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Tuesday, April 19, 2022

योगी सरकार छह महीने में करेगी 10 हजार पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती

योगी सरकार छह महीने में करेगी 10 हजार पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती


स्वास्थ्य क्षेत्र में पांच साल में मिलेंगे 1.58 लाख रोजगार, खबर पढ़ें सबसे नीचे


योगी सरकार आगामी सौ दिनों में प्रदेश के 28 लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराएगी। हर विधानसभा क्षेत्र में 100 बैड का अस्पताल बनेगा। अगले पांच साल में 10 हजार स्वास्थ्य उप केंद्रों की स्थापना की जाएगी। छह महीने में हजारों भर्तियां भी की जाएंगी।


मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्रिपरिषद के समक्ष स्वास्थ्य सेक्टर से जुड़े विभागों का प्रजेंटेशन हुआ। चिकित्सा सेवाओं के सुचारु संचालन के लिए डॉक्टर-नर्स डॉक्टर-नर्स का अनुपात 1:1 हो। जरूरत के अनुसार पद सृजन किए जाएंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में अस्पताल बनाने की कार्ययोजना तैयार कर इसे चरणबद्ध ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।

छह महीने में होगी 10 हजार पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती
सीएम ने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। कोविड काल में इसका महत्व सभी समझ भी चुके हैं। निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अगले छह महीने में प्रदेश में 10,000 पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की कार्यवाही की जाए। नियुक्ति प्रक्रिया उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से पूर्ण शुचिता के साथ कराई जाए। मानसिक रोगियों के सहायता के लिए निजी स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लें। आगरा, बरेली, वाराणसी के मानसिक चिकित्सालयों में उन्मुखीकरण केंद्र खोला जाना चाहिए, ताकि आमजन को मानसिक रोग के संबंध में सही-सटीक जानकारी दी जा सके।

हर जिले में होगी मुफ्त डायलिसिस
हर जनपद में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। डायलिसिस, सिटी स्कैन, न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट, स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट की संख्या में बढ़ोतरी होगी। अगले दो वर्ष में सभी जनपदों तक इन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। 

पोर्टल पर मिलेगी डेंगू-चिकनगुनिया की रिपोर्ट
डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस, एईएस और कालाजार जैसी जलजनित बीमारियों के लिए "मिशन जीरो" की शुरुआत की जाएगी। कोविड रिपोर्ट की तर्ज पर ही डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया की जांच रिपोर्ट भी पोर्टल पर उपलब्ध कराने के प्रयास हों।

100 दिन में 800 नई एंबुलेंस बढ़ेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 108 एम्बुलेंस सेवा को और व्यवस्थित करने की जरूरत है। एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए। एम्बुलेंस सेवा के संचालन को और विकेंद्रीकरण करने पर विचार हो। अगले 100 दिनों में कम से कम 800 नई एम्बुलेस अपने बेड़े में बढ़ाएं। एएलएस की संख्या को 01 वर्ष में 250 से बढ़ाकर 375 और फिर आगे 500 तक करने के प्रयास हों।

दवाओं की हो पर्याप्त व्यवस्था, हर जिले बने ड्रग हाउस
सभी चिकित्सालय व स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। आवश्यक मानी जाने वाली करीब 300 दवाओं की कमी न हो। इसकी सतत मॉनिटरिंग भी की जाए। हर जिला मुख्यालय के अतिरिक्त एक और फर्स्ट रेफरल यूनिट (जैसे सीएचसी, 100 बेडेड आदि) स्थापित कराई जाए। हर जिले में ड्रग हाउस की व्यवस्था हो। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मैटरनल एनीमिया मैनेजमेंट सेंटर की स्थापना कराई जाए। यह सुनिश्चित कराएं कि सभी एफआरयू पर ब्लड स्टोरेज यूनिट जरूर हो।

केजीएमयू में बनेगा क्षय रोग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
सीएम योगी ने लखनऊ के केजीएमयू में क्षय रोग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कराए जाने के निर्देश दिए। लखनऊ स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय के विस्तारीकरण की भी आवश्यकता बताई। लखनऊ में नेशनल सेन्टर फॉर डिजीज कन्ट्रोल की शाखा स्थापना की कार्यवाही तेज करने के भी निर्देश दिए।


स्वास्थ्य क्षेत्र में पांच साल में मिलेंगे 1.58 लाख रोजगार

-चिकित्सा शिक्षा विभाग एक लाख लोगों को मुहैया कराएगा सीधा रोजगार

निजी क्षेत्र के 60 हजार लोगों को भी पांच साल में रोजगार देने की है विभागीय योजना

लखनऊ : योगी सरकार का जोर बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन पर है। चिकित्सा शिक्षा विभाग में अगले पांच साल में करीब एक लाख सीधे रोजगार का सृजन किया जाएगा। इसके अलावा निजी क्षेत्र में भी करीब 60 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

मंत्रिपरिषद के समक्ष दिए गए प्रजेंटेशन में विभाग अगले 100 दिन में 60 हजार पदों के सृजन के साथ सरकारी क्षेत्र में 8000 लोगों को रोजगार भी देगा। वहीं दो साल में 30 हजार लोगों को सरकारी और 20 हजार को निजी क्षेत्र में रोजगार दिया जाएगा। इसी तरह पांच साल में 60 हजार लोगों को सरकारी क्षेत्र में और 40 हजार को निजी क्षेत्र में रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पदों की संख्या का निर्धारण विभागीय कमेटी कर चुकी है, जिसे राज्य सरकार द्वारा् भी मंजूरी दी जा चुकी है।


छह माह में शुरू होंगे 08 नर्सिग-पैरामेडिकल स्कूल

प्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल की संख्या बढ़ाने के साथ ही सरकार इनकी गुणवत्ता पर भी ध्यान देगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अगले छह माह में पांच नर्सिंग स्कूल, तीन पैरा मेडिकल स्कूल और 24 स्किल लैब की स्थापना की जाए। पैरामेडिकल के कौशल विकास के लिए पांच नए कोर्सेज ओटी टेक्नीशियन, रेडियोथेरेपी टेक्नीशियन, एनेस्थीसिया टेक्नीशियन, डायलिसिस टेक्नीशियन और एमआरआई टेक्नीशियन को जोड़ने की कार्ययोजना बनाई जाए।

योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड होगा स्थापित

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय द्वारा राजकीय एवं निजी आयुष महाविद्यालयों का संबद्धीकरण किया जाए। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार किया जाए। पंचकर्म एवं क्षारसूत्र सहायक का डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जाना चाहिए। आयुष विश्वविद्यालय में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के कोर्स के रेगुलेशन के लिए नीति बनाई जाए। पंजीकरण के लिए योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड की स्थापना की जाए।

अयोध्या में आयुर्वेद, वाराणसी में होम्योपैथी महाविद्यालय

आयुष विश्वविद्यालय कैंपस में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद का चिकित्सालय और पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जाए। सीएम ने कहा कि अगले दो वर्ष के भीतर अयोध्या में आयुर्वेद और वाराणसी में होम्योपैथिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय का संचालन शुरू किया जाए। वाराणसी में पंचकर्म, योग और प्राकृतिक चिकित्सा आधारित कॉटेज की पीपीपी मॉडल पर स्थापना की जाए।

छह माह में बनेंगे 279 हेल्थ वेलनेस सेंटर

अगले छह माह में 279 हेल्थ वेलनेस सेंटर और शेष 26 योग वेलनेस सेंटर का संचालन शुरू किया जाए। साथ ही बस्ती, फतेहपुर बलिया, जालौन एवं रायबरेली में 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय का लोकार्पण कराएं। औषधीय पौधों की कांट्रैक्ट फार्मिंग के लिए नीति बनाकर जल्द लागू की जाए। पांच वर्षों में औषधि निर्माणशाला लखनऊ और पीलीभीत का निगमीकरण करने की कार्यवाही की जाए। सीएम ने खाद्य सुरक्षा विभाग को मिलावटखोरी पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए।

यह भी दिए गए निर्देश

-14 पीपीपी मोड में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों का काम प्राथमिकता पर होगा।

-150 से बढ़ाकर पीकू बैडों की संख्या पांच साल में 6700 की गई है।

-33 मेडिकल कॉलेजों में दो साल में क्रियाशील होंगे ई-अस्पताल।

-सरकारी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना करते हुए सीटों में वृद्धि। नर्सिंग को आकांक्षी व्यवसाय के रूप में बढ़ावा।

-नीट के माध्यम से जीएनएम और बीएससी नर्सिंग में प्रवेश दिलाया जाए।

-योग्यता और कौशल विकास में सुधार के लिए हर राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्किल लैब की होगी स्थापना।

-प्रसाद वितरण करने वाले न्यूनतम 75 धार्मिक स्थलों को 'भोग' कार्यक्रम के तहत शामिल किया जाए।

-2000 रेस्टोरेंट और स्वीट शॉप को हाईजिन रेटिंग दी जाएगी।

-हर स्मार्ट सिटी में एक क्लीन स्ट्रीट फूड हब स्थापित करने की कार्यवाही शुरू की जाए और "ईट राइट कैम्पस" कार्यक्रम के तहत 100 आवासीय शैक्षणिक संस्थानों को शामिल किया जाए।

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