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Monday, April 11, 2022

यूपी से नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स करना चाह रहे छात्रों के लिए अच्छी खबर, 300 नए कॉलेजों को मिली मान्यता

यूपी से नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स करना चाह रहे छात्रों के लिए अच्छी खबर, 300 नए कॉलेजों को मिली मान्यता

उत्तर प्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले की उम्मीद लगाए बैठे छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश में 300 नए नर्सिंग, पैरामेडिकल कॉलेजों में इस साल से दाखिले होंगे।


यूपी में नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले की उम्मीद लगाए बैठे छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश में 300 नए नर्सिंग, पैरामेडिकल कॉलेजों में इस साल से दाखिले होंगे। मानकों को परखने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन कॉलेजों को मान्यता दे दी है। यहां इसी शैक्षिक सत्र से दाखिले होंगे।

1160 ने किया आवेदन
कोरोना की वजह से बीते दो साल से प्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज नहीं खुल पाए थे। इस दौरान नए कॉलेज खोलने के लिए लगातार आवेदन आ रहे थे। दो साल के दौरान 1160 कॉलेजों ने आवेदन किया था। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने टीमें बनाकर कॉलेजों के मानकों को परखने का सिलसिला शुरू किया। चिकित्सा शिक्षा विभाग महानिदेशक डॉ. एनसी प्रजापति ने बताया कि 300 कॉलेजों ने सभी मानक पूरे किए थे। इन कॉलेजों को मान्यता प्रदान करने की संस्तुति कर दी गई है। लखनऊ में करीब 30 नए कॉलेज खुल रहे हैं।

इन कोर्स की पढ़ाई 
महानिदेशक ने बताया कि नर्सिंग, पैरामेडिकल कॉलेजों में करीब आठ से 10 तरह के कोर्स को मान्यता दी गई है। ज्यादातर कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम, एक्सरे, ओटी, डायलिसिस, ऑप्टोमेट्रिस्ट टेक्नीशियन समेत दूसरे कोर्स हैं। हर कॉलेज में 10 से 50 सीटें हैं। इस तरह करीब चार हजार सीटें हैं।

200 कॉलेज मुकरे
200 कॉलेजों ने आवेदन के बाद निरीक्षण कराने से मना कर दिया। ऐसी दशा में इनका निरीक्षण नहीं हो सका। महानिदेशक डॉ. एनसी प्रजापति ने बताया कि ज्यादातर पश्चिम, पूर्वांचल जिलों के कॉलेजों ने निरीक्षण से मना किया है।

660 कॉलेजों में मानक अधूरे
चिकित्सा शिक्षा विभाग को करीब 660 कॉलेजों में मानक पूरे नहीं मिले हैं। डॉ. एनसी प्रजापति ने बताया कि ज्यादातर कॉलेजों में छोटी-मोटी कमियां हैं, जिन्हें दो माह में दूर करने के लिए कहा गया है। यदि तय समय में कॉलेज आपत्तियों को दूर कर देंगे तो इनमें भी दाखिले का रास्ता साफ हो जाएगा। इसका फायदा दूर-दराज के छात्र-छात्राओं को मिलेगा। प्रशिक्षित स्टाफ सरकारी और प्राइवेट संस्थान में तैनात होंगे।

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