लोकसेवा आयोग : कोरोना या कुछ और, जानिए पीसीएस प्री परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों में क्यों आई कमी।
प्रशासनिक पदों पर चयन की प्रदेश की सबसे बड़ी पीसीएस परीक्षा में इस बार परीक्षार्थियों की उपस्थिति पिछली पांच परीक्षाओं की तुलना में कम रही। सबसे ज्यादा 71 प्रतिशत उपस्थिति प्रयागराज में रही जबकि मुरादाबाद में सबसे कम 37 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी है। कम उपस्थिति का कारण कोरोना वायरस का बढ़ता संक्रमण तो रहा ही, इसके अलावा भी कई कारण हैं। पीसीएस की पिछली पांच परीक्षाओं को देखा जाए तो 2015 से लेकर 2020 तक सबसे कम 53 प्रतिशत उपस्थिति 2020 की परीक्षा में रही। सबसे ज्यादा 62 प्रतिशत उपस्थिति 2018 की परीक्षा में थी। वहीं पीसीएस 2015 में 59 तो 2016 में 57, 2017 में 54 और 2019 में 58 प्रतिशत परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। पीसीएस 2018 में ज्यादा उपस्थिति की जो वजह थी, लगभग वही कारण पीसीएस 2020 में कम उपस्थिति का भी माना जा रहा है।
पीसीएस 2018 पदों की संख्या के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी भर्ती थी, इस भर्ती में जितने पद शामिल थे उतने पद पीसीएस की पिछले 10 भर्तियों में नहीं थे। इस भर्ती में 988 पद थे। डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी के पदों की संख्या भी ज्यादा थी। पीसीएस 2020 में फिलहाल 252 पद घोषित किए गए हैं। खास बात यह है कि इनमें 125 पद सीडीपीओ के हैं, जो विशेष योग्यता वाला पद है। समाजशास्त्र के साथ स्नातक पास करने वाले ही इसके योग्य हैं। जाहिर है कि आधा पद विशेष योग्यता वाला होने के कारण इस परीक्षा में परीक्षार्थियों की रुचि कम रही।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से भी कई परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी। हालांकि आयोग ने सहूलियत के लिए सभी आवेदकों से परीक्षा केंद्र के लिए 19 में से 3 ऐसे जिलों का विकल्प मांगा गया था, जहां वे आसानी से परीक्षा दे सकते हैं।
आवेदन के वक्त गलती हो जाने पर काफी अभ्यर्थी फिर से आवेदन करते हैं। इनके पहले आवेदन की फीस जमा हो जाती है इसलिए इन्हें भी आवेदक मान लिया जाता है। इस कारण आवेदकों की संख्या तो अधिक दिखती है पर वास्तविक आवेदक कम होते हैं। पीसीएस की परीक्षा में कम उपस्थिति की यह वजह लगभग हर साल होती है। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि कोरोना के भय का बहुत असर पीसीएस प्री परीक्षा पर नहीं दिखा है क्योंकि उपस्थिति कमोवेश उतनी ही है जितनी पिछली परीक्षाओं में रहती है। सचिव मानते हैं कि इस बार परीक्षार्थियों की संख्या कम होने की एक प्रमुख वजह विशेष योग्यता वाला पद अधिक होना है।
परीक्षा वर्ष कुल परीक्षार्थी उपस्थति (प्रतिशत)
2020 595696 53.11 प्रतिशत
2019 544664 58 प्रतिशत
2018 635844 62.42 प्रतिशत
2017 455297 54 प्रतिशत
2016 436413 57 प्रतिशत
2015 443079 59 प्रतिशत
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