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Thursday, March 3, 2022

PCS : दो परीक्षाओं में में 38 सवाल गलत, संशोधित उत्तर कुंजी जारी होने पर खुलासा

PCS : दो परीक्षाओं में में 38 सवाल गलत, संशोधित उत्तर कुंजी जारी होने पर खुलासा


प्रयागराज। पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षाओं में 38 सवाल गलत पूछे गए थे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से उत्तर कुंजी जारी किए जाने के बाद इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।


आयोग की ओर से जारी संशोधित उत्तर कुंजी में इन सवालों के जवाब बदल दिए गए या पूरा सवाल ही हटा दिया गया। पीसीएस-2019 के प्रथम प्रश्नपत्र में दो सवालों के उत्तर बदले गए व आठ हटा दिए हैं। वहीं, द्वितीय प्रश्नपत्र में पांच सवालों को हटाने के साथ पांच के उत्तर भी बदले गए।

पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में पांच सवाल हटाए व सात के उत्तर बदले गए हैं और द्वितीय प्रश्नपत्र में तीन सवाल हटाए गए है और तीन के उत्तर बदले गए हैं। प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में इतनी संख्या में सवाल गलत होने पर आयोग के विशेषज्ञों का पैनल ही सवालों के घेरे में है। वहीं, अभ्यर्थी इसे लेकर नाराज हैं और अब न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं।



पीसीएस परीक्षा : 2013 से लगातार हो रहा प्रश्नों पर विवाद, संशोधित हुआ था परिणाम, तलब किए गए थे अध्यक्ष


प्रशासनिक सेवा की प्रदेश की सर्वोच्च पीसीएस परीक्षा में गलत प्रश्न पूछने का मामला एक बार फिर चर्चा में है। पीसीएस की हाल की दो परीक्षाओं में एक-दो नहीं कुल 38 प्रश्नों और उसके उत्तर में विसंगतियां मिली हैं। इनमें से 21 प्रश्न खुद आयोग ने ही गलत मानते हुए हटाए हैं। वहीं 17 प्रश्न ऐसे हैं, जिनका उत्तर आयोग को बदलना पड़ा। जिस परीक्षा में एक नंबर से भी कम अंतर से हजारों परीक्षार्थी बाहर किए जाते हैं, उसमें 38 प्रश्नों में विसंगतियां पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।


संशोधित हुआ था परिणाम, तलब किए गए थे अध्यक्ष: आयोग की भर्तियों में प्रश्नों को लेकर विवाद नया नहीं है। यह विवाद पीसीएस जे 2013 से लगातार चला आ रहा है। पीसीएस जे 2013 प्री में 15 प्रश्नों को लेकर विवाद के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर 19 दिसंबर 2013 को परिणाम संशोधित किया गया था। समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती 2013 (आरओ-एआरओ) में गलत प्रश्नों को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने सितंबर 2014 में आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव को कोर्ट में तलब किया था।


हाईकोर्ट से हुआ था संशोधन का आदेश

पीसीएस जे प्री 2015, पीसीएस 2016 और पीसीएस 2017 में गलत प्रश्नों का मामला हाईकोर्ट गया था। तीनों ही मामलों में हाईकोर्ट ने आयोग के परिणाम बदलने के आदेश दिए थे। सुनवाई के दौरान ही आयोग ने पीसीएस जे प्री 2015 और पीसीएस 2016 की मुख्य परीक्षा भी करा ली थी। आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।


आयोग को नहीं मालूम जगदीश में कौन सी संधि

पीसीएस 2020 प्रारंभिक परीक्षा में पूछा गया था कि जगत धन ईश जगदीश में कौन सी संधि है। आयोग ने पहले व्यंजन संधि को सही माना था लेकिन अब इस प्रश्न को हटाया गया है। स्पष्ट है कि दिए गए चार विकल्पों में इस प्रश्न का सही उत्तर नहीं था। इसी तरह पीसीएस 2019 के दूसरे पेपर में पूछा गया था कि पीतांबर में कौन सा समास है। आयोग ने पहले उत्तर कर्मधारण समान माना था, लेकिन सही विकल्प न होने के कारण इस प्रश्न को हटा दिया। किस शताब्दी में फरवरी में 29 दिन होंगे? प्रश्न का उत्तर आयोग ने 2300 माना था, सही विकल्प न होने के कारण इसे भी हटाया गया है। किस जीव का रक्त सफेद होता है? तथा भारत में नियोजित विकास का विरोध किसने किया? इन दोनों प्रश्नों को भी सही उत्तर विकल्प न होने के कारण गलत मानते हुए हटा दिया गया है। आयोग ने पहले खिड़की का पर्यायवाची वातायन माना था। संशोधित उत्तर कुंजी में बदलाव कर उपयुक्त सभी विकल्प को सही माना गया। यानी की उत्तर में जो तीन विकल्प दिए गए थे, वे सभी सही थे। गमला और आलपीन किस भाषा के शब्द हैं? प्रश्न का सही उत्तर आयोग ने पहले फ्रेंच माना था, जिसे बदलकर पुर्तगाली को सही माना गया।


संशोधित उत्तर कुंजी में भी कई विसंगतियां: अवनीश

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय कहते हैं कि हाईकोर्ट के दबाव में बुधवार को जारी पीसीएस 2019 और 2020 की संशोधित उत्तर कुंजी में भी कई विसंगतियां सामने आ रही हैं, जिसे लेकर समिति हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। इससे पूर्व समिति इन विसंगतियों के संबंध में आयोग को प्रत्यावेदन देगी।



पीसीएस-2019-20 की अंतिम उत्तरकुंजी में हुए हैं बदलाव


प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट के दबाव में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2019 व 2020 की प्रारंभिक परीक्षा की अंतिम उत्तरकुंजी बुधवार को जारी कर दिया है, लेकिन उसको लेकर विवाद खत्म नहीं हुआ। कई उत्तरों के विकल्प बदले गए हैं, जबकि अनेक प्रश्न डिलीट हुए हैं। इससे विशेषज्ञों की योग्यता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। पीसीएस-2019 के प्रथम प्रश्नपत्र की डी-बुकलेट का 10वां प्रश्न था कि निम्नलिखित में किस जीव का रक्त सफेद होता है? पहले तिलचट्टा को सही माना था। 

अब उसे डिलीट कर दिया है। पीसीएस-2019 के प्रथम प्रश्न पत्र की डी-बुकलेट के 140वें प्रश्न में पूछा गया था कि भारत में नियोजित विकास का विरोध किसने किया था? पहले विकल्प ए-महात्मा गांधी को सही माने थे। अब उसे डिलीट कर दिया है। पीसीएस-2019 के द्वितीय प्रश्नपत्र की बी बुकलेट का तीसरा प्रश्न है-गमला और आलपीन किस भाषा के शब्द हैं? पहले विकल्प ए-फ्रेंच को सही माना गया। अब विकल्प सी-पुर्तगाली को सही मान रहे हैं। द्वितीय प्रश्न पत्र की बी-बुकलेट के आठवें प्रश्न में पूछा गया है-पीतांबर में कौन सा समास है? पहले कर्मधारक समास को सही माना गया था, अब डिलीट कर दिए हैं। इसी प्रकार पीसीएस-2020 के प्रथम प्रश्न पत्र के ए-बुकलेट के सातवें प्रश्न में पूछा गया- गरीबी की संस्कृति का विचार प्रस्तुत किया था? पहले आस्कर लुईस को पहले माना था। 

अब उसे डिलीट कर दिया गया है। प्रथम प्रश्नपत्र की बुकलेट ए-के 81वें प्रश्न में पूछा गया-मिट्टी बचाओ आंदोलन कहां से शुरू हुआ था? पहले विकल्प सी-दरभंगा बिहार को सही माना था। अब विकल्प डी-होशंगाबाद मध्य प्रदेश को सही बता रहे हैं। इसी प्रकार द्वितीय प्रश्नपत्र के ए-बुकलेट के प्रश्न संख्या 18 में पूछा गया कि जगत+ईश = जगदीश में कौन सी संधि है? पहले विकल्प सी-व्यंजन को सही बताया गया। अब डिलीट कर दिया है। छात्रों ने पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा की अंतिम उत्तरकुंजी जारी कराने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किया था। अंतिम उत्तरकुंजी जारी किया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि पीसीएस-2019 प्रथम प्रश्नपत्र में दो प्रश्नों के उत्तर बदले गए हैं, जबकि आठ प्रश्न डिलीट हुए हैं। वहीं, पीसीएस-2019 द्वितीय प्रश्न पत्र में पांच प्रश्नों के उत्तर बदले गए पांच प्रश्नों को डिलीट किया गया।

परिणाम को देंगे चुनौती अधिवक्ता अनुज मिश्र का कहना है कि आयोग ने समय से अंतिम उत्तरकुंजी जारी न करके अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया है। अब हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके परिणाम को चुनौती दी जाएगी।

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