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Wednesday, July 23, 2025

किस काम का चयन आयोग, परीक्षा की तारीख तक नहीं कर सका घोषित, गठन के दो साल बाद भी परीक्षाएं लंबित, नई भर्तियों का भी अतापता नहीं

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की कार्यप्रणाली से 13.9 लाख अभ्यर्थी परेशान

किस काम का चयन आयोग, परीक्षा की तारीख तक नहीं कर सका घोषित, गठन के दो साल बाद भी परीक्षाएं लंबित, नई भर्तियों का भी अतापता नहीं

24 जुलाई 2025
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन को दो साल हो गए हैं। आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय को कार्यभार ग्रहण किए 10 माह से अधिक हो चुका है, जबकि आयोग के 12 सदस्यों की नियुक्ति तो अध्यक्ष से पहले मार्च-2019 में ही कर दी गई थी।

आयोग के गठन की तैयारी वर्ष 2022 में ही शुरू कर दी गई थी। गठन के नाम पर अशासकीय विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी के 4163 पदों एवं अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। आयोग का गठन जिस उद्देश्य से किया गया, वह अब तक पूरा ही नहीं हुआ।

टीजीटी-पीजीटी परीक्षाएं तीन बार स्थगित की जा चुकी हैं। इसकी वजह से फॉर्म भरने वाले 13.19 लाख अभ्यर्थी परेशान हैं। हद तो तब हो गई जब आयोग ने बिना कोई नोटिस जारी किए टीजीटी परीक्षा स्थगित कर दी, जिसके लिए 8.69 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।

टीजीटी-पीजीटी परीक्षा कब होगी, इस पर आयोग ने अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है। वहीं, 16 और 17 अप्रैल 2025 को हुई असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम भी अब तक घोषित नहीं किया गया है।

परीक्षा में गड़बड़ी आने के बाद शासन ने चार सदस्यीय टीम का गठन किया था, जिसकी निगरानी में परीक्षा परिणाम तैयार किया जाना है। आयोग नई भर्ती शुरू करने में भी अब तक विफल रहा है।

बुधवार को छात्र प्रतिनिधिमंडल की बैठक में प्रतियोगी छात्रों ने ये सभी मुद्दे उठाए और कहा कि आयोग जब अपने गठन के उद्देश्य को ही पूरा नहीं कर पा रहा है तो वह किस काम का है।

मांग की गई कि आयोग टीजीटी-पीजीटी भर्ती परीक्षा की तिथि व असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का परिणाम शीघ्र जारी करे और नई भर्ती भी शुरू करे। बैठक में शीतला प्रसाद ओझा, सचिन शुक्ला, अनीता तिवारी और महेंद्र पाल आदि मौजूद रहे।




सबसे बड़ा चयन आयोग दस माह में सिर्फ एक परीक्षा करा सका,  एडेड कॉलेजों की TGT–PGT भर्ती परीक्षाएं लगातार टल रहीं, 3 माह से असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का रिजल्ट का इंतजार
 
 
17 जुलाई 2025
12 सदस्यों वाले सबसे बड़े उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की सुस्त गति ने प्रतियोगी छात्रों को निराश कर रखा है। अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने पांच सितंबर 2024 को कार्यभार ग्रहण किया था। दस महीने हो गए, इस अवधि में आयोग मात्र एक परीक्षा ही करा सका। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 910 पदों पर भर्ती के लिए यह परीक्षा 16 और 17 अप्रैल को हुई थी।


तीन महीने बीत गए अभी तक इसका परिणाम घोषित नहीं हो सका। परीक्षा में लगभग 65 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। विशेषज्ञों की मानें तो इतनी ओएमआर को जांचने का काम चाहे तो तीन दिन में ही पूरा किया जा सकता है। आयोग की विश्वसनियता का आलम यह है कि इसकी पहली परीक्षा की कॉपी जंचवाने से लेकर कटऑफ जारी करने और चयन तक की कार्यवाही पूरी करने के लिए शासन को चार सदस्यीय कमेटी गठित करनी पड़ी। 13 जून को कमेटी गठित होने के एक महीने बाद भी इस भर्ती को लेकर कोई गतिविधि दिखाई नहीं पड़ रही।


वहीं, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले 13,33,136 अभ्यर्थियों का इंतजार भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। टीजीटी के 3539 पदों पर आवेदन करने वाले 868531 अभ्यर्थियों की परीक्षा आयोग ने 21 और 22 जुलाई को प्रस्तावित की थी, लेकिन अब यह कहकर कदम पीछे खींच लिया है कि तमाम अभ्यर्थियों ने ही कांवर यात्रा के कारण परीक्षा छूटने की आशंका जताते हुए परीक्षा टालने का अनुरोध किया है। हालांकि प्रतियोगी छात्र आयोग के इस तर्क से संतुष्ट नहीं हैं। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इसी सावन में 27 जुलाई को आरओ-एआरओ प्री 2023 परीक्षा कराने जा रहा है।


परीक्षार्थियों की संख्या के लिहाज से यह लोक सेवा आयोग की अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा है। इसमें परीक्षार्थियों संख्या साढ़े दस लाख से अधिक है जबकि टीजीटी की परीक्षा में इससे कम लगभग साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी ही हैं। प्रतियोगियों का सवाल है कि जब आरओ-एआरओ प्री परीक्षा हो सकती है तो फिर टीजीटी क्यों नहीं?

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