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Thursday, July 15, 2021

UPPSC : संशोधित करना पड़ सकता है पीसीएस 2018 का परिणाम

UPPSC : संशोधित करना पड़ सकता है पीसीएस 2018 का परिणाम


◆ 2018 के अंतर्गत प्रधानाचार्य के 83 पदों पर चयन का मामला

◆ प्रतियोगियों ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली आयोग को राहत


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पीसीएस 2018 के तहत प्रधानाचार्य पद का परिणाम संशोधित करना पड़ सकता है। परिणाम संशोधन के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से जारी आदेश के खिलाफ आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की थी। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है।


पीसीएस 2018 में प्रधानाचार्य के 83 पदों की भर्ती हुई थी। प्रतियोगी छात्रों ने भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। प्रतियोगी छात्रों के मुताबिक कोर्ट ने परीक्षा परिणाम संशोधित करने का आदेश दिया था। प्रतियोगियों का कहना है कि आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। प्रतियोगी छात्रों को इस बात का आशंका थी इसलिए प्रतियोगियों ने एसएलपी दाखिल होने से पहले सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया था कि अगर आयोग एसएलपी दायर करता है तो उनका पक्ष भी सुना जाए। इस परिणाम को संशोधित कराने हेतु गठित संघर्ष समिति के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय का कहना है कि आयोग को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। ऐसे में आयोग को प्रधानाचार्य पद का परिणाम संशोधित करना होगा। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय और भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने कहा कि यह प्रतियोगी छात्रों की बड़ी जीत है। राकेश पांडेय के साथ मोहम्मद अदनान, विजय प्रताप त्रिपाठी, आरएस मिश्रा, आशुतोष, अनिल कुमार, केएल गौतम, हरेन्द्र त्रिपाठी, एकनाथ मणि त्रिपाठी, अजय सिंह, अनिल राम, जितेंद्र मिश्रा, अभिषेक श्रीवास्तव, देवेश सिंह, राम लखन दोहरे, दीपक सक्सेना आदि मिलकर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। जिसमें इन्हें प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पाण्डेय और मीडिया प्रभारी प्रशांत पाण्डेय का भी हर स्तर पर सहयोग मिल रहा है।

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