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Sunday, July 11, 2021

जेई भर्ती परीक्षा रद्द करें या बीटेक को दें मौका, उठी आवाज

जेई भर्ती परीक्षा रद्द करें या बीटेक को दें मौका, उठी आवाज


● बीटेक अभ्यर्थियों ने भर्ती में भेदभाव का लगाया आरोप

●सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए लगाई गुहार


● 10 लाख से अधिक बीटेके डिग्रीधारी यूपी में हैं। बेरोजगार

● 58 सौ से अधिक पद हैं। पीडब्ल्यूडी में डिप्लोमा वालों के लिए

● 06 नियम में सौ 25 पद ही हैं बीटेक डिग्री धारियों के लिए इस सरकारी



प्रयागराज : बीटेक डिग्रीधारियों ने मुख्यमंत्री से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा 2016 और 2018 को स्थगित या रद्द करने की मांग की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जेई भर्ती में केवल डिप्लोमा करने वालों को मौका दिया जा रहा है र बीटेक जैसे उच्च डिग्रीधारियों को बाहर कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि उच्च शिक्षा या योग्यता को नौकरी पाने के लिए अवगुण या दोष नहीं माना जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने बीई/बीटेक डिग्रीधारियों को हिमाचल प्रदेश के राज्य बिजली बोर्ड में जूनियर इंजीनियर की भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया है।

यह भी उल्लेख किया है कि जेई पदों के लिए बीटेक डिग्री धारकों को बाहर निकालने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि जेई पदोन्नति के बाद 50% एई पदों पर नियुक्त होते है जिसके लिए डिग्रीधारी होना आवश्यक है। केवल यूपी में ही लगभग 10 लाख से अधिक बीटेक डिग्रीधारक बेरोजगार हैं।

भर्ती में डिप्लोमाधारियों से कम बीटेक को अवसरः
अभ्यर्थियों का तर्क है कि पीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर (जेई) के लगभग 5200 और सहायक अभियंता (एई) के 1250 पद हैं। एई के 50 प्रतिशत पद प्रमोशन से भरे जाते हैं ।

इस प्रकार डिप्लोमाधारियों के लिए 5200 और 625 कुल 5825 पद हैं। जबकि उनसे अधिक योग्यता रखने वाले बीटेक डिग्रीधारियों के लिए मात्र 625 पद हैं। दूसरी तरह से समझें तो डिप्लोमाधारियों के लिए भर्ती का 90.31 प्रतिशत अवसर है जबकि बीटेक वालों के लिए मात्र 9.68 फीसदी अवसर है।


शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में एसआईईटी ने बनाया स्थान

प्रयागराज : देश के शीर्ष 175 इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची में शंभूनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एसआईईटी) ने अहम स्थान प्राप्त किया है। एक प्रतिष्ठित मैगजीन के सर्वे में देश के सभी प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज और विश्वविद्यालय शामिल हैं। प्रयागराज से केवल शंभूनाथ का नाम है। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. दीनानाथ तिवारी, सचिव कौशल कुमार तिवारी व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. आरके सिंह ने इस उपलब्धि के लिए पूरे स्टाफ का आभार जताया है।

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