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Friday, March 4, 2022

UPPSC : पीसीएस-2020 में भारी गड़बड़ी के बाद अब 2021 की उत्तरकुंजी बनी आयोग के गले की फांस, अभ्यर्थियों ने उठाया यह कदम

पीसीएस-2021 की मुख्य परीक्षा से पहले मांग रहे संशोधित उत्तरकुंजी: 23 से 27 मार्च तक है प्रस्तावित, प्रतियोगी नहीं हैं संतुष्ट

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2019 व 2020 की प्रारंभिक परीक्षा की अंतिम (संशोधित) उत्तरकुंजी जारी कर दी, लेकिन प्रतियोगी इससे संतुष्ट नहीं हैं। आरोप है कि विलंब से अंतिम उत्तरकुंजी जारी होने से खामियां दूर नहीं हुई। इसे देखते हुए प्रतियोगी छात्र पीसीएस-2021 मेंस (मुख्य परीक्षा) से पहले प्रारंभिक परीक्षा की संशोधित उत्तरकुंजी जारी करने की मांग कर रहे हैं, जिससे उसकी खामी दूर की जा सके।

इसके लिए पीसीएस-2021 मेंस की तारीख बढ़ाने का सुझाव दे रहे हैं। लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2021 के तहत 678 पदों की भर्ती निकाली। रिक्तियों के सापेक्ष 7,688 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए सफल हुए हैं। पहले मुख्य परीक्षा 28 से 31 जनवरी तक दो सत्रों में होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने पर उसे स्थगित कर दिया गया था। अब परीक्षा 23 से 27 मार्च तक कराई जाएगी। आयोग ने अभी प्रारंभिक परीक्षा की संशोधित उत्तरकुंजी जारी नहीं की है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि पीसीएस-2015 में पहली बार कोर्ट के आदेश पर उत्तरकुंजी जारी हुई।

उत्तरकुंजी में गलत प्रश्नों को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है, जो लंबित है। इसके बाद पीसीएस-2016 में गलत प्रश्नों को लेकर हाई कोर्ट ने परिणाम को दोबारा जारी करने का आदेश दिया था। तब आयोग सुप्रीम कोर्ट चला गया। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। पीसीएस-2018 में आयोग ने संशोधित उत्तरकुंजी के स्थान पर हूबहू प्रथम उत्तरकुंजी जारी कर दी थी, अभ्यर्थियों ने इसे कोर्ट में चुनौती दी।

इसके बाद आयोग ने अपनी गलती सुधारी। 

पीसीएस-2019 व 2020 की संशोधित उत्तरकुंजी कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद जारी की गई। कहा कि दोनों भर्तियों की उत्तरकुंजी में काफी खामियां हैं। इससे पता चलता है कि आसानी से अभ्यर्थियों को अंदर-बाहर किया गया है। पीसीएस-2021 में ऐसा न हो, उसके लिए मुख्य परीक्षा से पहले संशोधित उत्तरकुंजी जारी कराने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी, जिससे पात्र अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में शामिल हों।


UPPSC : पीसीएस-2020 में भारी गड़बड़ी के बाद अब 2021 की उत्तरकुंजी बनी आयोग के गले की फांस, अभ्यर्थियों ने उठाया यह कदम

पीसीएस की दो परीक्षाओं 38 सवाल गलत होने के बाद पीसीएस-2021 की उत्तर कुंजी शीघ्र जारी करने की मांग।अभ्यर्थियों ने लगाया आरोप, अपनी गलतियां छिपाने के लिए यूपीपीएससी उत्तर कुंजी जारी करने में कर रहा है देर।


पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षा में 38 प्रश्नों में विसंगति के मामले सामने आने के बाद अभ्यर्थियों को अब पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी का इंतजार है। अभ्यर्थी अड़े हुए हैं कि पीसीएस-2021 की उत्तर कुंजी शीघ्र जारी की जाए और इसके लिए अभ्यर्थियों ने कई बार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में ज्ञापन सौंपा है।

पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 में बड़ी संख्या में प्रश्नों में गलती होेने के बाद अब प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा सवालों के घेरे में है। इसी आधार पर अभ्यर्थी मांग कर रहे है कि पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी भी शीघ्र जारी की जाए।

आयोग ने पिछले साल दो दिसंबर को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी किया था और इस माह मुख्य परीक्षा प्रस्तावित है, लेकिन आयोग ने अब तक उत्तर कुंजी जारी नहीं की है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग जानबूझकर उत्तर कुंजी जारी करने में देर कर रहा है, ताकि अपनी गलतियां छिपा सके। अगर उत्तर कुंजी जारी हो जाती है तो अभ्यर्थी कोर्ट जाएंगे और आयोग को मनमानी करने का मौका नहीं मिलेगा।

अभ्यर्थियों ने आ़योग पर लगाया मनमानी का आरोप

अभ्यर्थियों का दावा है कि इसी वजह से आयोग उत्तर कुंजी जारी करने में विलंब कर रहा है। पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 इसका उदाहरण है, जिनमें चयनित अभ्यर्थी ज्वाइन भी कर चुके हैं और आयोग ने इसके बाद उत्तर कुंजी जारी की।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि आयोग ने पहली बार न्यायालय के आदेश पर पीसीएस-2015 की उत्तर कुंजी जारी की थी। उत्तरकुंजी जारी होने के बाद गलत प्रश्नों को लेकर याचिका दाखिल हुई थी, जो अब भी न्यायालय में लंबित है।

गलत प्रश्नों को लेकर दायर की गई है याचिका

अवनीश के अनुसार पीसीएस-2016 में भी गलत प्रश्नों को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। यह मामला भी सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। पीसीएस-2017 में गलत प्रश्नों को लेकर दाखिल याचिका पर उच्च न्यायालय ने परिणाम दोबारा जारी करने के आदेश दिए थे, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने आयोग के पक्ष में निर्णय दिया था।

पीसीएस-2018 में संशोधित उत्तर कुंजी की जगह आयोग ने अनंतिम उत्तर कुंजी दोबारा जारी कर दी थी और अभ्यर्थियों के न्यायालय जाने पर आयोग ने अपनी गलती सुधारते हुए संशोधित उत्तर कुंजी जारी की थी। अब पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 में गलत प्रश्नों को लेकर अभ्यर्थी न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं।


परिणाम के तीन माह बाद भी उत्तरकुंजी का पता नहीं।

● एक दिसंबर को आया था पीसीएस 2021 प्री का परिणाम
● 2019 और 2020 की उत्तरकुंजी दी तो 2021 पर मौन क्यों

प्रयागराज : लोक सेवा आयोग ने प्रतियोगी छात्रों के दबाव में दो मार्च को पीसीएस 2019 और 2020 की उत्तरकुंजी तो जारी कर दी लेकिन पीसीएस 2021 की उत्तरकुंजी पर मौन है। परीक्षा नियंत्रक अरविंद मिश्र ने पीसीएस 2019 और 2020 के संदर्भ में दो मार्च को कहा था कि उत्तरकुंजी जारी करने में तकनीकी व्यवधान से कुछ विलंब हुआ है। लेकिन भविष्य में परीक्षा की शुचिता, वैधानिकता तथा अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए समय के अंदर उत्तरकुंजी जारी की जाएगी।

लेकिन इसी के साथ यह भी सवाल खड़ा है कि एक दिसंबर को घोषित पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी करने में कौन सा तकनीकी व्यवधान है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि गुमराह करने के उद्देश्य से उत्तरकुंजी जारी करने में आनाकानी की जाती है। पीसीएस 2019 और 2020 की उत्तरकुंजी ने आयोग के विशेषज्ञों की योग्यता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आयोग को यह बताना चाहिए की पीसीएस-2021 प्री का परिणाम घोषित होने के तीन महीने बाद भी उत्तरकुंजी क्यों जारी नहीं की जा सकी है। जबकि सभी जानते हैं कि बिना उत्तरकुंजी को अंतिम रूप दिए प्री का परिणाम घोषित नहीं हो सकता।

हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक लंबित मामले

पीसीएस परीक्षा के प्रश्नों को लेकर विवाद हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक लंबित हैं। आयोग ने कोर्ट के आदेश पर पीसीएस 2015 में पहली बार उत्तरकुंजी जारी की थी। इसके बाद पीसीएस-2015 में गलत प्रश्नों को लेकर याचिका दाखिल हुई जो आज भी कोर्ट में लंबित है। पीसीएस-2016 में गलत प्रश्नों को लेकर उच्च न्यायालय ने परिणाम दोबारा जारी करने का आदेश दिया था। यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। पीसीएस-2017 में गलत प्रश्नों को लेकर उच्च न्यायालय ने परिणाम दोबारा जारी करने का आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने आयोग के पक्ष में निर्णय दिया। पीसीएस-2018 में आयोग ने संशोधित उत्तरकुंजी के स्थान पर हूबहू प्रथम उत्तरकुंजी जारी की थी। अभ्यर्थियों के न्यायालय जाने पर आयोग ने गलती सुधारी और उत्तरकुंजी जारी की। 2019, 2020 और 2021 के लिए याचिका दाखिल की गई है जिसकी सुनवाई इसी हफ्ते होनी है। पुन: कई प्रश्नों पर अभ्यर्थियों को आपत्ति है, जिसे लेकर अभ्यर्थी न्यायालय जाने को तैयार हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता प्रशांत पांडेय का कहना है कि समिति आयोग की शुचिता के लिए निरंतर प्रयास कर रही है लेकिन आयोग अभ्यर्थियों को परेशान करने में लगा है।

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