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Tuesday, March 29, 2022

विज्ञापन की योग्यता पर ही हो सकता है अभ्यर्थी का चयन : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- विज्ञापन की योग्यता पर ही हो सकता है अभ्यर्थी का चयन

याची का कहना था कि 2014 की लोक सेवा आयोग की एआरओ भर्ती परीक्षा में वह सफल घोषित की गई। कंप्यूटर का ओ-लेबल प्रमाणपत्र न होने के कारण उसका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया गया है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।


प्रयागराज :  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि पद की भर्ती की योग्यता तय करने का पूरा अधिकार नियोजक को ही है। भर्ती विज्ञापन की योग्यता शर्तें रखने वाले अभ्यर्थियों को ही चयन प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है। हाई कोर्ट ने कहा कि सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती के लिए ओ-लेबल कंप्यूटर कोर्स या समकक्ष प्रमाणपत्र की योग्यता निर्धारित की गई है। याची के पास ओ-लेबल प्रमाणपत्र के समक्ष योग्यता नहीं है। इसलिए उसकी अभ्यर्थिता निरस्त करना अवैध नहीं है।

कोर्ट ने कहा, योग्यता मानक तय करना नियोजक का अधिकार

हाई कोर्ट ने याची को राहत देने से इन्कार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने कविता सोनकर की याचिका पर दिया है। याचिका का उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से अधिवक्ता बीकेएस रघुवंशी ने प्रतिवाद किया। याची का कहना था कि 2014 की लोक सेवा आयोग की एआरओ भर्ती परीक्षा में वह सफल घोषित की गई। कंप्यूटर का ओ-लेबल प्रमाणपत्र न होने के कारण उसका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया गया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के इस परिप्रेक्ष्य में दिये गये कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि निर्धारित योग्यता के बगैर चयन नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।


भर्ती के लिए योग्यता मानक तय करना नियोजक का अधिकार : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि पद की भर्ती की योग्यता तय करने का पूरा अधिकार नियोजक को ही है। भर्ती के विज्ञापन की योग्यता व शर्तें रखने वाले अभ्यर्थियों को ही चयन प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है।

कोर्ट ने कहा कि सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती के लिए ओ लेबल कम्प्यूटर कोर्स या समकक्ष प्रमाणपत्र की योग्यता निर्धारित की गई है। याची के पास ओ लेबल प्रमाणपत्र के समकक्ष योग्यता नहीं है। इसलिए उसकी अभ्यर्थिता निरस्त करना अवैध नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने कविता सोनकर की याचिका पर दिया है।

याची का कहना था कि 2014 की लोक सेवा आयोग की एआरओ भर्ती परीक्षा में वह सफल घोषित की गई। कम्प्यूटर का ओ लेबल प्रमाणपत्र न होने के कारण उसकी अभ्यर्थिता निरस्त कर दी गई। जिसे चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस परिप्रेक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट के कई का हवाला देते हुए कहा कि निर्धारित योग्यता के बगैर चयन नहीं किया जा सकता। लोक सेवा आयोग की ओर से अधिवक्ता बीकेएस रघुवंशी ने याचिका का प्रतिवाद किया। कोर्ट ने याची को राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

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