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Saturday, February 24, 2024

पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद आयोग पर आरओ/एआरओ परीक्षा रद करने का दबाव, प्री पर कुछ भी हो निर्णय RO/ARO मेंस का टलना तय

प्री पर कुछ भी हो निर्णय RO/ARO मेंस का टलना तय 

28 जुलाई से प्रस्तावित है आरओ/एआरओ मुख्य परीक्षा


प्रयागराज। पेपर लीक विवाद में फंसी समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 को लेकर कोई भी निर्णय लिया जाए लेकिन यह तय है कि मुख्य परीक्षा अपने प्रस्तावित समय पर नहीं कराई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के कैलेंडर में मुख्य परीक्षा 28 जुलाई से प्रस्तावित है।

आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। आयोग की किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आए और आयोग ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा कराई। 

आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और टाइप टेस्ट के साथ अंतिम चयन परिणाम 10 माह के भीतर जारी करने की तैयारी की थी लेकिन 11 फरवरी 2024 को हुई प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक का विवाद सामने आने के बाद आयोग की तैयारियों पर पानी फिर गया।

आयोग ने अपने वार्षिक कैलेंडर में 11 फरवरी को प्रारंभिक परीक्षा और 28 जुलाई से मुख्य परीक्षा प्रस्तावित की थी।



पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद आयोग पर आरओ/एआरओ परीक्षा रद करने का दबाव

प्रयागराज । पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा रद होने के बाद अब लोक सेवा आयोग पर भी आरओ/एआरओ परीक्षा रद करने का दबाव बढ़ गया है, हालांकि आयोग इस परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप की जांच अपनी - गठित आंतरिक टीम से करा रहा है, लेकिन जांच से प्रतियोगी संतुष्ट नहीं हैं।


प्रतियोगियों का दावा है कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। इसके बावजूद आयोग परीक्षा रद कर फिर से कराने के लिए तिथि घोषित न करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। शुक्रवार को प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए रात में पुलिस कमिश्नर और डीएम मौके पर पहुंचे, लेकिन प्रतियोगी आयोग के चेयरमैन को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। किसी तरह आयोग के सचिव को बुलाकर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगियों से बात कराई गई। 


सचिव ने उन्हें बताया कि प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप के संबंध में साक्ष्य मांगे गए हैं। उसकी जांच के बाद परीक्षा को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकेगा। प्रतियोगी रात में लौट तो गए, लेकिन उनके आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। वह परीक्षा रद कर परीक्षा की नई तिथि घोषित करने से कम पर सहमत नहीं हैं। प्रतियोगियों ने कहा है कि पुलिस भर्ती में भी पर्चा लीक होने को स्वीकार नहीं किया जा रहा था, लेकिन अंततः उसे निरस्त करना पड़ा। उसी तरह आरओ/एआरओ परीक्षा भी रद कर प्रतियोगियों को पुनः परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर दिया जाए।



RO-ARO पेपर लीक प्रकरण : आरओ-एआरओ पेपर लीक के विरोध में सड़क पर उतरे हजारों प्रतियोगी छात्र, आयोग के अध्यक्ष-कर्मचारी बने बंधक

उठाए सवाल, साक्ष्य है तो परीक्षा रद्द करने में देरी क्यों? 

देर रात सीपी और डीएम ने छात्रों से की बात


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक का विवाद दिनोंदिन तूल पकड़ता जा रहा है। पिछले कई दिनों से परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन शुक्रवार को और तीव्र हो गया। 


सुबह साढ़े दस बजे के करीब हजारों छात्र आयोग दफ्तर के सामने जुटे और रात तक प्रदर्शन, नारेबाजी चलती रही। आक्रोशित युवाओं ने आयोग के सभी गेट बंद कराकर अध्यक्ष संजय श्रीनेत्र समेत आयोग के सदस्यों तथा सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को बंधक बनने पर मजबूर कर दिया। छात्र परीक्षा निरस्त करने और पुनर्परीक्षा कराने की मांग पर अड़े हैं। 


उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंक गांधी ने एक्स पर ट्वीट कर प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन को समर्थन दिया है। माहौल को देखते हुए आयोग पर भारी संख्या में पुलिस और आरएफ के जवान तैनात रहे। देर रात डीएम,सीपी आयोग पहुंचे।


प्रयागराज : आरओ-एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगाते हुए प्रतियोगी छात्रों का प्रदर्शन कई दिनों से जारी है। शुक्रवार को देर रात आयोग के गेट के सामने अध्यक्ष संजय श्रीनेत्र से मिलने के लिए डटे रहे। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग को ईमेल पर साक्ष्य भेजे जा रहे हैं। 


कई प्रतियोगियों ने शपथपत्र के साथ ईमेल किया है। प्रतियोगी छात्र शपथपत्र के साथ साक्ष्य की हार्डकॉपी देने को भी तैयार हैं। जांच के लिए आयोग के पास सभी संसाधन भी उपलब्ध हैं तो आयोग परीक्षा निरस्त करने को लेकर निर्णय लेने में देरी क्यों कर रहा है। छात्रों ने कहा कि जब तक इस पर कोई निर्णय नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।


कोचिंग, लाइब्रेरी बंद कराकर अपील की थी
गुरुवार को प्रतियोगी छात्रों ने डेलीगेसियों में माइक मीटिंग की। अपील की गई थी कि शुक्रवार को कोचिंग और लाइब्रेरी बंद कराकर छात्र लोक सेवा आयोग पर एकत्र होंगे। इसी क्रम में सुबह तकरीबन साढ़े दस बजे से छात्र आयोग के बाहर एकत्र होने लगे। समर्थन में एनएसयूआई, समाजवादी छात्रसभा, दिशा छात्र संगठन समेत कई अन्य संगठन भी उतर आए। देखते ही देखते हजारों छात्र आयोग गेट के सामने बैठ गए। 


हंगामे की आशंका के मद्देनजर आयोग के सभी गेट बंद कर दिए गए और आयोग चौराहे से सिविल लाइंस बस अड्डा जाने वाली रोड पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया। वहीं देर रात पुलिस कमिश्नर और डीएम छात्रों से वार्ता करने पहुंचे।


आयोग अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग

रोजगार के सवाल पर 74 दिनों से जारी आंदोलन में पत्थर गिरजाघर स्थित धरनास्थल पर युवा मंच ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि आरओ-एआरओ व सिपाही भर्ती परीक्षा को सरकार रद्द करे। पुनर्परीक्षा कराने और सीबीआई जांच कराकर शिक्षा माफियाओं समेत अन्य दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की। 

छात्रों ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर पेपर लीक प्रकरण में हस्तक्षेप करने की मांग की। आयोग के सचिव को तत्काल निलंबित करने व अध्यक्ष से इस्तीफा दिलाने की मांग की। इस मौके पर राजेश सचान, अनिल सिंह, तेजेश सिंह, ब्रह्म सेन, ओम प्रकाश आदि शामिल रहे।


देर शाम अध्यक्ष की पत्नी और बेटी आईं आयोग

सुबह साढ़े दस बजे से प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन शुरू हुआ। आयोग के सभी गेटों पर प्रतियोगी घेरे हुए हैं। ऐसे में आयोग के भीतर से अधिकारी व कर्मचारी न तो बाहर आ पा रहे थे और न ही अंदर जा पा रहे थे। हंगामे की जानकारी होने पर शाम तकरीबन सात बजे आयोग अध्यक्ष की पत्नी व बेटी आयोग दफ्तर पहुंच गईं, जिन्हें पुलिस ने किसी तरह अंदर पहुंचाया।


रात में पुलिस कमिश्नर और डीएम पहुंचे बात करने

रात तकरीबन 1130 बजे पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और डीएम नवनीत सिंह चहल आयोग पहुंचे। दोनों अफसरों ने पहले छात्रों से वार्ता की फिर आयोग के अंदर जाकर मामले पर चर्चा की। छात्रों ने बताया कि आयोग के उपसचिव ने कहा मामले की जांच चल रही है, कम से कम तीन सप्ताह का वक्त दिया जाए। जिसके बाद कुछ छात्र हटने लगे लेकिन कुछ परीक्षा निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे।


28 को दिल्ली में उठाएंगे आवाज

आइसा ने आरओ/एआरओ के लीक पेपर की परीक्षा रद्द करके एक महीने में पुन परीक्षा कराने की मांग की। मनीष कुमार ने कहा कि इसके खिलाफ 28 को प्रदेश का युवा, यंग इंडिया के चलो दिल्ली अभियान के तहत दिल्ली में परीक्षाओं में पेपर लीक, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगा।


आंदोलनकारियों ने निकाला कैंडल मार्च

पेपर लीक का आरोप लगाते हुए देर रात आयोग गेट के सामने प्रतियोगी छात्रों ने हाथों में कैंडल लेकर विरोध दर्ज किया। कहा कि आयोग के अध्यक्ष से वार्ता करने के लिए बाहर आने को कई बार कहा गया पर वह नहीं आए।


तीन बार मिलने आए उप सचिव पर नहीं माने छात्र

प्रयागराज : प्रतियोगी छात्रों से वार्ता के लिए लोक सेवा आयोग के उप सचिव तीन बार छात्रों के बीच आए, लेकिन प्रतियोगी छात्रों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अब किसी तरह की वार्ता नहीं होगी। जो साक्ष्य दिए गए हैं उसके आधार पर परीक्षा निरस्त कर इसकी सूचना दी जाए तो ही प्रदर्शन समाप्त होगा।


खाना भी नहीं जाने दिया अंदर 
लोक सेवा आयोग के एक कर्मचारी के घर से महिला रात दस बजे आयोग दफ्तर पर खाना लेकर पहुंची। वह कर्मचारी को खाना देने के लिए अंदर जाना चाहती थी लेकिन वह अंदर नहीं जा सकी। गुस्से में उसने पूरा खाना बाहर कुत्ते को खिला दिया।


महिला कर्मचारियों को निकलने दिया बाहर 
आयोग पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने देर शाम मुख्य गेट से महिलाकर्मियों को बाहर जाने दिया। वहीं, प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि देर रात आयोग अध्यक्ष भी पीछे के रास्ते से निकल गए। अधिकांश छात्र देर रात आयोग से चले गए,लेकिन दर्जनों गेट के सामने डटे रहे। छात्रनेता आदर्श सिंह भदौरिया ने बताया कि देर रात आगे के आंदोलन पर रणनीति तय की जाएगी।

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