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Tuesday, July 20, 2021

UPPSC की एई भर्ती में धांधली का खुलासा, एक ही रोल नंबर की दो कॉपियां

यूपीपीएससी की एई भर्ती में धांधली का खुलासा, एक ही रोल नंबर की दो कॉपियां

सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा-2019 की लिखित परीक्षा 13 दिसंबर 2020 को प्रदेश के पांच जिलों प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर, गाजियाबाद और आगरा के विभिन्न केंद्रों में आयोजित की गई थी। इन्हीं में एक परीक्षा केंद्र बाबू जेआरडीपाल इंटर कॉलेज, मनसैता प्रयागराज भी शामिल था। परीक्षा के बाद केंद्र पर्यवेक्षक से प्राप्त द्वितीय सत्र के सील्ड पैकेट में एक ही रोल नंबर के दो उत्तर पत्रक पाए गए।



सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा (सामान्य/विशेष चयन) परीक्षा-2019 के तहत सहायक अभियंता (एई) भर्ती में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। पिछले साल 13 दिसंबर को हुई लिखित परीक्षा में एक ही रोल नंबर की दो कॉपियां मिलीं थीं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने इसकी जांच कराई तो इसमें अभ्यर्थी समेत संबंधित परीक्षा केंद्र के पर्यवेक्षक, कक्ष निरीक्षक भी प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए। आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विद्यालय की मान्यता समाप्त करने की संस्तुति की है। साथ ही केंद्र पर्यवेक्षक, कक्ष निरीक्षक एवं अभ्यर्थी के खिलाफ भी कार्रवाई की है। आयोग की ओर से सिविल लाइंस थाने में एफआईआर पहले ही दर्ज कराई जा चुकी है।

सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा-2019 की लिखित परीक्षा 13 दिसंबर 2020 को प्रदेश के पांच जिलों प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर, गाजियाबाद और आगरा के विभिन्न केंद्रों में आयोजित की गई थी। इन्हीं में एक परीक्षा केंद्र बाबू जेआरडीपाल इंटर कॉलेज, मनसैता प्रयागराज भी शामिल था। परीक्षा के बाद केंद्र पर्यवेक्षक से प्राप्त द्वितीय सत्र के सील्ड पैकेट में एक ही रोल नंबर के दो उत्तर पत्रक पाए गए। आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच कराई, जिसमें केंद्र पर्यवेक्षक, संबंधित कक्ष निरीक्षक और अभ्यर्थी को अपना-अपना पक्ष आयोग के समक्ष मौखिक एवं लिखित रूप से रखने का मौका दिया गया। साक्ष्यों और बयानों के आधार पर जांच में सभी संबंधित पक्षों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया और मामले में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।

इसके साथ ही आयोग ने नियम-निर्देशें की अवहेलना करने, आयोग और अभ्यर्थियों का विश्वास भंग करने, परीक्षा की शुचिता एवं सत्यनिष्ठा प्रभावित करने के आरोप में संबंधित अभ्यर्थी को आयोग की समस्त परीक्षाओं से हमेशा के लिए डिबार कर दिया। अभ्यर्थी भविष्य में आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा। इसके अलावा संबंधित केंद्र, केंद्र अधीक्षक, केंद्र निरीक्षक, प्रबंधक को भविष्य में आयोग की सभी परीक्षाओं से हमेशा के लिए डिबार कर दिया गया है। साथ ही अन्य सभी आयोगों को भी इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाएगा। आयोग के परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्र के अनुसार विद्यालय की मान्यता को समाप्त करने के लिए और संबंधित पदाधिकारियों को अन्य विद्यालयों में भी कोई दायित्व न देने के लिए शासन को अतिशीघ्र पत्र लिखा जाएगा।
 
एक मामले से विवादों में घिरी पूरी परीक्षा

प्रयागराज : सम्मिलत राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा-2019 में एक ही रोल नंबर के दो उत्तर पत्रक मिलने के बाद पूरी परीक्षा ही विवादों में घिर गई है। सील्ड पैकेट में गलती से एक ही रोल नंबर की दो कॉपियां रखे जाने से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने मामला तो पकड़ लिया, लेकिन अब इस बात की आशंका भी जताई जा रही है कि ऐसे और भी मामले रहे होंगे, जो पकड़ में नहीं अए। फिलहाल आयोग की ओर से बीते 26 जून को एई के 580 पदों पर चयनित सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की संस्तुति शासन को भेजी जा चुकी है।

जिस तरह से एक ही रोल नंबर की दो कॉपियां पाई गईं हैं,ख्उससे यही अनुमान लगाया जा रहा है कि एक कॉपी अभ्यर्थी के पास रही होगी और दूसरी सॉल्वर ने लिखी। ऐन वक्त पर कॉपी बदलने की याजना रही होगी, लेकिन गलती से दोनों कॉपियों एक ही पैकेट में रखकर आयोग को भेज दी गईं। ऐसे में परीक्षा केंद्रों में सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं और अब पूरी परीक्षा ही विवादों से घिर गई है। आयोग ने सहायक अभियंता के 648 पदों के लिए सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा आयोजित की थी। 

यूपीपीएससी ने इस वर्ष 26 मार्च को परीक्षा का अंतिम चयन परिणाम जारी किया, जिसमें 580 अभ्यर्थियों को चयनित घोषित किया गया, जबकि 68 पद योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण खाली रह गए। परीक्षा के बाद काफी दिनों तक आयोग ने चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें शासन के पास नहीं भेजीं, क्योंकि इस दौरान जांच चल रही थी। सूत्रों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद 25 जून को चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें नियुक्ति की संस्तुति के साथ शासन को भेजी गईं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय और मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने इस पूरे मामले में आयोग कर्मियों की भूमिका की भी जांच कराने की मांग की है।


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