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Thursday, February 29, 2024

आरओ-एआरओ परीक्षा रद कराने की मांग, धरना जारी

आरओ-एआरओ परीक्षा रद कराने की मांग, धरना जारी


प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आरओ/ एआरओ की प्री परीक्षा रद कराने को लेकर प्रतियोगियों का धरना अनवरत चल रहा है। गुरुवार को पत्थर गिरजाघर के निकट धरनास्थल पर प्रतियोगियों ने पेपर लीक से जुड़े साक्ष्य के स्क्रीट शाट टांगे, जो लोक सेवा आयोग को उपलब्ध कराए हैं।

 प्रतियोगियों ने हाथों में लिए पोस्टरों पर लिख रखा है- 'आपका ध्यान किधर है, सारे सुबूत तो इधर हैं। प्रतियोगियों ने पेपर रद करने की मांग के साथ अब 17 मार्च को प्रस्तावित पीसीएस परीक्षा की तिथि भी बढ़ाने की मांग शुरू कर दी है, क्योंकि आंदोलन के कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है।

प्रतियोगी भीम राज मिश्र ने गुरुवार को धरने में कहा कि जब तक प्रतियोगियों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका धरना चलता रहेगा। उन्होंने प्रश्न किया कि आखिर परीक्षा रद करने के लिए आयोग को और कितने साक्ष्य चाहिए। जांच के नाम पर प्रकरण को लटकाया जा रहा है, जिससे प्रतियोगियों का नुकसान हो रहा है। 

धरने में अलग-अलग जिलों के महिला-पुरुष अभ्यर्थी सम्मिलित हो रहे हैं। शनि कुमार ने कहा कि पेपर लीक के आरोपितों को जैल नहीं भेजा गया तो आगे होने वाली परीक्षाओं के भी प्रश्नपत्र लीक होने का खतरा बना रहेगा।



अभ्यर्थियों ने कहा- साक्ष्य सामने तो लंबी जांच का दिखावा क्यों? आरओ/एआरओ पेपर लीक विवाद का मामला


प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक विवाद में अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को हलफनामे के साथ साक्ष्य सौंपे हैं। 


अभ्यर्थियों का कहना है कि साक्ष्य सामने हैं तो लंबी जांच का दिखावा क्यों किया जा रहा है। ऐसे में परीक्षा तत्काल निरस्त की जानी चाहिए है। अभ्यर्थियों ने आयोग को ईमेल आईडी पर साक्ष्य भेजने के साथ हार्डकॉपी भी उपलब्ध कराई है।


 अभ्यर्थियों का पूरा यकीन है कि प्रारंभिक परीक्षा की दोनों पालियों में पेपर लीक हुआ है और इसी वजह से उन्होंने हलफनामे के साथ साक्ष्य सौंपे हैं। मुरादाबाद की एक महिला अभ्यर्थी ने छात्र नेता कौशल सिंह के माध्यम से हलफनामे और पेपर लीक से जुड़े साक्ष्यों की हार्डकॉपी आयोग को उपलब्ध कराई है। 



RO / ARO : शासन ने 27 फरवरी तक मांगे थे साक्ष्य, अभ्यर्थियों को फैसले का इंतजार

UPPSC के साथ शासन पर भी जांच तेजी के साथ पूरी करने का दबाव



प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा - आयोग (यूपीपीएससी) के साथ ही शासन भी अपने स्तर से जांच करा रहा है। शासन ने 27 फरवरी तक अभ्यर्थियों से पेपर लीक से जुड़े साक्ष्य मांगे थे। यह मियाद मंगलवार को पूरी हो गई। परीक्षा को लेकर एक हफ्ते में निर्णय लिया सकता है।


दूसरी ओर, आयोग ने अभ्यर्थियों - से दो मार्च तक साक्ष्य मांगे हैं। साथ ही आयोग की तीन सदस्यीय आंतरिक कमेटी अलग से मामले की - जांच कर रही है। आयोग ने शासन को एसटीएफ जांच की संस्तुति भी भेजी थी। आयोग की आंतरिक जांच शुरू ही की थी, इसी बीच शासन ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और अलग से भी इसकी जांच शुरू करा दी। 11 फरवरी को हुई आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।


आयोग की किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आए और परीक्षा में सात लाख परीक्षार्थी शामिल हुए। प्रारंभिक परीक्षा के दौरान ही पेपर लीक विवाद सामने आने के बाद परीक्षा में शामिल ये सात लाख अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वहीं, पिछले तीन वर्षों में अभ्यर्थियों के बीच अपनी छवि तेजी से सुधारने वाले आयोग के सामने अब इसे बनाए रखने की चुनौती है।


प्रदेश की सबसे विश्वसनीय भर्ती संस्था की परीक्षा के दौरान पेपर लीक विवाद सामने आने के बाद शासन को भी इस मामले में सीधे हस्तक्षेप करना पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि वायरल हुए प्रश्नपत्र के वैकल्पिक उत्तरों में भले ही सभी प्रश्नों के उत्तर सही न रहे हों, लेकिन काफी संख्या में उत्तर सही भी मिले हैं। ऐसे में परीक्षा से पहले पेपर वायरल होने के आरोपों को पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया जा सकता है। अभ्यर्थी यह सवाल भी उठा रहे हैं कि जब पुलिस भर्ती परीक्षा निरस्त किए जाने का निर्णय लेने में देर नहीं हुई तो इसमे क्यों हो रही है।


अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे पूर्व आईपीएस, दिया समर्थन

प्रयागराज। पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने मंगलवार को आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा निरस्त किए जाने की मांग को लेकर सिविल लाइंस में धरने पर बैठे अभ्यर्थियों के बीच पहुंचकर उनसे मुलाकत की और आंदोलन को अपना समर्थन दिया। छात्रों ने उन्हें बताया कि आयोग सही ढंग से कार्रवाई नहीं कर रहा है और परीक्षा लीक के पुख्ता सबूत होने के बाद भी मामले को अनावश्यक रूप से टाल रहा है। 




आरओ-एआरओ परीक्षा की उत्तरकुंजी में छिपे हैं कई राज, उत्तरकुंजी से वायरल वैकल्पिक उत्तरों के मिलान के बाद स्पष्ट होगी स्थिति


प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 की उत्तरकुंजी में कई राज छिपे हैं। वायरल प्रश्नों के वैकल्पिक उत्तरों में कितने सही और कितने गलत थे, यह उत्तरकुंजी से मिलान के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। हालांकि, आयोग ने अपने स्तर से इसकी जांच कराई है।


प्रारंभिक परीक्षा 200 अंकों की थी और इसमें दो प्रश्नपत्र शामिल थे। दोनों प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार के थे। पहला पेपर सामान्य अध्ययन का 140 अंकों का था, जिसे दो घंटे में हल करना था। इसमें 140 प्रश्न थे। वहीं, दूसरा पेपर सामान्य हिंदी का था, जिसमें सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण से संबंधित 60 प्रश्न पूछे गए थे और यह प्रश्नपत्र 60 अंकों का था। इसे एक घंटे में हल करना था। 

आयोग के सूत्रों का कहना है कि अब तक मिले साक्ष्यों के अनुसार पहली पाली की परीक्षा से एक घंटे पहले प्रथम प्रश्न पत्र के वैकल्पिक उत्तर वायरल किए गए थे और जांच में पता चला है कि इनमें से केवल 60 सवालों के उत्तर सही हैं।


30 प्रदर्शनकारी हिरासत में, धरनास्थल पर हंगामा

समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे 30 प्रदर्शनकारियों को सोमवार को हिरासत में ले लिया गया। इन्हें अलग- अलग थानों में ले जाया गया। वहां दिनभर रखने के बाद पूछताछ कर शाम को छोड़ दिया गया। उधर, धरनास्थल पर जमकर हंगामा हुआ।


2016 में भी हुआ था लीक आरओ/एआरओ का पेपर, पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने से आयोग पर बढ़ा दबाव 


प्रयागराज : यूपीपीएससी की परीक्षाओं में भी सेंधमारी हुई थी। 2016 की आरओ/ एआरओ परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। उसकी जांच के बाद आयोग को परीक्षा रद करनी पड़ी। इस बार भी ऐसे ही हालात दिख रहे हैं। पेपर लीक की जांच चल रही है, अभ्यर्थियों को जांच पर भरोसा नहीं है। परीक्षा रद कर फिर से कराने की मांग कर रहे हैं। पुलिस भर्ती परीक्षा के रद होने से आयोग पर दबाव बढ़ा है।


आरओ/एआरओ- 2016 की प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर 2016 को 21 जिलों के 827 केंद्रों पर कराई गई थी। वह परीक्षा 361 पदों के लिए हुई थी। दो पालियों में आयोजित परीक्षा में 3,85,192 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 2,04,900 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। लखनऊ के एक केंद्र पर पेपर लीक हुआ था। पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के हजरतगंज थाने पेपर लीक होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसकी जांच सीबीसीआइडी ने की थी। 


जांच लंबी चली और फिर उसे रद करके 2020 में पुनः परीक्षा कराई गई। पेपर लीक के कारण वह भर्ती पांच वर्ष में पूरी हुई थी। इसके अलावा पीसीएस- 2015 की प्री परीक्षा का भी पेपर आउट आउट हुआ था। आयोग को उसे रद करके दोबारा परीक्षा करानी पड़ी थी। पीसीएस- 2016 की मुख्य परीक्षा में एक केंद्र पर दूसरी पाली का प्रश्न पत्र पहली पाली में बांट दिया गया था। इसलिए उस परीक्षा को भी रद किया गया था।


 राजकीय इंटर कालेजों के लिए प्रवक्ता और सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 में भी पेपर लीक हुआ था। उसे बाद आयोग को फिर से परीक्षा करानी पड़ी थी। पेपर लीक मामले में पूर्व में आयोग के अफसरों पर भी कार्यवाही हो चुकी है।



आरओ-एआरओ परीक्षा की शिकायतों की भी जांच

लखनऊ। सीएम योगी ने उप्र. लोक सेवा आयोग की ओर से 11 फरवरी को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा- 2023 से जुड़ी शिकायतों की भी जांच कराने का फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।


पेपर लीक मामले के चलते लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई RO/ ARO परीक्षा के संबंध में अब शासन लेगा निर्णय, 27 फरवरी तक मांगे साक्ष्य 


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 11.02.024 को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा - 2023 के संबंध में शासन को संज्ञान में लाए गए तथ्यों एवं शिकायतों के दृष्टिगत परीक्षा की शुचिता व पारदर्शिता के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि परीक्षा के संबंध में प्राप्त शिकायतों का शासन स्तर पर परीक्षण किया जाए।

सर्व साधारण को यह मूचित किया जाता है कि इस परीक्षा के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत अथवा इसकी शुचिता को प्रभावित करने वाले तथ्यों को संज्ञान में लाना चाहें तो वह अपना नाम तथा पूरा पता तथा साक्ष्यों सहित कार्मिक तथा नियुक्ति विभाग के ई-मेल आई.डी. - secyappoint@nic.in पर दिनांक 27.02.2024 तक उपलब्ध करा सकते हैं।




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