रहे थे। अभ्यर्थियों को संभालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।


भीड़ में प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि आयोग बेमानी तरीके से काम कर रहा है और सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उनका आरोप है कि आयोग यह बताए की पीसीएस 2018 में विज्ञापन के अनुसार स्केलिंग प्रक्रिया लागू हुई है या नहीं, इसका जवाब तत्काल दे।


प्रदर्शन कर रहे मोहित नामक प्रतियोगी छात्र ने कहा कि आयोग के मानमाने रवैये पर सरकार को अंकुश लगाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग में भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद एवं स्केलिंग को अप्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है। पीसीएस 2018 के परिणाम से स्वत: स्पष्ट है कि स्केलिंग लागू नहीं है।

प्रतियोगी छात्रों का समर्थन करते हुए युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि पीसीएस-2018 के परिणामों से स्वत: स्पष्ट हो गया है कि स्केलिंग लागू नहीं किया गया है। उन्होने कहा कि जनदबाव के बाद सीबीआई जांच के आदेश के बाद लीपापोती करने और दोषियों को बचाने का ही नतीजा है कि ऐसी ताकतों का मनोबल बढ़ा हुआ है और उनपर किसी प्रकार का फर्क नहीं पड़ रहा है।


सचान ने कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली भी जो पहले से ही अलोकतांत्रिक उसने तानाशाही बढ़ती जा रही है। गोपनीयता की आड़ में भाई-भतीजावाद का बोलबाला पहले जैसा ही है। इससे युवाओं में रोष व्याप्त है और इसका खामियाजा प्रशासन को भी भुगतना पडेगा।

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UPPSC : स्केलिंग के मुद्दे पर आयोग में जुटेंगे सैकड़ों अभ्यर्थी।

प्रयागराज : पीसीएस-2018 में स्केलिंग के मुद्दे पर प्रतियोगी छात्र मंगलवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में धरना प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन को सफल बनाने के लिए मंगलवार को प्रतियोगी छात्रों ने हॉस्टलों और डेलीगेसियों में जनसंपर्क किया। छात्रों का कहना है कि वे आयोग से सिर्फ पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। खेल के बीच अगर नियम बदला जाता है तो नए नियम के बारे में खेल से संबंधित सभी हितधारकों को जानने का हक है। 



आयोग सिर्फ इतना बता दे कि पीसीएस-2018 में विज्ञापन के अनुसार स्केलिंग प्रक्रिया लागू हुई या नहीं। इस सवाल का जवाब जाने के लिए उत्तर प्रदेश प्रतियोगी छात्र मंच के बैनर तले प्रतियोगी छात्र 20 अक्टूबर को सुबह 11 बजे आयोग पर जुटेंगे और धरना-प्रदर्शन करेंगे। छात्रों की यह मांग भी है कि अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए राज्य चयन में सिर्फ पांच फीसदी कोटा तय किया जाए।


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PCS- 2018 : बाहरी अभ्यर्थियों का सिर्फ पांच फीसदी तय हो कोटा, अभ्यर्थियों ने की मांग, 20 अक्टूबर को आयोग में देंगे धरना।

प्रयागराज : पीसीएस-2018 में स्केलिंग लागू हुई या नहीं, यह सवाल जल्द ही एक बड़े आंदोलन में परिवर्तित हो सकता है। उत्तर प्रदेश प्रतियोगी छात्र मंच के बैनर तले बड़ी संख्या में छात्र 20 अक्तूबर को सुबह 11 बजे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं। स्केलिंग और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ इस आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। आंदोलन को सफल बनाने के लिए प्रतियोगी छात्रों ने जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। 


अभ्यर्थी यह मांग भी कर रहे हैं कि अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए राज्य चयन में सिर्फ पांच फीसदी कोटा तय किया जाए, ताकि यूपी के अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़े और पीसीएस 20198 जैसी स्थिति दोबारा न हो। अभ्यर्थियों की यह मांग भी है कि पीसीएस-2018 में स्केलिंग पर आयोग लिखित रूप से स्थित स्पष्ट करे। अगर स्केलिंग नहीं हुई है तो परिणाम को संशोधित करें। इसके साथ मुख्य परीक्षा के लिए पदों की संख्या के मुकाबला 18 गुना और इंटरव्यू के लिए तीन गुना अभ्यर्थियों को क्वालीफाई कराया जाए।

पीसीएस, आरओ/एआरओ, बीईओ एवं अन्य परीक्षाओं के अंतिम परिणाम के साथ वेटिंग लिस्ट भी जारी किए जाने की मांग हो रही है।


अभ्यर्थियों की अन्य मांगें हैं कि मूल्यांकन/अनुवाद में हिंदी माध्यम अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव खत्म हो, पीसीएस मुख्य परीक्षा में रक्षा अध्ययन एवं समाज कार्य विषय को पुनः शामिल किया जाए, पीसीएस-2018 से पैटर्न में बदलाव से प्रभावित अभ्यर्थियों को हुए दो अतिरिक्त अवसर मिले, महिलाओं के 20 फीसदी कोटे को केवल यूपी की महिलाओं के लिए सुनिश्चित किया जाए लोअर पीसीएस की भर्तियां यूपीपीएससी में हों, निगेटिव मार्किंग एक चौथाई रखी जाए। प्रतियोगी छात्रसंघ के अध्यक्ष संदीप सिंह का आरोप है कि आयोग के गलत फैसलों के कारण प्रतियोगी छात्रों को बड़ा नुकसान हुआ है और इसी वजह से छात्र अब आंदोलन के लिए मजबूर हैं।

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