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Thursday, October 22, 2020

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग : अनर्ह अभ्यर्थियों को प्राचार्य पद की लिखित परीक्षा में शामिल होने की अनुमति

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग :  अनर्ह अभ्यर्थियों को प्राचार्य पद की लिखित परीक्षा में शामिल होने की अनुमति


उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) ने प्राचार्य पद की लिखित परीक्षा में शामिल होने के लिए अनर्ह घोषित किए गए 220 अभ्यर्थियों को भी शामिल होने की अनुमति दे दी है। हालांकि, साक्षात्कार से पूर्व उनके अभिलेखों की जांच की जाएगी और सबकुछ ठीक मिलने पर ही उन्हें साक्षात्कार में शामिल होने दिया जाएगा। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 29 अक्तूबर को प्रस्तावित है।


विज्ञापन संख्या 49 के तहत प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले तकरीबन 1200 अभ्यर्थियों में से 224 अभ्यर्थियों को अनर्ह घोषित करते हुए आयोग ने उनकी सूची जारी की थी। अभ्यर्थियों को अनर्ह घोषित किए जाने का कारण भी स्पष्ट किया गया था और संबंधित अभ्यर्थियों से नौ अक्तूबर तक आपत्तियां मांगीं गईं थीं।


परीक्षा 29 अक्तूबर को है। ऐसे में अभ्यर्थियों की ओर से आए प्रत्यावेदनों पर विचार कर उन पर निर्णय लिए जाने के लिए समय बहुत कम बचा है। इसी के मद्देनजर आयोग ने अनर्ह घोषित किए गए 220 अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी है। ऐसे अभ्यर्थियों को आयोग ने प्रवेशपत्र जारी कर दिए हैं। वहीं, चार अन्य अभ्यर्थियों ने विज्ञापन संख्या 49 के तहत आवेदन नहीं किया था, सो उन्हें लिखित परीक्षा के लिए अनुमति प्रदान नहीं की गई। आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी के अनुसार अनर्ह घोषित किए गए 220 अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में शामिल होने के लिए औपबंधिक रूप से अनुमति इस शर्त के साथ दी गई है कि साक्षात्कार से पूर्व उनके अभिलेखों के आधार पर यूजीसी/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता/मानक पूर्ण करने के बाद ही साक्षात्कार के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी। इसलिए सभी 220 अभ्यर्थियों को इस शर्त के तहत औपबंधिक रूप से प्रवेशपत्र निर्गत किए जा रहे हैं।

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