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Sunday, April 10, 2022

UPSESSB : चयन बोर्ड में सदस्यों के सभी पद खाली, भर्तियों पर संकट

UPSESSB : चयन बोर्ड में सदस्यों के सभी पद खाली, भर्तियों पर संकट

अब तक शिक्षा सेवा चयन आयोग की स्थापना नहीं हुई और सदस्यों ने दो साल का अतिरिक्त कार्यकाल भी पूरा कर लिया, लेकिन नए सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी न होने के कारण अभ्यर्थियों को आशंका है कि चयन बोर्ड को शिक्षा सेवा चयन आयोग में मर्ज किए जाने की तैयारी हो रही है।


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सदस्य के सभी पद खाली हो गए हैं और वर्तमान में कोई सदस्य नहीं है। ऐसे में आगामी भर्तियां पर संकट मंडरा रहा है। नए सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया भी अब तक शुरू नहीं की गई है। नए सदस्यों की नियुक्ति न होने से अभ्यर्थियों को आशंका है कि कहीं चयन बोर्ड को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में विलीन करने की तैयारी तो नहीं है, जिसका गठन प्रस्तावित है।

चयन बोर्ड के पांच सदस्यों का कार्यकाल आठ अप्रैल को पूरा हो चुका है। इनमें ईश्वर शरण पीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. धीरेंद्र द्विवेदी, सनातन धर्म इंटर कॉलेज वाराणसी के प्रधानाचार्य डॉ. हरेंद्र कुमार राय, एसएसबी कॉलेज हापुड़ के एसोसिएट प्रोफेसर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत सिंह, एलपीके इंटर कॉलेज बसडीला के प्रधानाचार्य डॉ. दिनेश मणि त्रिपाठी और आगरा कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ओम प्रकाश राय शामिल हैं। चयन बोर्ड में कुल 10 सदस्य होने चाहिए, लेकिन सदस्यों के पांच पद पहले से ही खाली थे और अब इन पांच सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के सभी पद रिक्त हो गए हैं।


इन पांच सदस्यों का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाया गया था, जिसका आदेश सात अप्रैल 2020 को जारी किया गया था। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया था कि अगर नव गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग इन सदस्यों की पदावधि पूर्ण होने से पहले लागू हो जाता है तो उस तिथि से सदस्यों का कार्यकाल स्वत: समाप्त हो जाएगा।
नए विज्ञापन को लेकर बनी है असमंजस की स्थिति
अब तक शिक्षा सेवा चयन आयोग की स्थापना नहीं हुई और सदस्यों ने दो साल का अतिरिक्त कार्यकाल भी पूरा कर लिया, लेकिन नए सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी न होने के कारण अभ्यर्थियों को आशंका है कि चयन बोर्ड को शिक्षा सेवा चयन आयोग में मर्ज किए जाने की तैयारी हो रही है।

अगर नए सदस्यों की नियुक्ति होती है तो इसके लिए पहले आवेदन लिए जाने का प्रावधान है। आवेदन की प्रक्रिया में ही एक माह का वक्त लग जाता है। चयन बोर्ड में वर्तमान में कोई सदस्य नहीं है, सो नए सदस्यों के आने तक भर्तियों के फंसे रहने की आशंका है। चयन बोर्ड को अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) और प्रवक्ता (प्रवक्ता) के पदों पर भर्ती के लिए 5350 पदों और प्रधानाचार्य के दो हजार पदों का अधियाचन मिल चुका है। इन पदों पर भर्ती के लिए नए विज्ञापन को लेकर अब असमंजस की स्थिति है।

चयनित शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया भी जारी
चयन बोर्ड में चयनित शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया भी चल रही है। वहीं, विज्ञापन वर्ष 2011 और 2013 के तहत प्रधानाचार्य के पदों पर इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसके अंतिम चयन परिणाम का इंतजार है। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि अगर चयन बोर्ड में कोई सदस्य नहीं है तो अभ्यर्थी नुकसान क्यों उठाएं। जिम्मेदारी चयन बोर्ड की है कि विज्ञापन शीघ्र जारी हो और भर्ती प्रक्रिया समय से पूरी की जाए। इस मसले पर सोमवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को ज्ञापन सौंपा जाएगा।


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