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Friday, July 9, 2021

TGT-PGT : चयन के बाद नियुक्ति के लिए भटक रहे अभ्यर्थी, दूसरे विद्यालय में समायोजन की मांग

TGT-PGT : चयन के बाद नियुक्ति के लिए भटक रहे अभ्यर्थी, दूसरे विद्यालय में समायोजन की मांग

चयनित अभ्यर्थी विद्यालयों की मनमानी की शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक, शिक्षा निदेशालय तक कर चुके

प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित टीजीटी एवं प्रवक्ता अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए परेशान हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से लंबे इंतजार के बाद चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र लेकर आवंटित विद्यालय के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक, शिक्षा निदेशालय एवं चयन बोर्ड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। विद्यालयों में पद खाली नहीं होने की बात कहकर चयनित शिक्षकों को वापस किया जा रहा है। चयनित शिक्षकों ने आवंटित विद्यालय में पद खाली नहीं होने की बात कहकर दूसरे विद्यालय में समायोजन की मांग की है। 



आवेदन, लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार की चार से पांच वर्ष की प्रक्रिया के बाद चयन बोर्ड की ओर से परिणाम जारी करने के बाद अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटित किया जाता है। चयन बोर्ड से विद्यालय आवंटन का पत्र लेकर यह अभ्यर्थी जब संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से विद्यालय में पहुंचते हैं तो वहां उन्हें निराश होना पड़ता है। विद्यालय प्रबंधन संबंधित विषय का कोई पद खाली नहीं होने की बात कहकर अभ्यर्थी को लौटा देता है। जबकि इससे पहले उसी विद्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से अपने यहां पद खाली होने का अधियाचन चयन बोर्ड भेजा है।


अब पद खाली नहीं होने की बात कहकर चयनित शिक्षक को वापस किया जा रहा है। इसके बाद चयनित शिक्षक जिला विद्यालय  निरीक्षक कार्यालय, अपर निदेशक माध्यमिक के कार्यालय एवं चयन बोर्ड कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। अब चयन बोर्ड के पास पहुंचकर चयनित शिक्षकों ने दूसरे विद्यालय आवंटित किए जाने की मांग की है। इस बारे में शिक्षक नेता लालमणि द्विवेदी का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन चयनित शिक्षकों से धन की मांग करते हैं। धन की मांग पूरी नहीं करने पर विद्यालय प्रबंधन शिक्षकों को नियुक्ति देने से मना कर देते हैं। उन्होंने इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को जिम्मेदार बताया है।

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